सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका : राहुल गांधी के मतदाता सूची घोटाले के आरोपों की SIT जाँच की माँग
सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई है जिसमें कांग्रेस नेता व लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी द्वारा 7 अगस्त 2025 को की गई प्रेस कॉन्फ्रेंस में लगाए गए मतदाता सूची में बड़े पैमाने पर धांधली के आरोपों की विशेष जाँच दल (SIT) से जाँच की माँग की गई है।

सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई है जिसमें कांग्रेस नेता व लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी द्वारा 7 अगस्त 2025 को की गई प्रेस कॉन्फ्रेंस में लगाए गए मतदाता सूची में बड़े पैमाने पर धांधली के आरोपों की विशेष जाँच दल (SIT) से जाँच की माँग की गई है। याचिका में चुनाव आयोग को बाध्यकारी दिशानिर्देश जारी करने, मतदाता सूचियों को पारदर्शी एवं मशीन-पठनीय स्वरूप में प्रकाशित करने तथा डुप्लीकेट/फर्जी नामों की रोकथाम हेतु मजबूत व्यवस्था सुनिश्चित करने का आग्रह किया गया है।
याचिकाकर्ता अधिवक्ता रोहित पांडेय ने तर्क दिया है कि महादेवपुरा विधानसभा क्षेत्र (बेंगलुरु सेंट्रल संसदीय क्षेत्र) की मतदाता सूची में असली मतदाताओं के नाम हटाकर काल्पनिक नाम जोड़े गए हैं, जिससे 'एक व्यक्ति, एक मत' के संवैधानिक सिद्धांत (अनुच्छेद 325 और 326) पर आघात हुआ है।
याचिका में सुप्रीम कोर्ट से आग्रह किया गया है कि वह एक पूर्व न्यायाधीश की अध्यक्षता में SIT द्वारा न्यायालय-निगरानी में जाँच कराए ताकि मतदाता सूची की शुचिता एवं स्वतंत्र व निष्पक्ष चुनावों की संवैधानिक गारंटी को संरक्षित किया जा सके।
मुख्य बिंदु
याचिकाकर्ता: अधिवक्ता रोहित पांडेय
आधार: राहुल गांधी की 07 अगस्त 2025 की प्रेस कॉन्फ्रेंस
आरोप:
महादेवपुरा विधानसभा क्षेत्र की मतदाता सूची में बड़े पैमाने पर हेरफेर
असली मतदाताओं के नाम हटाना और फर्जी नाम जोड़ना
माँगें:
सुप्रीम कोर्ट निगरानी में SIT जाँच
चुनाव आयोग के लिए बाध्यकारी दिशानिर्देश
मतदाता सूचियों का पारदर्शी, मशीन-पठनीय व OCR-समर्थ प्रारूप में प्रकाशन
डुप्लीकेट/फर्जी नामों की रोकथाम के लिए ठोस तंत्र
संवैधानिक संदर्भ: अनुच्छेद 325 और 326 'एक व्यक्ति, एक मत' का सिद्धांत
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