पीड़ितों पर दर्ज फर्ज़ी क्रॉस केस: पुलिसिया साजिश के खिलाफ 'जागो टीवी' की PIL मुहिम
उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा पीड़ितों पर ही फर्ज़ी क्रॉस केस दर्ज करने की बढ़ती घटनाओं के विरुद्ध ‘जागो टीवी’ ने जनहित याचिका (PIL) दाखिल करने की पहल की है। आरोप है कि पुलिस आरोपी पक्ष से घूस लेकर निर्दोषों को फँसाने की साजिश कर रही है। इस अन्याय के खिलाफ आवाज़ उठाने और पीड़ितों को न्याय दिलाने के उद्देश्य से 'जागो टीवी' नागरिकों से जानकारी साझा करने की अपील कर रहा है। इच्छुक व्यक्ति ईमेल या कॉल के माध्यम से संपर्क कर इस मुहिम में शामिल हो सकते हैं।

प्रयागराज/लखनऊ: उत्तर प्रदेश के हंडिया और नैनी पुलिस प्रशासन पर गंभीर आरोप लगे हैं कि कई मामलों में असली पीड़ितों को ही अपराधी साबित करने की कोशिश की गई है। पुलिस द्वारा आरोपियों से घूस लेकर निर्दोष व्यक्तियों पर फर्ज़ी क्रॉस केस (Cross FIR) दर्ज कर, उन्हें मानसिक, सामाजिक और कानूनी उत्पीड़न में धकेलने की प्रवृत्ति पर सवाल खड़े हो रहे हैं।
इस पुलिसिया साजिश और उच्चाधिकारी संरक्षित अन्याय के विरुद्ध 'जागो टीवी' ने जनहित याचिका (PIL) दायर करने का बीड़ा उठाया है। चैनल की ओर से जारी जन-जागरूकता पोस्टर में नागरिकों से अपील की गई है कि यदि वे या उनके परिचित इस प्रकार के अन्याय के शिकार हैं, तो वे अपनी जानकारी साझा करें ताकि सामूहिक रूप से न्याय की माँग की जा सके।
क्या है 'फर्ज़ी क्रॉस केस'?
फर्ज़ी क्रॉस केस वह स्थिति होती है जब कोई पीड़ित व्यक्ति अपराध की शिकायत करता है, और पुलिस या प्रभावशाली पक्ष द्वारा उस पीड़ित के खिलाफ ही जवाबी FIR दर्ज करा दी जाती है, अकसर किसी झूठे, फर्जी मेडिकल बनवाकर या तोड़े-मरोड़े गए आरोप के आधार पर। यह पीड़ित को चुप कराने, समझौते के लिए मजबूर करने या उसे दोषी सिद्ध करने का माध्यम बन जाता है।
PIL क्यों?
'जागो टीवी' का दावा है कि उन्हें कई ऐसे मामलों की जानकारी मिली है, जिनमें:
असली आरोपियों से पुलिस ने घूस ली,
पीड़ितों पर ही विवादित धाराओं में मुकदमे दर्ज कर दिए गए,
मामलों को गलत दिशा में मोड़ दिया गया, ताकि असली अपराधी बरी हो सकें।
इससे स्पष्ट होता है कि पीड़ितों को न केवल न्याय से वंचित किया जा रहा है, बल्कि उन्हें ही अपराधी साबित करने की कोशिश हो रही है। ऐसी घटनाएँ संविधान के अनुच्छेद 14 (समानता का अधिकार), 21 (जीवन व व्यक्तिगत स्वतंत्रता का अधिकार) और 39-A (न्याय तक पहुँच) का सीधा उल्लंघन हैं।
'जागो टीवी' की अपील:
पोस्टर के माध्यम से निम्न अपील की गई है:
"तो उठाइए आवाज़! आरोपियों से घूस लेकर निर्दोषों को फँसाने की साजिश के खिलाफ हम कर रहे हैं PIL इंसाफ की लड़ाई में शामिल हों।"
शिकायत कैसे भेजें?
यदि कोई व्यक्ति या परिवार इस प्रकार के अन्याय का शिकार हुआ है, तो वे निम्न माध्यमों से जानकारी साझा कर सकते हैं:
ईमेल: contact@jagotv.in
मोबाइल: +91 9330 442119 व्हाट्सएप्प करें
वेबसाइट: www.jagotv.in
यह पहल क्यों महत्वपूर्ण है?
यह पुलिस के दुरुपयोग पर नियंत्रण हेतु न्यायिक हस्तक्षेप सुनिश्चित करेगी।
ऐसे फर्ज़ी मामलों के खिलाफ नीतिगत सुरक्षा व दिशा-निर्देश बनाए जाने की संभावना बढ़ेगी।
पीड़ितों को सामाजिक, कानूनी और मानसिक राहत मिल सकेगी।
यह अन्याय के खिलाफ एक संगठित प्रतिरोध की नींव रखेगा।
'जागो टीवी' की यह पहल न केवल एक मीडिया संस्थान की भूमिका को पुनर्परिभाषित करती है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि न्याय के लिए मीडिया एक संवैधानिक सहयोगी बन सकता है। यह मुहिम नागरिकों से अपील करती है कि वे डरें नहीं, सच बोलें और अन्याय के विरुद्ध खड़े हों।
What's Your Reaction?






