हाथी-ट्रेन टक्कर की घटना के बाद रेलवे और वन विभाग की समन्वय बैठक आयोजित

ट्रेन संख्या 12022 की एक हाथी से हुई दुर्भाग्यपूर्ण टक्कर के बाद रेल और वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों की एक उच्चस्तरीय समन्वय बैठक शनिवार हिजली स्थित मुख्य वन संरक्षक कार्यालय में आयोजित की गई। बैठक में वन्यजीवों की सुरक्षा और भविष्य में इस प्रकार की घटनाओं से बचाव के लिए तत्काल और दीर्घकालिक उपायों पर विचार किया गया। दोनों विभागों ने तकनीकी सहयोग और समयबद्ध संयुक्त कार्ययोजना के प्रति प्रतिबद्धता जताई।

Jul 20, 2025 - 06:17
Jul 20, 2025 - 06:17
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हाथी-ट्रेन टक्कर की घटना के बाद रेलवे और वन विभाग की समन्वय बैठक आयोजित
रेलवे और वन विभाग की समन्वय बैठक

खड़गपुर, संवाददाता। ट्रेन संख्या 12022 और एक हाथी के बीच हुई दुर्घटना के बाद आज खड़गपुर रेल मंडल और वन विभाग के बीच एक उच्चस्तरीय समन्वय बैठक का आयोजन किया गया। यह बैठक मुख्य वन संरक्षक (CCF) कार्यालय, हिजली में आयोजित की गई, जिसकी अध्यक्षता श्री संदीप सुंद्रीयाल (मुख्य वन संरक्षक) और श्री के.आर. चौधरी (मंडल रेल प्रबंधक, खड़गपुर मंडल) ने की।

बैठक में अपर मंडल रेल प्रबंधक (ऑपरेशन्स) सहित विभिन्न रेल विभागों के अधिकारी तथा मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक, प्रभागीय वन अधिकारी (DFOs) सहित वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।

बैठक का मुख्य उद्देश्य रेल पटरियों से गुजरने वाले हाथियों एवं अन्य वन्यजीवों की सुरक्षा के लिए ठोस रणनीति तैयार करना था। इस दौरान कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर चर्चा हुई, जिनमें शामिल हैं:

 संवेदनशील वन क्षेत्रों की पहचान

 प्रारंभिक चेतावनी प्रणालियों (Early Warning Systems) का उपयोग

 हाथी गलियारों (Elephant Corridors) को चिह्नित कर रेल संचालन में समन्वय

 स्थायी निगरानी और गश्ती टीमों की तैनाती

दोनों विभागों ने वन्यजीव संरक्षण और यात्रियों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देने की बात कही। साथ ही समयबद्ध संयुक्त कार्ययोजना के तहत तकनीकी, प्रशासनिक और फील्ड स्तर पर ठोस कदम उठाने पर सहमति बनी।

बैठक में यह स्पष्ट रूप से रेखांकित किया गया कि भविष्य में ऐसे हादसों से बचाव के लिए रेलवे और वन विभाग के बीच बेहतर सूचना साझाकरण, क्षेत्रीय सतर्कता और नवीन तकनीकी उपायों का अधिकतम उपयोग अनिवार्य है।

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तारकेश कुमार ओझा तारकेश कुमार ओझा पिछले तीन दशकों से पश्चिम बंगाल के खड़गपुर में सक्रिय पत्रकार हैं। कोलकाता से प्रकाशित दैनिक विश्वमित्र से पत्रकारिता की शुरुआत करने वाले ओझा पऱख, महानगर, चमकता आईना, प्रभात खबर और वर्तमान में दैनिक जागरण में वरिष्ठ उपसंपादक के रूप में कार्यरत हैं। आप समसामयिक विषयों, व्यंग्य, कविता और कहानियों के साथ-साथ ब्लॉग लेखन में भी सक्रिय हैं। माओवादी आंदोलन से लेकर महेंद्र सिंह धोनी के संघर्षपूर्ण दिनों तक, आपकी कई रिपोर्टें चर्चा में रही हैं। आपको मटुकधारी सिंह हिंदी पत्रकारिता पुरस्कार, लीलावती स्मृति सम्मान सहित कई बेस्ट ब्लॉगर अवार्ड प्राप्त हो चुके हैं।