प्रयागराज: पुलिस चौकी में हंगामा, फरियादी की पिटाई पर हेड कांस्टेबल निलंबित

प्रयागराज बमरौली पुलिस चौकी पर देर रात आरोपित छुड़ाने पहुंचे लोगों ने हंगामा किया। इस दौरान ड्यूटी पर तैनात हेड कांस्टेबल द्वारा फरियादी से मारपीट का वीडियो वायरल हो गया। मामले में हेड कांस्टेबल तुरंत निलंबित कर विभागीय जांच बैठा दी गई है। पुलिस ने निष्पक्ष जांच का भरोसा दिलाया है। पढ़ें पूरी रिपोर्ट...

Oct 9, 2025 - 00:25
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प्रयागराज: पुलिस चौकी में हंगामा, फरियादी की पिटाई पर हेड कांस्टेबल निलंबित
प्रयागराज के बमरौली पुलिस चौकी पर शिकायतकर्ता की पिटाई

प्रयागराज के बमरौली पुलिस चौकी में फरियादी के साथ अभद्रता व मारपीट के मामले ने पूरे जिले में पुलिस प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल उठा दिए हैं। आरोपित को छुड़ाने पहुँचे लोगों के हंगामे और सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो के बाद पुलिस प्रशासन ने तुरंत कार्रवाई करते हुए हेड कांस्टेबल को निलंबित कर विभागीय जाँच के आदेश जारी कर दिए हैं।

घटना का पूरा घटनाक्रम

रविवार देर रात (करीब 12 से 1 बजे के बीच) पूरामुफ्ती थाना क्षेत्र के एक गाँव में दो पक्षों के बीच झगड़ा व मारपीट हुई।

पुलिस शिकायत पर दोनों पक्षों से एक-एक व्यक्ति को पकड़कर बमरौली पुलिस चौकी लाई थी।

कुछ देर बाद एक पक्ष के लोग चौकी पहुँचकर पुलिस पर युवक को छोड़ने का दबाव बनाने लगे। उनका आरोप था कि घटना में शामिल असली आरोपी कोई और हैं, निर्दोष युवक को पुलिस ने पकड़ लिया।

इसी दौरान हेड कांस्टेबल अशोक उपाध्याय ने फरियादियों के साथ पहले जबरदस्त बहस की और फिर गाली-गलौज करते हुए एक फरियादी की पिटाई कर दी।

मारपीट व गाली-गलौज का वीडियो किसी ने बना कर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया, जिससे प्रशासन सक्रिय हो गया।

प्रशासन की कार्रवाई

सोमवार सुबह वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस अधिकारियों ने तुरंत हेड कांस्टेबल अशोक उपाध्याय को लाइन हाजिर कर विभागीय जाँच शुरू कर दी।

डीसीपी सिटी मनीष शांडिल्य ने स्पष्ट किया कि निष्पक्ष जाँच कर दोषियों पर आगे की सख्त कार्रवाई की जाएगी।

चौकी में विवाद व मारपीट की इस घटना के बाद पुलिस महकमे की कार्यशैली और संवेदनशीलता एक बार फिर कटघरे में है।

अहम तथ्य व सामाजिक प्रभाव

पीड़ित पक्ष का आरोप कि पुलिस निर्दोष युवक को पकड़कर कार्रवाई कर रही थी, पुलिस की निष्पक्षता पर प्रश्नचिन्ह उठाता है।

वायरल वीडियो ने घटना को व्यापक सार्वजनिक ध्यान में ला दिया, जिससे त्वरित प्रशासनिक कार्रवाई हुई।

सोशल मीडिया-pressure व मीडिया की सक्रियता के चलते पुलिस तंत्र को तुरंत अपनी छवि सुधारने की जरूरत महसूस हुई।

पुलिस चौकी पर तनाव की वजह

चौकी पर हंगामा इस वजह से बढ़ा, क्योंकि फरियादियों को लगता था कि पुलिस जाँच में पक्षपात कर रही है और असली आरोपितों को बचाया जा रहा है।

स्थानीय लोगों का चौकी पर इकट्ठा हो जाना व दबाव बनाना हालात को गंभीर बना गया।

प्रयागराज के इस मामले ने न सिर्फ पुलिस प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हैं, बल्कि स्पष्ट किया कि जन दवाब व टेक्नोलॉजी (वीडियो वायरल) प्रशासनिक जवाबदेही बढ़ा सकते हैं। अब आगे की विभागीय जाँच यह तय करेगी कि दोषी कौन है और किस स्तर पर पुलिस सुधार की आवश्यकता है।

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सुशील कुमार पाण्डेय मैं, अपने देश का एक जिम्मेदार नागरिक बनने की यात्रा पर हूँ, यही मेरी पहचान है I