जैक द बाबून: लंगूर जिसने 9 साल बिना गलती की रेलवे नौकरी
जानिए दक्षिण अफ्रीका के उइटेनहेज रेलवे स्टेशन की हैरान कर देने वाली सच्ची कहानी, जहाँ 'जैक द बाबून' नामक लंगूर ने 9 साल तक सिग्नलमैन की नौकरी की और एक भी गलती नहीं की। उसकी खोपड़ी आज भी संग्रहालय में सुरक्षित है।

1880 के दशक में दक्षिण अफ्रीका के उइटेनहेज रेलवे स्टेशन पर जेम्स एडविन वाइड नामक सिग्नलमैन काम करते थे। एक हादसे में उनकी दोनों टांगें चली गईं, जिसके बाद काम करना उनके लिए चुनौतीपूर्ण हो गया। तभी उनकी मुलाकात हुई एक असाधारण लंगूर से, जिसका नाम रखा गया 'जैक'।
जैक बेहद बुद्धिमान साबित हुआ। उसने न सिर्फ अपने मालिक के घर के काम संभाले, बल्कि रेलवे में सिग्नल बदलने और गाड़ियों की गति नियंत्रित करने जैसे जिम्मेदार कार्य भी सीखे। यात्री शिकायत के बाद रेलवे अधिकारियों ने उसका परीक्षण लिया और पाया कि लंगूर हर काम बिना गलती कर रहा है। इसके बाद कंपनी ने आधिकारिक रूप से उसे सिग्नलमैन की नौकरी पर रख लिया।
उसे दैनिक 20 सेंट और हर हफ्ते आधी बोतल बीयर बतौर 'वेतन' मिलता था। चौंकाने वाली बात यह है कि 1881 से 1890 तक अपने पूरे कार्यकाल में जैक ने एक भी गलती नहीं की। उसकी मृत्यु 1890 में तपेदिक से हुई। आज उसकी खोपड़ी अल्बानी म्यूजियम, ग्राहमस्टाउन (दक्षिण अफ्रीका) में संरक्षित है और उइटेनहेज स्टेशन की एक दीवार पर उसे और जेम्स को सम्मानित किया गया है।
यह कहानी पशु-विज्ञान और रेलवे प्रशासनिक इतिहास में एक अभूतपूर्व उदाहरण के रूप में दर्ज है।
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