सीवान: फर्जी एनकाउंटर विवाद में लकी तिवारी घायल, SIT प्रभारी पर गंभीर आरोप
सीवान के भंटापोखर में एसआईटी व पुलिस की संयुक्त कार्रवाई के दौरान लकी तिवारी दोनों पैरों में गोली लगने से घायल हो गए। पुलिस का दावा है कि लकी 'कुख्यात अपराधी' है और किसी बड़ी वारदात की योजना बना रहा था, वहीं लकी और चश्मदीदों का आरोप है कि फल लेते वक्त उसे बिना किसी वजह भीड़ में गोली मारी गई।

एसआईटी व पुलिस ने 'कुख्यात अपराधी' बताकर गोली मारी, चश्मदीदों व परिजनों ने फँसाने के आरोप लगाए
सीवान के भंटापोखर में एसआईटी व पुलिस की संयुक्त कार्रवाई के दौरान लकी तिवारी दोनों पैरों में गोली लगने से घायल हो गए। पुलिस का दावा है कि लकी 'कुख्यात अपराधी' है और किसी बड़ी वारदात की योजना बना रहा था, वहीं लकी और चश्मदीदों का आरोप है कि फल लेते वक्त उसे बिना किसी वजह भीड़ में गोली मारी गई। एनकाउंटर पर पुलिस चुप, स्थानीय लोग व मीडिया सवाल पूछ रहे हैं कि आखिर निर्दोष बताए जा रहे युवक को अपराधी बताकर एनकाउंटर क्यों दिखाया जा रहा है।
अब तक की तथ्यात्मक जानकारी
- घटना 15 अगस्त 2025 की है, जब लकी तिवारी फल खरीदने बाजार गये थे, उसी समय एसआईटी और स्थानीय पुलिस की संयुक्त टीम ने उन्हें घेर लिया और गोली मारी।
- लकी तिवारी घायल अवस्था में अस्पताल में भर्ती हैं, उन्हें दोनों पैरों में गोली लगी है।
- पुलिस का दावा है कि लकी 'कुख्यात अपराधी' है, पर उसकी आपराधिक पृष्ठभूमि की जाँच अभी चल रही है और घटना के समय उस पर कोई विद्यमान मुकदमा नहीं था, यह आरोप मीडिया रिपोर्ट में बार-बार उठाया गया।
- लकी ने अपने बयान में पुलिस पर मनमानी और जातीय प्रतिशोध के आरोप लगाए हैं: "मुझे ब्राह्मण होने की वजह से निशाना बनाया गया"।
- चश्मदीदों के अनुसार, दो गाड़ियां आईं, सिविल ड्रेस में लोग उतरे और बिना किसी विवाद के गोली चलाई गई।
- पुलिस ने कैमरे पर बयान देने से परहेज किया, स्थानीय पत्रकारों को कवरेज से रोका गया और घटना को लेकर अलग-अलग कथन सामने आए।
- अस्पताल प्रशासन के अनुसार, लकी तिवारी की हालत फिलहाल स्थिर है।
- संबंधित SIT प्रभारी विनोद कुमार सिंह पर पूर्व में भी फर्जी एनकाउंटर और मनमानी के आरोप लगे हैं; जिले से उनका तबादला हो चुका है लेकिन वे हालिया मामलों में शामिल दिखे।
मामले की असली सच्चाई पुलिस जाँच और न्यायिक प्रक्रिया के बाद ही सामने आएगी। फिलहाल, पुलिस की कार्यशैली, निष्पक्षता एवं जातिवाद के आरोपों ने सीवान में प्रशासनिक और सामाजिक चिंता को बढ़ा दिया है।
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