हिंदी मेला 2025 में अमिताभ श्रीवास्तव को मिला ‘माधव शुक्ल नाट्य सम्मान’ | कोलकाता

सांस्कृतिक पुनर्निर्माण मिशन और भारतीय भाषा परिषद ने वरिष्ठ रंगकर्मी अमिताभ श्रीवास्तव को 2025 का सम्मान देने की घोषणा की। पाँच दशक से अधिक की रंगयात्रा, NSD स्नातक और 100 से अधिक नाटकों में अभिनय। पूरी रिपोर्ट पढ़ें।

Nov 29, 2025 - 10:13
Nov 29, 2025 - 10:19
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हिंदी मेला 2025 में अमिताभ श्रीवास्तव को मिला ‘माधव शुक्ल नाट्य सम्मान’ | कोलकाता
वरिष्ठ रंगकर्मी अमिताभ श्रीवास्तव

27 नवंबर, सांस्कृतिक संवाददाता, कोलकाता |  में आयोजित होने वाले 31वें हिंदी मेला के अंतर्गत वर्ष 2025 का ‘माधव शुक्ल नाट्य सम्मान’ वरिष्ठ रंगकर्मी अमिताभ श्रीवास्तव  को प्रदान किया जाएगा। यह घोषणा सांस्कृतिक पुनर्निर्माण मिशन और भारतीय भाषा परिषद द्वारा संयुक्त रूप से की गई। सांस्कृतिक पुनर्निर्माण मिशन के संयुक्त महासचिव प्रो. संजय जायसवाल ने बताया कि यह सम्मान उन रंगकर्मियों को दिया जाता है जिन्होंने भारतीय रंगमंच, अभिनय और नाट्य-लेखन में सार्थक योगदान किया हो। सम्मान समारोह 26 दिसंबर से 31 दिसंबर 2025 को आयोजित हिंदी मेला के दौरान संपन्न होगा। सम्मान के रूप में श्रीवास्तव  को ₹11,000 की सम्मान राशि, स्मृति चिह्न तथा मानपत्र प्रदान किए जाएँगे।

पाँच दशक का रंगकर्म: अमिताभ श्रीवास्तव की यात्रा

1979 में राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय (NSD) से अभिनय में विशेषज्ञता प्राप्त करने वाले अमिताभ श्रीवास्तव  भारत के उन चुनिंदा रंगकर्मियों में शामिल हैं, जिन्होंने आधुनिक हिंदी रंगमंच को नई दिशा दी। उन्होंने अपने करियर में 100 से अधिक नाटकों में अभिनय किया है। टीवी धारावाहिकों में उल्लेखनीय भूमिकाएँ- गोविंद निहलानी, बासु चटर्जी, कमल हसन, देव बेनेगल, प्रियदर्शन और अभिषेक कपूर जैसे निर्देशकों के साथ फीचर फ़िल्में कीं।

विश्व-मान्य नाटकों का अनुवाद और रूपांतरण: टेलीविजन के लिए मूल पटकथाएँ और फीचर फ़िल्मों के संवाद लेखन, रंगमंच और सिनेमा दोनों क्षेत्रों में उनका योगदान व्यापक और गंभीर रहा है।

जिन गुरुओं के साथ काम किया: भारतीय रंगकला के दिग्गजों का प्रभाव

अमिताभ श्रीवास्तव  ने भारतीय और अंतरराष्ट्रीय रंगमंच के इन महान निर्देशकों के साथ काम किया- ई. अल्काज़ी, ब. व. कारंत, सत्यव्रत सिन्हा, फ्रिट्ज़ बेनेविट्ज़ (जर्मनी), बैरी जॉन, प्रसन्ना, रंजीत कपूर, देवेंद्र राज अंकुर, एम. के. रैना, अमाल अल्लाना यह सूची स्वयं में एक सांस्कृतिक इतिहास है।

पहले भी मिल चुका है राष्ट्रीय सम्मान

अमिताभ श्रीवास्तव  को अभिनय में उत्कृष्ट योगदान के लिए वर्ष 2011 में संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार भी प्रदान किया जा चुका है, जो भारतीय कला जगत का सर्वोच्च सम्मान माना जाता है।

सम्मान के निर्णायक: सर्वोत्तम चयन को न्याय

2025 की निर्णायक समिति में शामिल थे, डॉ. शम्भुनाथ (वरिष्ठ साहित्यकार), रंगकर्मी महेश जायसवाल, मृत्युंजय श्रीवास्तव , सुशील कांति। समिति के अनुसार, अमिताभ श्रीवास्तव  का योगदान आधुनिक हिंदी रंगमंच की धरोहर है। यह सम्मान उनके रचनात्मक जीवन की स्वाभाविक स्वीकृति है।”

 

 

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