UPSC-अभ्यर्थी का जलता हुआ शव, हार्ड-डिस्क में 15+ प्राइवेट वीडियो; लिव-इन पार्टनर गिरफ्तार
दिल्ली: तिमारपुर में मिले यूपीएससी-अभ्यर्थी रामकेश मीणा के मामले में पुलिस ने हार्ड-डिस्क में 15 से अधिक महिलाओं के अवैध/निजी वीडियो पाए, जाँच में पता चला कि उसके लिव-इन पार्टनर और दो साथियों ने कथित रूप से हत्या कर शव जलाया। फोरेंसिक व डिजिटल साक्ष्य की पड़ताल जारी। पढ़ें पूरी खबर ...
नई दिल्ली: तिमारपुर इलाके के गांधीविहार के एक फ्लैट से 6 अक्तूबर को मिले 32 वर्षीय यूपीएससी-अभ्यर्थी रामकेश मीणा के झुलसे शरीर की फोरेंसिक जाँच और पुलिस छानबीन ने एक चौंकाने वाला खुलासा किया है: मृतक के पास मिली हार्ड-डिस्क में कम-से-कम 15 महिलाओं के अश्लील (निजी) वीडियो पाए गए हैं और पुलिस का कहना है कि इसी को लेकर उसकी लिव-इन पार्टनर और उसके दो साथियों ने हत्या की साज़िश रची। आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद घटनाक्रम और डिजिटल साक्ष्यों की पड़ताल जारी है।
क्या हुआ? घटना का संक्षिप्त क्रम
पुलिस के मुताबिक 6 अक्तूबर को गांधीविहार के एक फ्लैट में एक भारी आग के बाद घर में एक युवक का झुलसा हुआ शव मिला। शुरुआती जाँच में आग को हादसा बताने की कोशिश मिली, पर बाद की फोरेंसिक पड़ताल, सीसीटीवी फुटेज और कॉल-डिटेल रिकॉर्ड (CDR) ने हत्या-साज़िश की तस्वीर उभारी। तीन आरोपियों, मृतक की 21 वर्षीय लाइव-इन पार्टनर अमृता चौहान, उसका पूर्व प्रेमी सुमित कश्यप और एक सहयोगी संदीप को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस आरोपियों की सक्रिय गवाही और डिजिटल/फोरेंसिक साक्ष्यों के बल पर केस आगे बढ़ा रही है।
हार्ड-डिस्क और ‘प्राइवेट’ वीडियो, क्या मिला और क्या कह रही पुलिस
फ्लैट से बरामद हार्ड-डिस्क/लैपटॉप की फ़ोरेन्सिक जाँच में पुलिस को कम-से-कम 15 महिलाओं के अश्लील (निजी) वीडियो मिले, जिनमें से एक वीडियो आरोपी अमृता का भी बताया जा रहा है। फोरेंसिक टीम इन वीडियो की महिलाओं की पहचान करने और यह निर्धारित करने की कोशिश कर रही है कि क्या वे वीडियो सहमति से रिकॉर्ड किए गए थे या नहीं। पुलिस ने बताया कि इसी तथ्य ने विवाद को हवा दी और मामला तड़क-भड़क कर हिंसा में बदल गया।
आरोप-प्रक्रिया: कैसे बनी साज़िश
प्राथमिक पुलिस बयानों और मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, अमृता ने आरोप लगाया कि रामकेश ने उसका निजी वीडियो बनाया था, वह उसे हटाने और प्रकाशित न करने के लिए दबाव बना रही थी। अमृता ने कथित रूप से अपने पूर्व प्रेमी सुमित से मदद माँगी; सुमित और उसका साथी संदीप मिलकर रामकेश को लेने आए, बातचीत और झड़प के दौरान हत्या हो गई, और बाद में शव को जलाकर मामला हादसे जैसा दिखाने की कोशिश की गई। दिल्ली पुलिस ने सीसीटीवी, मोबाइल लोकेशन और कॉल रिकॉर्ड के आधार पर इस कथित साज़िश का खुलासा किया है।
फोरेंसिक और तकनीकी दिशाएँ, क्या किया जा रहा है
पुलिस ने फोरेंसिक लैब से हार्ड-डिस्क की पूरी इमेजिंग करवाई है ताकि डेटा रिकवरी, टैम्परिंग-ट्रेस और फाइल-मेटाडेटा (रिकॉर्डिंग-तिथि/डिवाइस-आईडी) की पड़ताल हो सके। साथ ही, मोबाइल-सीडीआर और सीसीटीवी फुटेज से आरोपियों की टाइमिंग, मूवमेंट व क्रॉस-वेरिफिकेशन किया जा रहा है। ऐसे मामलों में डिजिटल-ट्रेल अकसर घटनाक्रम स्पष्ट करते हैं, लेकिन सही न्याय के लिए तकनीकी निष्कर्षों को कानूनी मानकों पर परखा जाएगा।
सामाजिक और कानूनी असर
निजता और भरोसा: ऐसा दिखता है कि निजी वीडियो (इंटिमेसी) के डिजिटल भंडार ने व्यक्तिगत रिश्ते से लेकर जानलेवा घटना तक का कारण बनकर आधुनिक तकनीक-संबंधी भय को उजागर किया।
लिव-इन संबंध व सामाजिक तनाव: लिव-इन संबंधों पर बने पूर्वाग्रह, झूठी व्याख्या और सामाजिक शर्म-लज्जा के तंत्र भी ऐसे हिंसक नतीजों में भूमिका निभा सकते हैं, विशेषकर जब मायने रखती सामग्री सार्वजनिक या दुरुपयोग का डर दे।
कानूनी दायरा: यदि वीडियो बिना सहमति रिकॉर्ड, वितरित किए गए हों, तो पोर्नोग्राफिक, ऑब्सीनिटी कानून, IT एक्ट और सायबर-हैरेसमेंट के तहत आरोप बनते हैं; वहीं हत्या-प्रयास/हत्या के अलग आपराधिक प्रावधान लागू होंगे।
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