फ्लाइट में लापरवाही से वकील की मौत: एयरलाइन को ₹30 लाख मुआवजा देने का आदेश
2016 में लेह से दिल्ली लौटते समय विमान यात्रा के दौरान सांस लेने में तकलीफ के बाद कोलकाता की अधिवक्ता सविता राय की मृत्यु हो गई थी। राज्य उपभोक्ता आयोग ने इसे एयरलाइन की लापरवाही माना और कंपनी को मृतका के परिजनों को ₹30 लाख का मुआवजा तथा ₹20,000 अदालती खर्च देने का आदेश दिया। आयोग ने विशेष रूप से ऑक्सीजन सिलिंडर की खराब स्थिति और प्रशिक्षित स्टाफ की अनुपलब्धता को मृत्यु का प्रमुख कारण माना।

कोलकाता, संवाददाता: वर्ष 2016 की एक दुखद घटना में कोलकाता की वरिष्ठ अधिवक्ता सविता राय की लेह से दिल्ली लौटते समय विमान में तबीयत बिगड़ने पर मौत हो गई थी। अब करीब एक दशक बाद राज्य उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग ने पीड़ित परिवार के पक्ष में निर्णय सुनाते हुए एयरलाइन कंपनी को ₹30 लाख मुआवजा अदा करने का आदेश दिया है।
पीड़िता के पति किरण शंकर राय ने बताया कि घटना 12 अक्टूबर 2016 को हुई, जब उनकी पत्नी लेह एयरपोर्ट पर चढ़ने के बाद फ्लाइट में सांस फूलने की शिकायत करने लगीं। क्रू ने ऑक्सीजन सिलिंडर लाने की कोशिश की, लेकिन वह खराब था। इसके साथ ही उन्हें व्हीलचेयर जैसी बुनियादी चिकित्सा सुविधा भी नहीं दी गई।
एयरलाइन की सफाई:
एयरलाइन ने अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ते हुए दावा किया कि सविता राय शारीरिक रूप से फिट नहीं थीं और उन्होंने लेह की ठंड में उपयुक्त वस्त्र नहीं पहने थे, जिससे उनका स्वास्थ्य बिगड़ा।
अदालती निष्कर्ष:
अदालत ने इन दलीलों को खारिज कर दिया और पाया कि यात्रा से एक दिन पूर्व डॉक्टर द्वारा सविता राय को फिट घोषित किया गया था। आयोग ने कहा कि विमानन कंपनी ने सुरक्षा और चिकित्सा मानकों में गंभीर चूक की, जो सीधे तौर पर मृत्यु का कारण बनी।
अतः आयोग ने एयरलाइन को ₹30 लाख का मुआवजा और ₹20,000 कोर्ट खर्च के रूप में देने का आदेश दिया। यह फैसला यात्री अधिकारों की रक्षा में एक मील का पत्थर माना जा रहा है।
न्यायिक टिप्पणी:
इस निर्णय से यह स्पष्ट संदेश गया है कि उड़ान सेवाओं में स्वास्थ्य आपातकाल के लिए तैयार रहना और चिकित्सीय उपकरणों की कार्यशीलता सुनिश्चित करना एयरलाइन की कानूनी और नैतिक जिम्मेदारी है।
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