अंतरिक्ष यात्री बनने की राह: 12वीं के बाद एस्ट्रोनॉट कैसे बनें?
क्या आप भी अंतरिक्ष में तैरने और चाँद-तारों को करीब से देखने का सपना देखते हैं? भारत के शुभांशु शुक्ला की प्रेरक कहानी ने यह दिखाया है कि समर्पण और सही दिशा में प्रयास करके एस्ट्रोनॉट बनना संभव है। यह लेख उन छात्रों के लिए मार्गदर्शिका है, जो 12वीं के बाद अंतरिक्ष में करियर बनाना चाहते हैं। इसमें बताया गया है कि कौन-से विषय चुनें, कौन-सी डिग्रियाँ आवश्यक हैं, किन एजेंसियों में आवेदन करें और क्या शारीरिक-मानसिक योग्यताएँ जरूरी हैं। अगर आप भी अंतरिक्ष मिशन का हिस्सा बनना चाहते हैं, तो यह लेख आपके लिए एक प्रेरणास्रोत साबित हो सकता है।

अंतरिक्ष की अनंत गहराइयाँ और वहाँ से दिखता चमकता ब्रह्मांड हर किसी को रोमांचित करता है। क्या आपने कभी सोचा है कि शून्य गुरुत्व में तैरते हुए पृथ्वी को बाहर से देखना कैसा अनुभव होगा? हाल ही में भारत के शुभांशु शुक्ला की प्रेरणादायक कहानी ने ऐसे ही कई युवाओं को यह यकीन दिलाया है कि अंतरिक्ष में जाना सिर्फ सपना नहीं, एक संभव हकीकत है। यदि आप भी 12वीं के बाद एस्ट्रोनॉट बनने की ख्वाहिश रखते हैं, तो यह लेख आपके लिए बेहद उपयोगी है। इसमें हम जानेंगे कि कैसे आप इस रोमांचक सफर की शुरुआत कर सकते हैं और इस क्षेत्र में उपलब्ध करियर विकल्पों को कैसे अपना सकते हैं।
12वीं के बाद एस्ट्रोनॉट बनने की राह
एस्ट्रोनॉट बनना आसान नहीं होता, यह एक कठिन, लेकिन बेहद गौरवपूर्ण यात्रा है। इसके लिए आपको दृढ़ संकल्प, शारीरिक-मानसिक ताकत और वैज्ञानिक दृष्टिकोण की आवश्यकता होती है। आइए जानें इस दिशा में उठाए जाने वाले जरूरी कदम:
सही स्ट्रीम का चयन
12वीं कक्षा में आपको विज्ञान (Science) स्ट्रीम का चुनाव करना होगा, जिसमें भौतिक विज्ञान (Physics), रसायन विज्ञान (Chemistry) और गणित (Mathematics) शामिल हों। यही विषय आगे की पढ़ाई की मजबूत नींव बनाते हैं।
स्नातक डिग्री प्राप्त करें
एस्ट्रोनॉट बनने के लिए तकनीकी या वैज्ञानिक पृष्ठभूमि बेहद जरूरी है। आप निम्नलिखित क्षेत्रों में स्नातक (Graduation) कर सकते हैं:
एयरोस्पेस या एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग
भौतिक विज्ञान या गणित
कंप्यूटर साइंस या जैविक विज्ञान
भारत में आप IIT, NIT या अन्य प्रमुख तकनीकी संस्थानों से डिग्री प्राप्त कर सकते हैं।
उच्च शिक्षा व विशेषज्ञता
सिर्फ स्नातक काफी नहीं होता। यदि आप पीएच.डी. या मास्टर्स जैसे उच्च अध्ययन में विशेषज्ञता प्राप्त करते हैं, तो यह आपके प्रोफाइल को अंतरिक्ष एजेंसियों के लिए अधिक योग्य बनाता है। रिसर्च का अनुभव और वैज्ञानिक प्रकाशन इसमें मददगार होते हैं।
व्यावसायिक अनुभव
एस्ट्रोनॉट बनने की राह में अनुभव बड़ी भूमिका निभाता है। आप इन विकल्पों में अनुभव ले सकते हैं:
अनुसंधान वैज्ञानिक के रूप में कार्य करना
वायुसेना या सेना में पायलट ट्रेनिंग
ISRO, DRDO जैसी संस्थाओं में अनुसंधान कार्य
फिटनेस और मानसिक दक्षता
एस्ट्रोनॉट्स को अत्यंत कठिन प्रशिक्षण से गुजरना पड़ता है। इसके लिए आपकी शारीरिक क्षमता, दबाव में कार्य करने की मानसिक शक्ति और टीमवर्क बेहद अहम हैं। नियमित व्यायाम, ध्यान और मानसिक अनुशासन इस दिशा में सहायक हैं।
अंतरिक्ष एजेंसियों में आवेदन
उपयुक्त योग्यता व अनुभव के बाद आप विभिन्न अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष एजेंसियों में आवेदन कर सकते हैं, जैसे:
NASA (अमेरिका)
ISRO (भारत)
ESA (यूरोप)
Roscosmos (रूस)
ये एजेंसियाँ समय-समय पर एस्ट्रोनॉट चयन कार्यक्रम (Astronaut Selection Program) चलाती हैं, जिनके लिए वैश्विक स्तर पर आवेदन आमंत्रित किए जाते हैं।
यदि आपके भीतर भी चाँद, सितारे और अनंत आकाश को छूने की जिज्ञासा है, तो यह सपना केवल कल्पना नहीं, एक सुनियोजित प्रयास से साकार हो सकता है। शुभांशु शुक्ला जैसे युवा यह साबित कर रहे हैं कि भारत का युवा भी अब नक्षत्रों की राह पर चल सकता है।
तो देर किस बात की? आज ही अपने ‘अंतरिक्ष मिशन’ की नींव रखें!
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