कमल हासन की ‘ठग लाइफ’ पर विवाद: निर्माता ने कर्नाटक में संभावित प्रतिबंध के खिलाफ हाईकोर्ट का रुख किया
कमल हासन अभिनीत बहुप्रतीक्षित फिल्म 'ठग लाइफ' को लेकर कर्नाटक में विवाद खड़ा हो गया है। कर्नाटक फिल्म चैंबर ऑफ कॉमर्स (KFCC) ने अभिनेता की एक कथित टिप्पणी के विरोध में फिल्म के बहिष्कार की घोषणा की है।

कमल हासन अभिनीत बहुप्रतीक्षित फिल्म 'ठग लाइफ' को लेकर कर्नाटक में विवाद खड़ा हो गया है। कर्नाटक फिल्म चैंबर ऑफ कॉमर्स (KFCC) ने अभिनेता की एक कथित टिप्पणी के विरोध में फिल्म के बहिष्कार की घोषणा की है। अब, फिल्म के सह-निर्माता राजकमल फिल्म्स इंटरनेशनल ने कर्नाटक हाईकोर्ट में याचिका दायर की है, जिसमें फिल्म की निर्बाध स्क्रीनिंग और सुरक्षा की माँग की गई है।
विवाद तब भड़का जब एक प्रचार कार्यक्रम के दौरान कमल हासन ने कथित तौर पर कहा कि 'कन्नड़ भाषा तमिल से उत्पन्न हुई है'। इस बयान को KFCC ने अपमानजनक बताते हुए फिल्म की स्क्रीनिंग पर रोक लगाने की बात कही है। हालांकि, निर्माताओं का दावा है कि बयान को संदर्भ से हटाकर पेश किया गया है और यह वास्तव में तमिल-कन्नड़ संबंधों की सौहार्दपूर्ण भावना को व्यक्त करने वाला था।
विधिक पक्ष और याचिका की मुख्य माँगें:
याचिकाकर्ता (राजकमल फिल्म्स) द्वारा माँगी गई राहतें:
1. किसी भी संस्था (राज्य प्राधिकरण या KFCC) को फिल्म पर प्रतिबंध या व्यवधान उत्पन्न करने से रोकने का आदेश।
2. राज्य सरकार को आवश्यक सुरक्षा सुनिश्चित करने के निर्देश, जिससे कि फिल्म से जुड़े व्यक्ति और दर्शक किसी भी खतरे के बिना 5 जून से फिल्म देख सकें।
3. KFCC को फिल्म की स्क्रीनिंग/रिलीज़ को रोकने हेतु कोई दबाव डालने या सार्वजनिक निर्देश जारी करने से रोका जाए।
विधिक सन्दर्भ:
भारतीय संविधान का अनुच्छेद 19(1)(a) (अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता) और 19(1)(g) (पेशे का अधिकार) यह सुनिश्चित करता है कि कोई निर्माता अपनी फिल्म को बिना अनुचित प्रतिबंध के प्रदर्शित कर सके।
यदि कोई संगठन सार्वजनिक सुरक्षा को खतरे में डालते हुए अघोषित 'बैन' लागू करता है, तो इसे 'मॉरल पुलिसिंग' माना जा सकता है, जो कि सुप्रीम कोर्ट के कई निर्णयों में असंवैधानिक ठहराया गया है।
सुप्रीम कोर्ट ने सिनेमेटोग्राफ एक्ट, 1952 की धारा 6(1) का हवाला देते हुए यह स्पष्ट किया है कि एक बार सर्टिफाइड फिल्म को रोकना राज्य की जिम्मेदारी नहीं होनी चाहिए, जब तक कि कोई ठोस कानून-व्यवस्था की समस्या न हो।
निर्माता का पक्ष:
कथित बयान वास्तव में कन्नड़ अभिनेता शिवराजकुमार के लिए प्रशंसा और सौहार्द जताने के उद्देश्य से दिया गया था।
करीब ₹300 करोड़ की लागत से बनी यह फिल्म, मणिरत्नम और कमल हासन की दूसरी सहयोगात्मक कृति है, जिसमें त्रिशा, सिलंबरासन और ए.आर. रहमान भी शामिल हैं।
याचिका में कहा गया है कि फिल्म के प्रति वैश्विक उत्साह को देखते हुए कर्नाटक में इसकी स्क्रीनिंग रोकना 'मनमाना प्रतिबंध' होगा।
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