प्रधानमंत्री मोदी का संबोधन, आतंकवाद के खिलाफ भारत की दृढ़ इच्छाशक्ति का ऐलान
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 12 मई 2025 को राष्ट्र को संबोधित करते हुए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की ऐतिहासिक सफलता की सराहना की, जिसने पहलगाम आतंकी हमले का बदला लेते हुए पाकिस्तान और पीओके में नौ आतंकी ठिकानों को नष्ट किया। सशस्त्र बलों, खुफिया एजेंसियों और वैज्ञानिकों को सलाम करते हुए पीएम ने कहा, “आतंक और बातचीत साथ नहीं चल सकते।” आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति पर जोर देते हुए उन्होंने वैश्विक समुदाय को एकजुट होने का आह्वान किया। डीजीएमओ की प्रेस कॉन्फ्रेंस ने ऑपरेशन की सटीकता और भारत की रक्षा ताकत को रेखांकित किया।
12 मई 2025 को रात 8 बजे, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की अभूतपूर्व सफलता को देश की एकता, संयम और सैन्य शक्ति का प्रतीक बताया। यह ऑपरेशन 7 मई को शुरू किया गया था, जो 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले का जवाब था, जिसमें 26 लोग, ज्यादातर पर्यटक, मारे गए थे। पीएम ने भावुक अंदाज में कहा, “जब आतंकवादियों ने हमारी बहनों के माथे से सिंदूर मिटाने की कोशिश की, तब भारत ने आतंक के ठिकानों को ध्वस्त कर दुनिया को अपनी ताकत दिखाई। मैं हर भारतवासी की ओर से सशस्त्र बलों, सेना, खुफिया एजेंसियों और वैज्ञानिकों को सलाम करता हूं।”
‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत भारतीय वायुसेना ने राफेल और सुखोई-30 जेट्स के साथ पाकिस्तान और पीओके में लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद और हिजबुल मुजाहिदीन के नौ आतंकी ठिकानों को नष्ट किया। पीएम ने बताया कि ऑपरेशन में 100 से अधिक आतंकवादी मारे गए, जिनमें 1999 के IC-814 अपहरण और 2019 के पुलवामा हमले के मास्टरमाइंड शामिल थे। उन्होंने जोर देकर कहा, “हमारी लड़ाई आतंकवादियों और उनके आकाओं के खिलाफ है। भारत ने सटीकता के साथ आतंक के गढ़ों को निशाना बनाया, बिना किसी नागरिक या सैन्य हानि के।”
पीएम ने आतंकवाद के खिलाफ भारत की नीति को स्पष्ट करते हुए वैश्विक समुदाय को संदेश दिया, “आतंक और बातचीत, आतंक और व्यापार, पानी और खून एक साथ नहीं चल सकते। ऑपरेशन सिंदूर ने आतंकवाद के खिलाफ नया वैश्विक मानदंड स्थापित किया है।” उन्होंने विश्व से आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होने की अपील की, खासकर उन देशों से जो आतंक को पनाह देते हैं।
उसी दिन डीजीएमओ लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई, वाइस एडमिरल एएन प्रमोद और एयर मार्शल एके भारती ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में ऑपरेशन की तकनीकी और रणनीतिक सफलता का खुलासा किया। एयर मार्शल भारती ने कहा, “स्वदेशी आकाश मिसाइल सिस्टम और बहुस्तरीय रक्षा प्रणालियों ने पाकिस्तानी जवाबी हमलों को नाकाम किया। हमारी लड़ाई आतंकवादियों से है, न कि पाकिस्तानी सेना से।” डीजीएमओ घई ने ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटरों थॉमसन और लिली का जिक्र करते हुए भारत की रक्षा प्रणाली की ताकत को रेखांकित किया, “हमारी रक्षा की परतें इतनी मजबूत हैं कि कोई भी हमला नाकाम हो जाएगा।”
ऑपरेशन के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच 10 मई को युद्धविराम पर सहमति बनी, जिसकी पुष्टि विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने की। 12 मई को शाम 5 बजे डीजीएमओ स्तर की हॉटलाइन बातचीत में तनाव कम करने पर सहमति जताई गई। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा, “भारत का संदेश साफ है आतंकवाद को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।” सेना ने बताया कि जम्मू-कश्मीर और अंतरराष्ट्रीय सीमा पर स्थिति स्थिर है।
ऑपरेशन की सफलता ने देश में देशभक्ति की लहर पैदा की। कुशीनगर में 17 नवजात लड़कियों का नाम ‘सिंदूर’ रखा गया, जो जनता के गर्व का प्रतीक है। बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने इसे “100% सफल” बताया, जबकि कांग्रेस ने ‘जय हिंद यात्रा’ के जरिए समर्थन जताया, हालांकि मल्लिकार्जुन खड़गे ने पीएम की अनुपस्थिति पर सवाल उठाए।
‘ऑपरेशन सिंदूर’ ने न केवल भारत की सैन्य और तकनीकी ताकत को प्रदर्शित किया, बल्कि वैश्विक मंच पर आतंकवाद के खिलाफ दृढ़ संकल्प को भी रेखांकित किया। पीएम मोदी का संबोधन देशवासियों में गर्व और एकता की भावना जगाने वाला साबित हुआ, जो आतंकवाद के खिलाफ भारत की अटल नीति का प्रतीक है।
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