रेशमी मेटालिक्स फैक्ट्री विवाद: विरोध के बीच हाईकोर्ट पहुंचा उद्योग समूह
खड़गपुर के पंचबेरिया मौजा में स्थित रेशमी मेटालिक्स फैक्ट्री नंबर-8 के खिलाफ स्थानीय जन जागरण समिति ने प्रदूषण की आशंका के चलते ताला जड़ दिया। प्रशासन से मदद न मिलने पर फैक्ट्री प्रबंधन ने कलकत्ता हाईकोर्ट में रिट याचिका दायर की है। याचिका में राज्य सरकार से लेकर स्थानीय प्रशासन तक कई पक्षों को पार्टी बनाया गया है। वहीं, समिति का दावा है कि वे रिहायशी इलाके में प्रदूषण फैलाने वाली फैक्ट्री नहीं चलने देंगे।

खड़गपुर (पश्चिम मेदिनीपुर): औद्योगिक विकास और पर्यावरणीय सरोकार के बीच एक बार फिर टकराव सामने आया है। रेशमी मेटालिक्स फैक्ट्री नंबर-8, जो पंचबेरिया मौजा, खड़गपुर में स्थित है, स्थानीय जन जागरण समिति के विरोध के कारण लंबे समय से बंद पड़ी है। अब यह मामला कलकत्ता हाईकोर्ट पहुँच चुका है।
फैक्ट्री गेट पर ताला और प्रशासन की चुप्पी
स्थानीय निवासियों द्वारा गठित जन जागरण समिति के सदस्यों ने फैक्ट्री पर प्रदूषण फैलाने के आरोप लगाते हुए गेट पर ताला जड़ दिया। रेशमी ग्रुप ने प्रशासनिक विभागों से मदद की गुहार लगाई, लेकिन कोई ठोस कार्यवाही न होने के कारण समूह ने हाईकोर्ट का रुख किया।
हाईकोर्ट में रिट याचिका
रेशमी मेटालिक्स के कार्यकारी निदेशक भास्कर चौधरी ने बताया कि फैक्ट्री बंद है, फिर भी स्थानीय लोग बिना जाँच के विरोध कर रहे हैं। उन्होंने कहा, “जब सभी स्तरों पर बात करने के प्रयास असफल हुए, तो हमें कानूनी रास्ता अपनाना पड़ा।” रेशमी समूह ने हाईकोर्ट में दायर याचिका में राज्य सरकार, जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक, अनुमंडल प्रशासक, एसडीपीओ, नगर आयुक्त और जन जागरण समिति के सदस्यों को पक्षकार बनाया है।
जन जागरण समिति का पक्ष
समिति के सदस्य मोहम्मद इमरान ने कहा, "हम किसी भी कीमत पर रिहायशी इलाके में प्रदूषण फैलाने वाली फैक्ट्री नहीं चलने देंगे। फैक्ट्री में चिमनी लगाई जा चुकी है, जो भविष्य में वायु प्रदूषण का कारण बन सकती है।" वरिष्ठ सदस्य महबूब अली खान ने कहा, “हमें अब तक कोई नोटिस नहीं मिला है। फैक्ट्री की गतिविधियों ने लोगों में आशंका पैदा कर दी है, इसलिए जनता सतर्क है।”
मामले के प्रमुख बिंदु:
फैक्ट्री लंबे समय से बंद होने का दावा, फिर भी स्थानीय विरोध
प्रशासनिक स्तर पर कोई हस्तक्षेप नहीं, जिससे मामला कोर्ट तक पहुँचा
जन जागरण समिति की ओर से स्पष्ट विरोध और सामाजिक दबाव
मामला अब न्यायपालिका के समक्ष, अगली सुनवाई से दिशा तय होगी
क्या आगे हो सकता है?
कोर्ट से अंतरिम राहत की मांग कर सकता है फैक्ट्री प्रबंधन
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की रिपोर्ट अहम हो सकती है
प्रशासन को मध्यस्थता करनी पड़ सकती है ताकि उद्योग और जनहित में संतुलन बने
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