IGRS शिकायत में मुख्यमंत्री आदेश का उल्लंघन? प्रयागराज में DCP–ACP–SHO पर गंभीर आरोप
प्रयागराज के अशोक कुमार जायसवाल ने IGRS शिकायत को नीचे स्तर पर भेजकर बंद करने और 2018 के शासनादेश के उल्लंघन का आरोप लगाया है। DCP, ACP और SHO कोरांव पर कार्रवाई की माँग। पूरा मामला पढ़ें।
प्रयागराज : कोरांव निवासी अशोक कुमार जायसवाल ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भेजी अपनी शिकायत में गंभीर आरोप लगाए हैं कि उनकी IGRS शिकायत संख्या 60000250202025 दिनांक 02.09.2025 को अवैध रूप से नीचे स्तर (उप-निरीक्षक स्तर) के अधिकारियों से जाँच करवा कर बंद कर दिया गया, जबकि वर्ष 2018 में मुख्य सचिव द्वारा जारी शासनादेश में स्पष्ट कहा गया है कि-
“जिस अधिकारी/कर्मचारी के विरुद्ध शिकायत हो, उसकी जाँच कम से कम एक स्तर ऊपर के अधिकारी से ही कराई जाए.”
(आदेश संख्या 1/2018/117/पैतीस-2-2018-3/39(4)/18 दिनांक 08-02-2018)
शिकायत में उठाए गए मुख्य बिंदु
1. DCP ने आदेश के विरुद्ध जाँच ACP को सौंप दी
जायसवाल ने कहा कि शिकायत SHO कोरांव, ACP मेजा और अन्य पुलिसकर्मियों के विरुद्ध थी, इसलिए आदेशानुसार जाँच DCP स्तर पर ही होनी चाहिए थी, लेकिन DCP यमुनानगर विवेक चन्द्र यादव ने जाँच ACP मेजा को सौंप दी, जो आदेश का स्पष्ट उल्लंघन है।
2. SHO के अधीनस्थ उप-निरीक्षकों से रिपोर्ट तैयार
शिकायत में कहा गया है कि
- उ०नि० शिवशंकर यादव
- म०उ०नि० कृष्णा सोनी
- म०उ०नि० शिवानी पटेल
जो सभी SHO के अधीनस्थ हैं, उन्होंने 21.09.2025 को जाँच रिपोर्ट तैयार की, जो पूरी तरह आदेश-विरुद्ध है।
3. SHO ने स्वयं ‘स्वयं को बचाने’ वाली रिपोर्ट लगा दी
जायसवाल का कहना है कि SHO कोरांव ने बिना तथ्यात्मक जाँच किए
23.09.2025 को अपनी ओर से भी एक रिपोर्ट दर्ज कर दी, जो सीधे-सीधे “अपने ऊपर की शिकायत में स्वयं जाँच करने” की श्रेणी में आता है। आदेश में ऐसी स्थिति में तत्काल निलंबन और विभागीय कार्यवाही का उल्लेख है।
4. शासनादेश की अवमानना को बताया ‘गंभीर प्रशासनिक अपराध’
शिकायतकर्ता के अनुसार पुलिस विभाग ने-
- नैसर्गिक न्याय
- पारदर्शिता
- मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा जारी आदेश
- IGRS की मूल भावना
सभी का उल्लंघन किया है और BNS, 2023 की धाराओं के अंतर्गत अपराध भी किया है।
5. माँग– DCP, ACP, SHO और सभी सम्बंधित SI का निलंबन व FIR
अशोक कुमार जायसवाल ने माँग की है कि-
- DCP विवेक चन्द्र यादव को प्रतिकूल प्रविष्टि (Adverse Entry) दी जाए
- SHO कोरांव व ACP मेजा सहित सभी जाँच-कर्ताओं को निलंबित किया जाए
- तथा BNS की धाराओं के अंतर्गत कठोर आपराधिक कार्यवाही की जाए।
उन्होंने सभी संबंधित संलग्नक भी शिकायत पत्र के साथ जोड़े हैं।
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