गुजरात: पूर्व आईपीएस अधिकारी को बिटकॉइन अपहरण-ठगी मामले में आजीवन कारावास
गुजरात में पूर्व आईपीएस अधिकारी व अन्य को बिटकॉइन अपहरण-ठगी में आजीवन कारावास | अहमदाबाद कोर्ट ने बिटकॉइन घोटाले में दोषी पाए गए आईपीएस अधिकारी जगदीश पटेल व अन्य 13 को सजा सुनाई। जानें पूरा मामला, पुलिस व नेताओं की संलिप्तता, गवाहों के मुकरने और अदालती सख्ती के बारे में।

अहमदाबाद की एक सत्र अदालत ने गुजरात के पूर्व आईपीएस अधिकारी जगदीश पटेल, पूर्व विधायक नलिन कोटाडिया समेत 14 अन्य आरोपियों को 2018 में एक व्यापारी से बिटकॉइन (लगभग ₹32 करोड़ मूल्य) की जबरन वसूली और अपहरण के मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। इस बड़े क्रिप्टोकरंसी घोटाले ने राज्य के पुलिस तंत्र पर सवाल खड़े कर दिए हैं। पुलिस व नेताओं की संलिप्तता, गवाहों के मुकरने और सख्त न्यायिक कार्रवाई ने पूरे देश का ध्यान आकर्षित किया है।
कैसे हुआ खुलासा?
2018 में सूरत के बिल्डर शैलेश भट्ट का अपहरण कर उनसे 200 बिटकॉइन (~₹32 करोड़) और नकदी अवैध रूप से वसूली गई थी। इस वारदात में शामिल पुलिस अधिकारियों और राजनेताओं की पहचान जाँच में सामने आई।
अदालत में क्या हुआ?
सालों चले इस मुकदमे में 173 गवाह और 290 साक्ष्य पेश किए गए। 14 आरोपियों, जिनमें पूर्व आईपीएस जगदीश पटेल, पुलिस इंस्पेक्टर अनंत पटेल और पूर्व विधायक नलिन कोटाडिया शामिल हैं, सभी को आजीवन कारावास और 25,000 रुपए जुर्माने की सजा दी गई।
मुख्य बिंदु
- आरोपी व्यक्तियों पर अपहरण, साजिश, जबरन वसूली और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मुकदमा चला।
- कई गवाह अदालत में मुकर गए, अदालत ने उनके खिलाफ झूठी गवाही के लिए कार्रवाई का आदेश दिया।
- फैसले में अभियुक्तों की संपत्ति जब्त करने, जुर्माना लगाने और केस की भविष्य में निगरानी के निर्देश दिए गए।
- दोषियों ने आरोपों का खंडन कर राजनीतिक प्रतिशोध की बात कही।
- इस केस ने पुलिस की कार्यशैली और राज्य की कानून व्यवस्था पर गंभीर सवाल उठाए हैं।
What's Your Reaction?






