हिंदी मेला 2025: तसनीम खान को निर्मल वर्मा साहित्य सम्मान
सांस्कृतिक पुनर्निर्माण मिशन और भारतीय भाषा परिषद ने 2025 का ‘निर्मल वर्मा साहित्य सम्मान’ राजस्थान की युवा कथाकार व वरिष्ठ पत्रकार तसनीम खान को प्रदान करने की घोषणा की है। 26 दिसंबर से शुरू होने वाले 31वें हिंदी मेला में उन्हें 11,000 रुपये, स्मृति चिह्न और मानपत्र दिया जाएगा।
कोलकाता, 11 नवंबर। सांस्कृतिक पुनर्निर्माण मिशन, कोलकाता और भारतीय भाषा परिषद ने वर्ष 2025 के ‘निर्मल वर्मा साहित्य सम्मान’ की घोषणा कर दी है। इस वर्ष यह प्रतिष्ठित सम्मान राजस्थान की युवा कथाकार और वरिष्ठ पत्रकार तसनीम खान को प्रदान किया जाएगा।
संस्थान के संयुक्त महासचिव प्रो. संजय जायसवाल ने बताया कि सम्मान समारोह कोलकाता में आयोजित होने वाले 31वें हिंदी मेला (26 दिसंबर 2025 से) के दौरान आयोजित किया जाएगा। तसनीम खान को सम्मान स्वरूप 11,000 रुपये, स्मृति चिह्न और मानपत्र प्रदान किया जाएगा।
यह सम्मान परमेश्वरी देवी पोद्दार की स्मृति में उनकी सुपुत्री श्रीमती शशि बायंवाला के सौजन्य से प्रतिवर्ष प्रदान किया जाता है।
निर्णायक समिति में सम्मिलित थे—
डॉ. शंभुनाथ
श्री रामनिवास द्विवेदी
श्री मृत्युंजय श्रीवास्तव
श्री राजेश कुमार साव
दो दशकों से साहित्य व पत्रकारिता में सक्रिय
सम्मानित लेखिका तसनीम खान पिछले 20 वर्षों से पत्रकारिता और कथा साहित्य दोनों में सक्रिय हैं। साहित्य जगत में उनकी कई महत्वपूर्ण कृतियाँ चर्चित रही हैं।
उनकी प्रमुख पुस्तकें—
ऐ मेरे रहनुमा
हमनवाई न थी (उपन्यास)
दास्तान-ए-हजरत (कहानी संग्रह)
हौसलों की उड़ान (बाल साहित्य)
इसके अतिरिक्त उन्होंने राजस्थान साहित्य अकादमी के लिए ‘राजस्थान के युवा स्वर’ का संपादन भी किया है।
वर्तमान में वे राजस्थान पत्रिका में मुख्य उप संपादक (Chief Deputy Editor) के रूप में कार्यरत हैं।
यह सम्मान युवा रचनाकारों को प्रोत्साहित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है।
What's Your Reaction?
