अंतरिक्ष से पीएम मोदी और शुभांशु शुक्ला की ऐतिहासिक बातचीत: भारत का नया अंतरिक्ष युग

अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर पहुंचे भारत के पहले अंतरिक्ष यात्री ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच 28 जून 2025 को हुई संवाद ने न केवल देशवासियों को गर्वित किया, बल्कि भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम के नए युग की शुरुआत का संकेत भी दिया।

Jun 29, 2025 - 10:06
Jun 29, 2025 - 10:11
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अंतरिक्ष से पीएम मोदी और शुभांशु शुक्ला की ऐतिहासिक बातचीत: भारत का नया अंतरिक्ष युग
पीएम मोदी और शुभांशु शुक्ला

अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर पहुंचे भारत के पहले अंतरिक्ष यात्री ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच 28 जून 2025 को हुई संवाद ने न केवल देशवासियों को गर्वित किया, बल्कि भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम के नए युग की शुरुआत का संकेत भी दिया। इस संवाद में शुक्ला ने अंतरिक्ष के अनुभव, चुनौतियों और भारतीय पहचान को वैश्विक मंच पर स्थापित करने की बात साझा की, वहीं पीएम

मोदी ने उन्हें देश की युवा पीढ़ी के लिए प्रेरणा बताया और भविष्य के मिशनों की दिशा भी स्पष्ट की।

संवाद के मुख्य बिंदु

1. ऐतिहासिक उपलब्धि और राष्ट्रीय गौरव

  • शुभांशु शुक्ला अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर पहुंचने वाले पहले भारतीय बने, और 41 वर्षों बाद किसी भारतीय ने अंतरिक्ष में कदम रखा।
  • पीएम मोदी ने कहा, "आज आप भले ही धरती से सबसे दूर हैं, लेकिन 140 करोड़ भारतीयों के दिलों के सबसे करीब हैं।"

2. अंतरिक्ष में जीवन की चुनौतियाँ

  • शुक्ला ने बताया कि माइक्रोग्रैविटी के कारण सोना, चलना, पानी पीना जैसी छोटी-छोटी चीजें भी चुनौतीपूर्ण हो जाती हैं।
  • उन्होंने बातचीत के दौरान कहा, "मैंने अपने पैरों को बांध रखा है, वरना मैं ऊपर तैरने लगूंगा।"

3. भारतीयता और सांस्कृतिक पहचान

  • शुक्ला ने अंतरिक्ष में गाजर का हलवा, मूंग दाल का हलवा और आमरस ले जाकर अपने विदेशी साथियों को भारतीय मिठाईयों का स्वाद कराया।
  • उन्होंने ISS पर भारतीय तिरंगा फहराने का गर्व साझा किया।

4. प्रेरणा और भविष्य की दिशा

  • पीएम मोदी ने गगनयान मिशन, भारतीय स्पेस स्टेशन और चंद्रमा पर भारतीयों की लैंडिंग के लिए शुभांशु को "स्पेशल होमवर्क" दिया।
  • शुक्ला ने युवाओं को संदेश दिया: "आसमान कभी सीमा नहीं रहा।"

5. अद्भुत दृश्य और अनुभव

  • शुक्ला ने बताया कि ISS से पृथ्वी सीमा रहित और भव्य दिखती है, और वे रोज़ 16 बार सूर्योदय और 16 बार सूर्यास्त देखते हैं।
  • उन्होंने माइंडफुलनेस और मानसिक संतुलन की अहमियत भी साझा की।

पीएम मोदी और शुभांशु शुक्ला की बातचीत की झलकियाँ

"आपके नाम में भी शुभ है और आपकी यात्रा नए युग का शुभारंभ भी है।"प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

"यह सिर्फ मेरी नहीं, पूरे देश की यात्रा है। मेरा संदेश है, आसमान कभी सीमा नहीं रहा।" ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला
शुभांशु शुक्ला और पीएम मोदी की यह ऐतिहासिक बातचीत भारत के अंतरिक्ष विज्ञान, राष्ट्रीय गौरव और युवा पीढ़ी के सपनों को नई दिशा देने वाली है। यह संवाद न केवल तकनीकी उपलब्धि है, बल्कि भारत की वैश्विक पहचान और आत्मविश्वास का प्रतीक भी है।

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