चंदोला झील क्षेत्र में बड़े पैमाने पर अतिक्रमण हटाओ अभियान

अहमदाबाद के चंदोला झील क्षेत्र में 20 मई 2025 को अहमदाबाद नगर निगम (एएमसी) द्वारा एक व्यापक अतिक्रमण हटाओ अभियान शुरू किया गया, जिसे सोशल मीडिया पर "देश का सबसे बड़ा बुलडोजर कांड" कहा जा रहा है। इस अभियान में 60 से अधिक जेसीबी मशीनों, 40 क्रेनों और 3,000 पुलिसकर्मियों की तैनाती के साथ लगभग 2.5 से 4 लाख वर्ग मीटर अवैध अतिक्रमण को हटाने का लक्ष्य रखा गया है।

May 20, 2025 - 19:01
 0
चंदोला झील क्षेत्र में बड़े पैमाने पर अतिक्रमण हटाओ अभियान
चंदोला झील क्षेत्र मेंअतिक्रमण हटाओ अभियान

अहमदाबाद के चंदोला झील क्षेत्र में 20 मई 2025 को अहमदाबाद नगर निगम (एएमसी) द्वारा एक व्यापक अतिक्रमण हटाओ अभियान शुरू किया गया, जिसे सोशल मीडिया पर "देश का सबसे बड़ा बुलडोजर कांड" कहा जा रहा है। इस अभियान में 60 से अधिक जेसीबी मशीनों, 40 क्रेनों और 3,000 पुलिसकर्मियों की तैनाती के साथ लगभग 2.5 से 4 लाख वर्ग मीटर अवैध अतिक्रमण को हटाने का लक्ष्य रखा गया है। स्थानीय समुदायों, विशेष रूप से गरीब और प्रवासी मुस्लिम आबादी, ने इसे 'नकबा' जैसे पलायन की तुलना करते हुए मानवाधिकारों का उल्लंघन बताया है, जबकि प्रशासन इसे अवैध कब्जे से सरकारी जमीन को मुक्त कराने का कदम करार दे रहा है। यह अभियान सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक विवादों को जन्म दे रहा है, जिसमें पक्ष और विपक्ष दोनों की ओर से तीखी प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं।

मुख्य बिंदु:

  • अभियान का दायरा: चंदोला झील क्षेत्र में लगभग 100 एकड़ भूमि, जिसमें अवैध रूप से बने करीब 7,000 घरों को निशाना बनाया गया।

https://pbs.twimg.com/profile_images/1646228558636019712/9iCY36LP_normal.jpg

https://pbs.twimg.com/profile_images/1558120031522721792/_07zFXon_normal.jpg

  • प्रशासनिक कार्रवाई: अहमदाबाद नगर निगम ने 60+ जेसीबी, 40 क्रेन और 3,000 पुलिसकर्मियों को तैनात किया।

https://pbs.twimg.com/profile_images/1700376592911106049/C5gKtXr0_normal.jpg

https://pbs.twimg.com/profile_images/1918686730397405184/61v90-4D_normal.jpg

  • सामाजिक प्रभाव: स्थानीय मुस्लिम और प्रवासी समुदायों ने इसे उत्पीड़न और विस्थापन का मामला बताया, जबकि कुछ इसे कानून का पालन मानते हैं।

https://pbs.twimg.com/profile_images/1646228558636019712/9iCY36LP_normal.jpg

https://pbs.twimg.com/profile_images/1845895324495499267/0qspwM6r_normal.jpg

  • विवाद: सोशल मीडिया पर इसे "नकबा" और "मुस्लिम नरसंहार" जैसे शब्दों से जोड़ा गया, जबकि प्रशासन का कहना है कि यह केवल अवैध अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई है।

https://pbs.twimg.com/profile_images/1646228558636019712/9iCY36LP_normal.jpg

https://pbs.twimg.com/profile_images/1558120031522721792/_07zFXon_normal.jpg

  • आलोचना और समर्थन: कुछ समूहों ने इसे गरीबों के खिलाफ अन्याय बताया, तो कुछ ने इसे सरकारी जमीन को पुनः प्राप्त करने की आवश्यकता माना।

यह अभियान न केवल अहमदाबाद बल्कि देश भर में अतिक्रमण हटाने की नीति को लेकर बहस छेड़ रहा है। एक ओर, प्रशासन का दावा है कि यह कार्रवाई सरकारी जमीन को अवैध कब्जे से मुक्त कराने और शहर के विकास के लिए जरूरी है। दूसरी ओर, प्रभावित समुदाय इसे गरीबों और अल्पसंख्यकों के खिलाफ पक्षपातपूर्ण कार्रवाई मानता है। विशेष रूप से, सोशल मीडिया पर इसे धार्मिक और सामाजिक भेदभाव से जोड़ा जा रहा है, जिससे तनाव बढ़ रहा है। इस अभियान के दीर्घकालिक प्रभावों में सामुदायिक विस्थापन, आर्थिक नुकसान और सामाजिक अशांति शामिल हो सकती है।

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow

सुशील कुमार पाण्डेय मैं, अपने देश का एक जिम्मेदार नागरिक बनने की यात्रा पर हूँ, यही मेरी पहचान है I