अन्ना विश्वविद्यालय यौन उत्पीड़न मामला: आरोपी को आजीवन कारावास, पीड़िता को 25 लाख का मुआवजा | कोर्ट ने दी कड़ी सजा और चेतावनी
चेन्नई की एक सत्र अदालत ने अन्ना विश्वविद्यालय की एक छात्रा के यौन उत्पीड़न के मामले में आरोपी ज्ञानसेकरन को दोषी ठहराते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।

चेन्नई की एक सत्र अदालत ने अन्ना विश्वविद्यालय की एक छात्रा के यौन उत्पीड़न के मामले में आरोपी ज्ञानसेकरन को दोषी ठहराते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। महिला न्यायालय की विशेष न्यायाधीश एम. राजलक्ष्मी ने यह स्पष्ट किया कि दोषी को कम से कम 30 वर्ष तक जेल में रहना होगा, तब जाकर वह किसी भी प्रकार की समयपूर्व रिहाई के लिए पात्र माना जा सकेगा। साथ ही उस पर ₹90,000 का जुर्माना भी लगाया गया।
इस मामले ने उस समय तूल पकड़ा था जब दिसंबर 2023 में अन्ना विश्वविद्यालय परिसर में छात्रा के साथ यौन उत्पीड़न की घटना सामने आई थी और चेन्नई पुलिस ने 23 दिसंबर को आरोपी को गिरफ्तार किया था।
महत्वपूर्ण कानूनी घटनाक्रम:
मद्रास उच्च न्यायालय ने इस मामले की जाँच के लिए तीन महिला आईपीएस अधिकारियों की विशेष जाँच टीम (SIT) गठित करने का आदेश दिया था।
SIT में डॉ. भुक्या स्नेहा प्रिया, अयमान जमाल और एस. बृंदा शामिल थीं।
जाँच के दौरान सामने आया कि एफआईआर लीक होने के कारण पीड़िता की पहचान उजागर हो गई थी, जो कानूनन एक गंभीर चूक है।
इस पर हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को पीड़िता को ₹25 लाख का अंतरिम मुआवजा देने का आदेश दिया।
बाद में, सुप्रीम कोर्ट ने जनवरी 2024 में हाईकोर्ट के उस निर्देश (जो राज्य को विभागीय जाँच करने को कहता था) पर अंतरिम रोक लगा दी थी।
विधिक सन्दर्भ:
यौन उत्पीड़न से संबंधित मामलों में भारतीय दंड संहिता (IPC) की धाराएँ—Section 354 (छेड़छाड़), Section 376 (बलात्कार), और Section 506 (आपराधिक धमकी) जैसी धाराओं के तहत कार्रवाई की जाती है।
पीड़िता की पहचान उजागर करना CrPC की धारा 228A के तहत दंडनीय अपराध है।
समयपूर्व रिहाई पर रोक का आदेश यह दर्शाता है कि अदालत इस अपराध की गंभीरता को देखते हुए "rarest of the rare" श्रेणी में रख रही है।
सामाजिक सन्देश:
यह फैसला न केवल एक न्यायिक दृष्टांत है, बल्कि उच्च शिक्षण संस्थानों में महिला सुरक्षा के प्रति एक स्पष्ट संदेश भी देता है। कोर्ट ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए संस्थागत लापरवाही और पुलिसीय चूक दोनों पर सवाल उठाए, जिससे भविष्य में ऐसी घटनाओं की रोकथाम की उम्मीद की जा सकती है।
What's Your Reaction?






