विद्यासागर विश्वविद्यालय में 206वीं जयंती पर सम्मान समारोह: विद्यासागर पुरस्कार व स्मृति व्याख्यान से गूँजा परिसर
पश्चिम मिदनापुर के विद्यासागर विश्वविद्यालय में ईश्वरचंद्र विद्यासागर की 206वीं जयंती पर सम्मान समारोह व स्मृति व्याख्यान का आयोजन हुआ। साहित्यकार, संगीतज्ञ व कवियों को पुरस्कार प्रदान किए गए और आईआईटी खड़गपुर के निदेशक ने शिक्षा-नवाचार पर व्याख्यान दिया।
24 सितंबर, मिदनापुर। नवजागरण के अग्रदूत एवं समाज सुधारक पंडित ईश्वरचंद्र विद्यासागर की 206वीं जयंती के अवसर पर पश्चिम मिदनापुर स्थित विद्यासागर विश्वविद्यालय में सम्मान समारोह और विद्यासागर स्मृति व्याख्यान का आयोजन भव्य रूप से किया गया। विश्वविद्यालय परिसर स्थित विवेकानंद सभागृह में आयोजित इस कार्यक्रम में शिक्षा, साहित्य, कला और समाज सेवा से जुड़े अनेक गणमान्य व्यक्तियों ने भाग लिया।
इस अवसर पर प्रसिद्ध रंगकर्मी एवं लेखक उज्ज्वल चट्टोपाध्याय, संगीतज्ञ सैकत मित्रा, वरिष्ठ कवि एवं चित्रकार तन्मय मृधा, युवा कवि निर्माल्य मुखोपाध्याय तथा एडीएम केम्पा हन्नै को विद्यासागर पुरस्कार से सम्मानित किया गया। वहीं, उत्कल विश्वविद्यालय की प्रोफेसर जयंती डोरा को प्रो. सुधीर रंजन दास स्मृति पुरस्कार प्रदान किया गया।
कार्यक्रम की प्रमुख आकर्षण रही विद्यासागर स्मृति व्याख्यान, जिसे आईआईटी खड़गपुर के निदेशक प्रो. सुमन चक्रवर्ती ने प्रस्तुत किया। उन्होंने अपने उद्बोधन में कहा- “विद्यासागर ने जिस तरह ग्रामीण और पिछड़े समाज में शिक्षा व स्वास्थ्य का अलख जगाया, उसी प्रकार आज हमें शिक्षा को नवाचार और समावेश से जोड़ते हुए स्त्रियों और वंचित वर्गों को आगे लाना होगा।”
सभी अतिथियों ने अपने वक्तव्यों में कहा कि यह सम्मान और आयोजन सामूहिक रूप से पंडित ईश्वरचंद्र विद्यासागर की विरासत को जीवित रखते हुए आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणास्रोत बनता है।
विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. दीपक कुमार कर ने कहा- “ये पुरस्कार और व्याख्यान न केवल मान्यता का मंच हैं, बल्कि विद्यासागर द्वारा समर्थित समानता, शिक्षा और ज्ञानोदय के मूल्यों के प्रति हमारी प्रतिबद्धता की पुष्टि भी करते हैं।”
समारोह में पूर्व कुलपति प्रो. शिवाजी बसु प्रतिम, संकायाध्यक्ष प्रो. अरिंदम गुप्ता व प्रो. परेश चंद्र जाना, मुख्य अतिथि डॉ. अन्नपूर्णा चटर्जी सहित भारी संख्या में शिक्षक, शोधार्थी, अधिकारी एवं विद्यार्थी उपस्थित थे।
कार्यक्रम का सफल संचालन प्रो. जयजीत घोष और प्रो. सागरिका मैम ने किया तथा धन्यवाद ज्ञापन विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ. जयंत किशोर नंदी ने दिया।
इस आयोजन ने विश्वविद्यालय परिसर को विद्यासागर के आदर्शों और मूल्यों से ओतप्रोत कर दिया।
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