नराकास खड़गपुर की 35वीं बैठक में त्रिभाषा नीति, एआई और भारतीय भाषाओं के संवर्धन पर जोर
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) खड़गपुर में 05 अगस्त 2025 को नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति (नराकास) की 35वीं बैठक आयोजित हुई। बैठक में त्रिभाषा नीति (हिंदी, बांग्ला, अंग्रेज़ी) के प्रभावी कार्यान्वयन, कृत्रिम बुद्धिमत्ता आधारित कार्यशालाओं की तैयारी, और राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अंतर्गत भारतीय भाषाओं के संवर्धन पर विशेष जोर दिया गया। लगभग 100 केंद्रीय कार्यालयों, रेलवे, बैंक, बीमा और शैक्षणिक संस्थानों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।

खड़गपुर, 05 अगस्त 2025 : नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति (नराकास), खड़गपुर की 35वीं बैठक का आयोजन आज दिनांक 05 अगस्त 2025 को गार्गी सभागार, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान खड़गपुर में किया गया। इस अवसर पर समिति के अध्यक्ष एवं भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान खड़गपुर खड़गपुर के निदेशक प्रो. सुमन चक्रवर्ती ने अध्यक्षीय वक्तव्य में राजभाषा कार्यान्वयन के साथ ही त्रिभाषा, एआई और आधुनिकतम तकनीक के माध्यम से भाऱतीय भाषाओं और राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के आलोक में उच्च शिक्षा में भाषाओं की भूमिका का विद्वत विश्लेषण किया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में राजभाषा विभाग, गृह मंत्रालय, भारत सरकार, के कोलकाता स्थित क्षेत्रीय कार्यालय के उपनिदेशक (कार्यान्वयन) डॉ. वी. सी. गुप्त उपस्थित रहे। बैठक में रेलवे, बैंक, बीमा, केंद्र सरकार के विभिन्न कार्यालयों एवं शैक्षणिक संस्थानों के लगभग 100 प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
कार्यक्रम के प्रारम्भ में सभी वरिष्ठ अधिकारियों ने दीप प्रज्जवलन कर ज्ञान आलोक की आराधना की। कोलकाता से पधारे डॉ वी, सी गुप्त का स्वागत किया गया और पूर्व सैनिकों द्वारा रचित संस्मरण पुस्तक 'समराँजलि' का विमोचन किया। मंच पर बीआरबीएनएमपीएल सालबोनी के वरिष्ठ महाप्रबंधक का. सौ. पा. मारन पांडियन, राजभाषा विभाग के अध्यक्ष प्रो. संजय कुमार चतुर्वेदी, डॉ राजीव कुमार रावत, श्री प्रभात कुमार गुप्ता सहायक निदेशक (राजभाषा) उपस्थित थे। ।
उपस्थित अधिकारियों एवं कार्मिकों को अध्यक्ष महोदय ने तीनों भाषाओं, बांग्ला, हिंदी एवं अंग्रेजी में संबोधित किया। अपने अध्यक्षीय वक्तव्य में प्रो. सुमन चक्रवर्ती ने त्रिभाषा सूत्र (बांग्ला, हिंदी, अंग्रेज़ी) के कार्यान्वयन को राष्ट्रीय एकता और प्रशासनिक समावेशिता के लिए अत्यंत आवश्यक बताया। उन्होंने बताया कि नराकास (TOLIC) जल्द ही कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) पर आधारित एक कार्यशाला आयोजित करेगा क्योंकि यह आज के समय की मांग है। आपने सभी को आश्वस्त किया कि हमसे जो भी सहयोग चाहिए हम उसे देने के लिए तत्पर रहेंगे और हम सबको मिलकर भारतीय भाषाओं के लिए काम करना होगा। उन्होंने कहा कि हिंदी में काम करना सिर्फ कुछ लोगों की ही जिम्मेदारी नहीं है, हम सब को प्रशिक्षित होना है और काम करना है। नराकास सम्न्वयन के माध्यम से इस भूमिका को निभाती है, हम एक दूसरे से सीखते भी हैं और सिखाते भी हैं। हमें संसदीय समिति के निरीक्षणों के लिए भी तैयारी रखनी है।
अध्यक्ष महोदय ने निर्णय दिया कि जैसे उन्होंने अपने आवास एवं कार्यालय में अपना बोर्ड त्रिभाषी बनवाया है ऐसे सभी जगह बनवाए जाएं। उन्होंने आशा व्यक्त की कि नराकास खड़गपुर के सभी सदस्य कार्यालयों में त्रिभाषा नीति एवं वार्षिक कार्यक्रम 2025-26 को सक्रिय रूप से लागू किया जाएगा और सभी लक्ष्यों को प्राप्त किया जाएगा। सूचना पट, घोषणाएँ, पत्राचार, प्रशिक्षण व सांस्कृतिक आयोजनों में हिंदी, अंग्रेज़ी और बांग्ला का समन्वित प्रयोग किया जाएगा।
समिति के सदस्य सचिव ने केंद्रीय अनुवाद ब्यूरो के तत्वावधान में एक पांच दिवसीय अनुवाद प्रशिक्षण कार्यक्रम का प्रस्ताव दिया जिसमें ऐसे अधिकारी सम्मिलित होंगे जो हिंदी भाषी न हों और वे हिंदी में कार्य सीखें। मुख्य अतिथि डॉ. वी.सी.गुप्त ने राजभाषा नियमों, संसदीय समिति निरीक्षण, तथा धारा 3(3) के अनुपालन पर विस्तार से जानकारी दी। सभी कार्यालयों नें अपने कार्यालय की रिपोर्ट स्व्यं पीपीटी के माध्यम से प्रस्तुत की और डॉ.गुप्त ने उनकी समीक्षा की। श्री प्रभात कुमार गुप्ता ने प्रशिक्षण संबंधी जानकारी दी।
स्थानीय भाषाओं को बढ़ावा देने और राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के लक्ष्यों को साकार करने की दिशा में यह बैठक एक महत्वपूर्ण पहल सिद्ध हुई। राजभाषा विभाग के अध्यक्ष प्रो. संजय चतुर्वेदी जी ने सभी का आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम को सफल बनाने में श्री राणा विजय प्रताप, वेद प्रताप मिश्र, सुनील महतो आदि का बहुत सहयोग रहा।
What's Your Reaction?






