न्याय की प्रतीक्षा हुई पूरी: अंकिता भंडारी हत्याकांड में दोषियों को उम्रकैद
उत्तराखंड के कोटद्वार सत्र न्यायालय ने अंकिता भंडारी हत्याकांड में तीनों आरोपियों को दोषी ठहराते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई है। यह निर्णय न्याय प्रणाली में जनता के विश्वास को मजबूत करता है और महिलाओं के खिलाफ अपराधों के प्रति सख्त संदेश देता है।

उत्तराखंड के कोटद्वार सत्र न्यायालय ने आज, 30 मई 2025 को, अंकिता भंडारी हत्याकांड में मुख्य आरोपी पुलकित आर्य (पूर्व भाजपा नेता विनोद आर्य के पुत्र) और उसके दो सहयोगियों सौरभ भास्कर एवं अंकित गुप्ता को उम्रकैद की सजा सुनाई है। तीनों को भारतीय दंड संहिता की धाराओं 302 (हत्या), 354 (महिला की मर्यादा भंग करने का प्रयास) और 120बी (आपराधिक साजिश) के तहत दोषी ठहराया गया।
मामले का पृष्ठभूमि:
- सितंबर 2022 में 19 वर्षीय अंकिता भंडारी, जो पौड़ी जिले के यमकेश्वर स्थित वनंत्रा रिज़ॉर्ट में रिसेप्शनिस्ट के रूप में कार्यरत थीं, अचानक लापता हो गईं।
- जांच में सामने आया कि अंकिता को "विशेष सेवा" देने के लिए मजबूर किया जा रहा था, और इनकार करने पर उसे चीला नहर में धक्का देकर हत्या कर दी गई।
- पुलिस ने विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया, जिसने 500 पन्नों की चार्जशीट में 47 गवाहों के बयान और 30 से अधिक दस्तावेजी साक्ष्य प्रस्तुत किए।
न्यायिक प्रक्रिया और निर्णय:
- कोर्ट ने सभी तीनों आरोपियों को दोषी ठहराते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई।
- न्यायालय परिसर में भारी सुरक्षा व्यवस्था की गई थी ताकि किसी भी अप्रिय स्थिति से बचा जा सके।
परिवार और समाज की प्रतिक्रिया:
- अंकिता के परिजनों ने न्यायालय के निर्णय का स्वागत किया, लेकिन उन्होंने दोषियों को मृत्युदंड देने की मांग की है।
- राज्यभर में इस मामले को लेकर व्यापक जनआक्रोश देखा गया, और विभिन्न स्थानों पर विरोध प्रदर्शन हुए।
What's Your Reaction?






