तेल ही तय करता है सेहत की दिशा: जानिए कौन-से कुकिंग ऑयल फायदेमंद हैं और कौन-से नुकसानदेह
खाना पकाने में इस्तेमाल होने वाले तेल का चुनाव केवल स्वाद नहीं, सेहत से भी जुड़ा फैसला है। कुछ तेल हृदय रोग, मोटापा और सूजन जैसी समस्याएं बढ़ा सकते हैं, जबकि कुछ तेल शरीर को ज़रूरी फैटी एसिड्स और विटामिन्स देते हैं। इस रिपोर्ट में जानिए कौन-से कुकिंग ऑयल सेहत के लिए बेहतर हैं और किनसे दूरी बनाना ज़रूरी है।

खाना पकाने में उपयोग होने वाला तेल केवल स्वाद का माध्यम नहीं है, बल्कि यह सीधे हमारे शरीर की कार्यप्रणाली, हृदय स्वास्थ्य, वजन, और सूजन जैसी जटिल स्थितियों को प्रभावित करता है। आधुनिक जीवनशैली में जहां जंक फूड और तले-भुने खाद्य पदार्थों का चलन बढ़ा है, वहीं तेल का चुनाव और उसका सही प्रयोग और भी जरूरी हो गया है।
सेहत के लिए लाभकारी कुकिंग ऑयल:
नीचे वे तेल बताए जा रहे हैं जो वैज्ञानिक दृष्टि से शरीर के लिए लाभकारी माने जाते हैं, बशर्ते इनका सही तरीके से प्रयोग हो:
1. एक्स्ट्रा वर्जिन ऑलिव ऑयल (Extra Virgin Olive Oil):
यह तेल जैतून के फलों से बिना किसी रासायनिक प्रक्रिया के निकाला जाता है। इसमें मोनोअनसैचुरेटेड फैट्स, पॉलीफेनोल्स, और विटामिन E पाया जाता है। यह हृदय को स्वस्थ रखता है, कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करता है और मस्तिष्क की कार्यक्षमता को बेहतर बनाता है।
उपयोग: हल्की आंच पर पकाने या सलाद ड्रेसिंग में इस्तेमाल करें।
2. एवोकाडो ऑयल (Avocado Oil):
यह विटामिन E, D, और हेल्दी फैटी एसिड्स का भंडार है। इसकी स्मोक पॉइंट (520°F) बहुत अधिक होती है, इसलिए यह डीप फ्राइंग और ग्रिलिंग के लिए उपयुक्त है।
विशेषता: यह कोलेस्ट्रॉल को कम करता है और आंखों की सेहत में भी मददगार होता है।
3. देसी घी (Ghee):
भारतीय परंपरा में घी को अमृत समान माना गया है। यह विटामिन A, D, E और K से भरपूर होता है और इसमें मौजूद CLA (Conjugated Linoleic Acid) शरीर की सूजन को कम करता है।
उपयोग: हाई हीट कुकिंग और पारंपरिक व्यंजनों के लिए आदर्श।
4. तिल का तेल (Sesame Oil):
तिल के बीजों से निकाला गया यह तेल सेसामिन और अन्य एंटीऑक्सिडेंट्स से भरपूर होता है। यह ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करता है और हड्डियों की मजबूती में सहायक होता है।
उपयोग: मीडियम हीट पर पकाने और एशियन व्यंजनों में।
5. सरसों का तेल (Mustard Oil):
भारतीय घरों में पीढ़ियों से उपयोग में लाया जा रहा यह तेल दिल के लिए लाभकारी है। इसकी एंटीबैक्टीरियल और एंटीफंगल गुण इसे एक नेचुरल प्रिज़र्वेटिव भी बनाते हैं।
ध्यान दें: इसे कच्ची घानी (कोल्ड-प्रेस्ड) विधि से लिया गया हो।
सेहत के लिए हानिकारक तेल:
कुछ तेल दिखने में आकर्षक और बाजार में सस्ते होते हैं, लेकिन लंबे समय तक इनके उपयोग से शरीर में हानिकारक प्रभाव हो सकते हैं।
1. पाम ऑयल (Palm Oil):
यह सैच्युरेटेड फैट से भरपूर होता है, जो कोलेस्ट्रॉल लेवल बढ़ाकर दिल की बीमारियों को न्यौता देता है। साथ ही इसके उत्पादन से वनों की कटाई और पर्यावरणीय क्षति भी होती है।
2. वेजिटेबल ऑयल ब्लेंड्स (Vegetable Oil Blends):
इनमें अक्सर सोयाबीन, कैनोला, सूरजमुखी आदि के तेल मिलाए जाते हैं और ये प्रोसेस्ड होते हैं। इनमें ट्रांस फैट और अत्यधिक ओमेगा-6 होता है जो सूजन और हृदय रोग का कारण बनता है।
3. सोयाबीन तेल (Soybean Oil):
यह तेजी से ऑक्सीडाइज होता है, जिससे शरीर में फ्री रेडिकल्स बढ़ सकते हैं। ओमेगा-6 की अधिकता के कारण यह सूजन को बढ़ा सकता है।
4. मक्का तेल (Corn Oil):
मक्का तेल जेनेटिकली मोडिफाइड हो सकता है और इसमें भी ओमेगा-6 की अधिकता होती है। यह उच्च तापमान पर विषैले तत्व उत्पन्न कर सकता है।
5. सनफ्लावर ऑयल (Sunflower Oil):
यदि यह हाई-ओलेइक नहीं है, तो इसकी स्मोक पॉइंट कम होती है, जिससे यह जल्दी जल जाता है और शरीर को नुकसान पहुंचा सकता है।
तेल के उपयोग के लिए सुझाव:
तेल का बार-बार उपयोग न करें। बार-बार गर्म करने से इसमें फ्री रेडिकल्स बनते हैं जो कैंसर जैसी बीमारियों का कारण बन सकते हैं।
तेल की मात्रा सीमित रखें - ज्यादा तेल यानी ज्यादा कैलोरी और ज्यादा वसा।
स्मोक पॉइंट समझें - हर तेल की एक सीमा होती है जिस तापमान पर वह सुरक्षित रहता है।
ठंडी और अंधेरी जगह पर तेल रखें - धूप, गर्मी और हवा से तेल की गुणवत्ता गिरती है।
बदल-बदल कर तेल प्रयोग करें - एक ही तेल हमेशा उपयोग करना भी सेहत के लिए नुकसानदायक हो सकता है।
सेहतमंद जीवनशैली की शुरुआत रसोई से होती है। सही कुकिंग ऑयल चुनकर आप न केवल स्वाद का आनंद ले सकते हैं, बल्कि अपने शरीर को आवश्यक पोषण भी दे सकते हैं। तेल का चुनाव समझदारी से करें और खुद को तथा परिवार को बीमारियों से बचाएं।
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