LoC पर 19 दिनों बाद पहली शांत रात
नियंत्रण रेखा (LoC) पर 19 दिनों की अशांति के बाद पहली बार 11 मई की रात शांतिपूर्ण रही। पहलगाम में हुए आतंकी हमले 22 अप्रैल के बाद से लगातार तनाव और गोलीबारी की खबरें आ रही थीं, लेकिन बीती रात न तो फायरिंग हुई और न ही मोर्टार-गोले चले।

श्रीनगर, 12 मई 2025 : नियंत्रण रेखा (LoC) पर 19 दिनों की अशांति के बाद पहली बार 11 मई की रात शांतिपूर्ण रही। पहलगाम में हुए आतंकी हमले 22 अप्रैल के बाद से लगातार तनाव और गोलीबारी की खबरें आ रही थीं, लेकिन बीती रात न तो फायरिंग हुई और न ही मोर्टार-गोले चले। यह खबर स्थानीय लोगों और सेना के लिए राहत की सांस लेकर आई है, लेकिन सवाल यह है कि क्या यह शांति स्थायी होगी?
पहलगाम हमले के बाद बढ़ा था तनाव
22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में बायसरन घाटी में आतंकियों ने पर्यटकों पर हमला किया, जिसमें 26 लोगों की मौत हो गई। इस हमले के बाद भारत ने 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत पाकिस्तान और पाक अधिकृत कश्मीर (PoK) में लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद के 9 आतंकी ठिकानों पर एयरस्ट्राइक की, जिसमें 90 आतंकियों के मारे जाने की खबर आई। इस कार्रवाई से बौखलाए पाकिस्तान ने LoC पर लगातार गोलीबारी शुरू कर दी। पुंछ और तंगधार जैसे क्षेत्रों में गोलाबारी ने 15 नागरिकों की जान ले ली और 43 लोग घायल हुए।
19 दिनों बाद शांति की रात
11 मई की रात को LoC और अंतरराष्ट्रीय सीमा पर किसी भी तरह का सीजफायर उल्लंघन या हिंसक घटना नहीं हुई। पुंछ, जो अक्सर गोलाबारी का केंद्र रहा है, वहां भी कोई अप्रिय घटना नहीं हुई। सेना सूत्रों ने 10 मई की रात 9 बजे के बाद से फायरिंग बंद होने की पुष्टि की थी, और यह शांति 11 मई की पूरी रात बनी रही। श्रीनगर में देर रात ब्लैकआउट भी हटा लिया गया, जिससे स्थानीय लोगों ने राहत की सांस ली।
क्या यह शांति स्थायी है?
हालांकि यह शांति एक सकारात्मक संकेत है, लेकिन विशेषज्ञ इसे लेकर सतर्क हैं। 10 मई को अमेरिका की मध्यस्थता में भारत और पाकिस्तान के बीच एक युद्धविराम समझौता हुआ था, जो शाम 5 बजे से प्रभावी हुआ। लेकिन कुछ ही घंटों बाद पाकिस्तान ने इसका उल्लंघन कर दिया था। विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने इसकी कड़ी निंदा करते हुए कहा था, "पाकिस्तान ने समझौते का उल्लंघन किया है, और भारतीय सेना इसका उचित जवाब देगी।" इस घटना के बाद मिसरी को सोशल मीडिया पर ट्रोलिंग का सामना करना पड़ा, जिसने तनाव को और हवा दी।
पिछले रिकॉर्ड भी शांति की स्थायित्व पर सवाल खड़े करते हैं। 26-27 अप्रैल की रात को पाकिस्तानी सेना ने तुतमारी गली और रामपुर में गोलीबारी की थी, जिसका भारतीय सेना ने जवाब दिया था। ऐसे में, यह शांति कितने दिनों तक बनी रहेगी, इस पर संदेह बना हुआ है।
स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया
पुंछ और श्रीनगर के स्थानीय लोगों ने इस शांति का स्वागत किया है। एक स्थानीय निवासी ने कहा, "19 दिनों बाद हमें रात में चैन की नींद आई। हम बस यही चाहते हैं कि यह शांति बनी रहे।" लेकिन कई लोग डर के साए में जी रहे हैं। एक माँ ने कहा, "मुझे नहीं पता कि यह शांति कब तक रहेगी। हम अपने बच्चों को स्कूल भेजने से डरते हैं।"
What's Your Reaction?






