ईश्वर गुर्जर: असफलताओं से जूझते हुए सफलता की बुलंदियों तक
ईश्वर गुर्जर, जिन्होंने 10वीं में असफलता और UPSC में छह बार नाकामी झेली, लेकिन हार न मानते हुए लगातार तीन बार सफलता पाई और IPS अधिकारी बने। उनकी कहानी मेहनत और आत्म-विश्वास की सच्ची मिसाल है।

ईश्वर गुर्जर की कहानी इस बात का प्रमाण है कि कठिनाइयाँ कभी भी इंसान के सपनों को रोक नहीं सकतीं। एक छोटे से गाँव से आने वाले ईश्वर गुर्जर 10वीं कक्षा में असफल हुए, लेकिन हार मानने के बजाय उन्होंने इसे अपनी ताक़त बना लिया। लगातार छह बार असफलताओं का सामना करने के बाद भी वे डटे रहे। उनकी लगन और आत्म-विश्वास का नतीजा यह रहा कि उन्होंने लगातार तीन बार UPSC परीक्षा में सफलता प्राप्त की और IPS अधिकारी बनने का सपना साकार किया।
ईश्वर गुर्जर का सफर हर उस युवा के लिए प्रेरणा है जो असफलताओं से टूटने लगता है। उनकी कहानी बताती है कि असफलता अंत नहीं, बल्कि सफलता की शुरुआत है। मेहनत, धैर्य और आत्म-विश्वास से जीवन की हर ऊंचाई को छुआ जा सकता है। ईश्वर गुर्जर एक प्रेरणादायक आईएएस/आईपीएस अधिकारी हैं, जिनका सफर राजस्थान के भीलवाड़ा जैसे छोटे गांव से शुरू होकर भारत की सबसे कठिन परीक्षाओं में लगातार सफलता तक पहुँचा है।
प्रारंभिक जीवन और संघर्ष
जन्म व परिवार: भीलवाड़ा जिले के छोटे-से गाँव 'भांमरो की बाड़ी' में एक किसान परिवार में जन्म।
शिक्षा: 2011 में 10वीं कक्षा में असफल हुए। फिर 2012 में 54% अंकों से 10वीं पास की और 12वीं में 68% अंक प्राप्त किए। स्नातक की पढ़ाई एमडीएस यूनिवर्सिटी से की।
पेशेवर करियर
शिक्षक से अधिकारी तक: वर्ष 2019 में सरकारी स्कूल में शिक्षक नियुक्त हुए। नौकरी के साथ-साथ प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी भी जारी रखी।
सरकारी पद: राजस्थान पुलिस में सब-इंस्पेक्टर और आरएएस में चयनित होकर एसडीएम भी बने।
यूपीएससी में सफलता
लगातार तीन बार चयन:
2022 में UPSC में AIR 644 (IRS)
2023 में AIR 555 (IPS कैडर)
2024 में अंतिम प्रयास में AIR 483
संघर्ष: कई बार प्रयासों में असफलता के बाद भी उन्होंने हार नहीं मानी और निरंतर मेहनत की।
प्रेरणादायक संदेश
ईश्वर गुर्जर का संदेश यही है कि कमजोर पृष्ठभूमि, प्रारंभिक असफलता या सुविधाओं की कमी कभी भी सपनों में बाधा नहीं बन सकती। लगातार प्रयास और आत्मविश्वास से कोई भी मुकाम पाया जा सकता है।
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