ऑनलाइन रम्मी और पोकर पर समय सीमा लागू: मद्रास हाईकोर्ट ने तमिलनाडु सरकार के नियम को वैध ठहराया
मद्रास उच्च न्यायालय ने तमिलनाडु सरकार द्वारा ऑनलाइन रम्मी और पोकर पर निर्धारित समय सीमा को वैध करार दिया। कोर्ट ने कहा कि यह कदम जनहित, युवाओं की सुरक्षा और मानसिक स्वास्थ्य की रक्षा के लिए उठाया गया है और यह संविधान सम्मत है।

चेन्नई, जून 2025: मद्रास उच्च न्यायालय ने ऑनलाइन रम्मी और पोकर जैसे खेलों पर खेलने की समय सीमा निर्धारित करने के तमिलनाडु सरकार के नियम को वैध ठहराते हुए स्पष्ट किया है कि यह प्रतिबंध जनहित और मानसिक स्वास्थ्य की रक्षा के लिए आवश्यक है।
यह निर्णय मुख्य न्यायाधीश संजय वी. गंगापुरवाला और न्यायमूर्ति पी. डी. ऑडिकेसवालु की पीठ ने सुनाया। अदालत ने कहा कि राज्य सरकार को यह अधिकार है कि वह समाज के कमजोर वर्गों, विशेष रूप से युवाओं और छात्रों, को ऑनलाइन गेमिंग की लत से बचाने के लिए उचित समय-सीमा निर्धारित कर सके।
प्रमुख बिंदु: तमिलनाडु सरकार ने नियम बनाया था कि ऑनलाइन रम्मी और पोकर केवल विशिष्ट समय सीमाओं में ही खेले जा सकते हैं।
याचिकाकर्ताओं ने इस नियम को चुनौती देते हुए कहा था कि यह व्यक्तिगत स्वतंत्रता और व्यापार के अधिकार का उल्लंघन है।
अदालत ने याचिका खारिज करते हुए कहा, "खेल की स्वतंत्रता निरपेक्ष नहीं है। राज्य सरकार को जनहित में ऐसे खेलों पर नियंत्रण रखने का अधिकार है।"
पीठ ने कहा: "ऑनलाइन गेमिंग की बढ़ती लत, आत्महत्या के मामलों में वृद्धि, आर्थिक क्षति और मानसिक स्वास्थ्य पर असर, इन सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए सरकार का यह कदम न्यायसंगत है।"
अदालत ने इस निर्णय में यह भी जोड़ा कि रम्मी और पोकर जैसे गेम, भले ही कुछ हद तक कौशल आधारित हों, लेकिन जब वे पैसे के साथ ऑनलाइन खेले जाते हैं, तो उनके जुए में बदलने की पूरी संभावना रहती है।
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