गाजीपुर प्रशासन पर अब तक का सबसे बड़ा सार्वजनिक आरोपपत्र

व्हिसलब्लोअर दिव्य प्रकाश राय ने DM व CDO पर ₹9.6 लाख घोटाले को दबाने, FIR रोकने, RTI पेनल्टी छुपाने और संगठित भ्रष्टाचार का आरोप लगाया। डिजिटल अभियान, PIL और NHRC तक मामला पहुँचा। पूरी विस्तार से पढ़ें।

Nov 29, 2025 - 09:39
Nov 29, 2025 - 09:53
 0
गाजीपुर प्रशासन पर अब तक का सबसे बड़ा सार्वजनिक आरोपपत्र
गाजीपुर प्रशासन पर अब तक का सबसे बड़ा सार्वजनिक आरोपपत्र

‘ऑपरेशन कुरुक्षेत्र’: गाजीपुर प्रशासन के अंदर छिपे भ्रष्टाचार के महाभारत का खुलासा

एक नागरिक का शंखनाद और प्रशासन की चुप्पी: पूर्वांचल के शांत शहर गाजीपुर में इन दिनों एक अलग तरह का युद्ध छिड़ा हुआ है, यह युद्ध न सीमाओं पर लड़ा जा रहा है, न राजनीतिक मंचों पर। यह युद्ध है एक साधारण नागरिक बनाम पूरा प्रशासनिक तंत्र। और इस युद्ध को नाम दिया गया है-‘ऑपरेशन कुरुक्षेत्र’। व्हिसलब्लोअर दिव्य प्रकाश राय ने एक विस्तृत सार्वजनिक आरोपपत्र जारी किया है, जिसमें DM, CDO, BDO, जनसूचना अधिकारी, SP तथा अन्य प्रशासनिक कर्मियों पर भ्रष्टाचार को संरक्षण देने, FIR रोकने, RTI दमनकारी कार्यवाही करने, और कानून के शासन से समझौता करने के गंभीर आरोप लगाए गए हैं। इस आरोपपत्र की भाषा रूपकात्मक है, लेकिन आरोप पूरी तरह ठोस, दस्तावेजीय और कानूनी प्रावधानों के साथ समर्थित हैं। रिपोर्ट के अनुसार, यह लड़ाई अब ‘एक केस’ नहीं, बल्कि एक आंदोलन बन चुकी है।

हस्तिनापुर का दरबार, DM अवनीश कुमार पर आरोपों की पड़ताल

DM गाजीपुर: “आँखें होते हुए भी अधर्म न देखने की जिद” व्हिसलब्लोअर के आरोपों के अनुसार, गाजीपुर प्रशासन ने स्वयं ₹85,050/- और ₹8,75,772/- के अधिभार नोटिस जारी किए। अधिभार नोटिस का अर्थ है, “किसी परियोजना में वित्तीय अनियमितता घटित हुई” घोटाले की पुष्टि हो चुकी थी।

फिर भी,

 DM अवनीश कुमार ने FIR दर्ज करने का आदेश नहीं दिया।

 शिकायतकर्ता द्वारा दिए गए शपथपत्र (Affidavit) को नज़रअंदाज़ किया।

 RTI अधिनियम के तहत हुई पेनल्टी की वसूली आज तक नहीं की।

 ललिता कुमारी (FIR अनिवार्यता) के नियमों की प्रशासनिक अवमानना की।

शिकायतकर्ता कहते हैं: “DM की चुप्पी प्रशासनिक लापरवाही नहीं, भ्रष्टाचार की मौन स्वीकृति है।” DM पर यह भी आरोप है कि उन्होंने व्हिसलब्लोअर संरक्षण अधिनियम, 2014 के अनुरूप कोई सुरक्षा नहीं दी, उलटा परिस्थिति इस तरह बनाई कि शिकायतकर्ता लगातार भय, दमन और मानसिक उत्पीड़न में रहे।

CDO संतोष कुमार वैश्य पर बड़े सवाल

तहसील दिवस में हुआ ‘वादा’ लेकिन कार्रवाई शून्य, मामला तब और गंभीर हुआ जब: शिकायतकर्ता ने अम्बुज कुमार राय के नाम से तहसील दिवस में CDO से न्याय की गुहार लगाई। CDO ने जनता के सामने FIR कराने का आश्वासन दिया। लेकिन यह आश्वासन ‘औपचारिक’ और ‘बेफ़ायदा’ साबित हुआ। इसके बाद, CDO संतोष वैश्य ने BDO की झूठी व अप्रमाणिक रिपोर्ट को ज्यों का त्यों आगे बढ़ाया। फ़ाइल ‘निस्तारित’ लिखकर बंद कर दी गई। RTI में दंडित अधिकारियों से ₹50,000 की वसूली नहीं की गई। व्हिसलब्लोअर इसे महाभारत के रूपक में इस तरह बताते हैं-जिस तरह दुर्योधन ने पांडवों को सुई की नोक के बराबर जमीन तक देने से इनकार किया था, उसी तरह CDO ने FIR और न्याय के अधिकार से इनकार किया।”

व्हिसलब्लोअर का अल्टीमेटम और प्रशासन की ढीठ चुप्पी

दिव्य प्रकाश राय ने प्रशासन को तीन भारी कानूनों का हवाला दिया: ललिता कुमारी बनाम उ.प्र. FIR अनिवार्य, सुप्रीम कोर्ट का स्पष्ट आदेश: “संज्ञेय अपराध में FIR दर्ज करना अनिवार्य है।” गाजीपुर पुलिस व प्रशासन ने इसे अनदेखा किया।

व्हिसलब्लोअर संरक्षण अधिनियम, 2014

कानून कहता है कि: किसी भी भ्रष्टाचार की शिकायत करने वाले नागरिक को संरक्षण दिया जाए। उनकी पहचान, सुरक्षा और अधिकार की रक्षा हो, यह भी नहीं किया गया। शिकायतकर्ता के अनुसार, उलटा माहौल भयभीत करने वाला बना दिया गया।

RTI अधिनियम, 2005 पेनल्टी की वसूली अनिवार्य

गाजीपुर के दो जनसूचना अधिकारियों प्रमोद कुमार, मो. महताब पर ₹25,000–₹25,000 की पेनल्टी लगी। परंतु DM–CDO ने वसूली आज तक नहीं की। शिकायतकर्ता का आरोप, ये दोनों अधिकारी बड़े षड़यंत्र के प्यादे थे। इसलिए DM–CDO ने इनसे वसूली नहीं की।”

अंतिम चेतावनी, जो प्रशासन ने अनसुनी कर दी

व्हिसलब्लोअर ने खुली चुनौती दी: हिम्मत है तो FIR करो!”

यह वाक्य एक असहाय नागरिक की क्रोधपूर्ण चीख नहीं, बल्कि सबूतों पर अडिग सत्य का आत्मविश्वास था। लेकिन प्रशासन ने इस चुनौती को भी अनसुना कर दिया। IGRS शिकायत  80019525001085 भी ‘निस्तारित’ लिखकर दबा दी गई।

गीता का उपदेश, रणनीति का विस्तार और डिजिटल युद्ध का ऐलान

जब सभी रास्ते बंद कर दिए गए तब शिकायतकर्ता ने एक तीन-स्तरीय निर्णायक रणनीति की घोषणा की। सोशल मीडिया युद्ध ‘ऑपरेशन पर्दाफाश’

30 दिनों बाद शुरू होने वाली वीडियो शृंखला:

गाजीपुर फाइल्स, DM अवनीश कुमार

DM की ज़िम्मेदारियाँ और कथित विफलताओं का खुलासा।

CDO संतोष वैश्य आश्वासन का नाटक

“सबूत बोलते हैं, अधिभार नोटिस ही घोटाले के दस्तावेज़” हर वीडियो जनता के बीच ‘विराट रूप’ जगाने का हथियार होगा।

न्यायिक अभियान हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में दस्तक

इलाहाबाद हाईकोर्ट

1. SP पर ललिता कुमारी अवमानना रिट

2. DM + SP पर व्हिसलब्लोअर संरक्षण उल्लंघन

3. PIL प्रशासनिक आतंकवाद + वित्तीय घोटाला

ब्रह्मास्त्र NHRC और CVC

 NHRC को शिकायत, जीवन व स्वतंत्रता के अधिकार का उल्लंघन

 CVC को पूरा केस, संगठित भ्रष्टाचार का आरोपपत्र

जनता का विराट रूप, अब लड़ाई केवल व्यक्ति की नहीं, जनता की है

रिपोर्ट में कहा गया: सोशल मीडिया पर हर शेयर, हर पत्रकार द्वारा प्रकाशित रिपोर्ट, हर वकील की कानूनी मदद, हर नागरिक का समर्थन ‘जनता का विराट रूप’ है। शिकायतकर्ता ने कहा, आपने एक व्यक्ति को चुनौती दी थी। अब आपके खिलाफ 140 करोड़ जनता का विराट रूप खड़ा होगा।”

धर्म की पुनर्स्थापना का संकल्प

अंतिम संदेश बेहद शक्तिशाली है:यह लड़ाई विनाश के लिए नहीं, धर्म की स्थापना के लिए है। यदि हम जीतते हैं, तो यह हर नागरिक के लिए प्रेरणा बनेगी। यदि हम हारते हैं, तो हमारी कहानी हजारों और आवाजें जगाएगी।” और अंत में, गाजीपुर प्रशासन के लिए सीधी चेतावनी: शंखनाद हो चुका है। अब या तो न्याय होगा, या महाविनाश दर्ज होगा।”

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow

न्यूज डेस्क जगाना हमारा लक्ष्य है, जागना आपका कर्तव्य