कानपुर में दरोगा अभिनव चौधरी रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार, निलंबित और भेजा गया जेल
कानपुर के नौबस्ता थाने में तैनात दरोगा अभिनव चौधरी को एंटी करप्शन टीम ने यशोदा नगर में 20 हजार रुपये घूस लेते हाथों-हाथ गिरफ्तार किया। उन पर मुकदमे से एक आरोपी का नाम हटाने के लिए कुल 50 हजार रुपये की माँग करने और पहले ही पांच हजार रुपये वसूल करने का आरोप है। गिरफ्तारी के बाद उन्हें निलंबित कर दिया गया और लखनऊ जेल भेज दिया गया। मामले में आरोपित ने कहा कि उन्हें फर्जी मुकदमे में फँसाया गया था और दरोगा के दबाव के बाद उन्होंने एंटी करप्शन टीम से मदद माँगी थी।

कानपुर : नौबस्ता थाने में तैनात दरोगा अभिनव चौधरी को एंटी करप्शन टीम ने यशोदा नगर में 20 हजार रुपये घूस लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया है। दरोगा पर यह आरोप है कि वह एक मुकदमे से आरोपी का नाम हटाने के लिए पहले 50 हजार रुपये की माँग कर चुके थे और उन्होंने पांच हजार रुपये पहले ही वसूल कर लिए थे। इसके बाद दरोगा ने वादी से समझौता कराने और बाकी रकम बाद में लेने की बात भी कही थी।
दरोगा के खिलाफ मंगलवार सुबह इंस्पेक्टर अर्चना शुक्ला ने एंटी करप्शन थाने में मुकदमा दर्ज कराया, जिसके बाद उन्हें लखनऊ जेल भेज दिया गया। डीसीपी दक्षिण दीपेंद्र नाथ चौधरी ने आरोपित दरोगा को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया।
मामला एक जमीनी विवाद और संपत्ति पर कब्जा करने के आरोप से जुड़ा है। 14 जनवरी को होजरी कारोबारी त्रिपुरेश मिश्रा ने प्राथमिकी दर्ज कराई थी, जिसमें आरोपी प्रत्यूष कुमार समेत अन्य पर जालसाजी, रंगदारी और धोखाधड़ी का आरोप लगाया गया था। मुकदमे की जांच के दौरान दरोगा अभिनव चौधरी ने प्रत्यूष कुमार से मुकदमे से नाम हटाने के लिए 50 हजार रुपये की माँग की थी और 28 मई को पांच हजार रुपये भी वसूल कर लिए थे। बाद में दरोगा ने फिर से पांच हजार रुपये की माँग की।
दो जून को दरोगा ने प्रत्यूष को वादी त्रिपुरेश से मिलने के लिए बुलाया था, लेकिन वे नहीं गए। तीन जून को यशोदा नगर में दरोगा ने प्रत्यूष को बुलाकर कहा कि वादी से बात हो गई है और वह समझौता करने को तैयार है। उन्होंने कहा कि अब 20 हजार रुपये दे दो और बाकी रकम समझौता होने पर ले लूंगा। प्रत्यूष ने बताया कि उन्हें फर्जी मुकदमे में फँसाया गया था और दरोगा के दबाव के कारण उन्होंने एंटी करप्शन टीम से मदद माँगी थी।
एंटी करप्शन टीम के इंस्पेक्टर सूर्य प्रताप सिंह ने बताया कि दरोगा को कैंट थाने ले जाकर जीरो एफआईआर कराई गई, क्योंकि एंटी करप्शन थाने में आरोपित को रखने के लिए लॉकअप नहीं है। बाद में मुकदमा तुरंत एंटी करप्शन थाने में ट्रांसफर कर दिया गया। फिलहाल दरोगा अभिनव चौधरी को लखनऊ कोर्ट में पेश करने के बाद जेल भेज दिया गया है।
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