प्रयागराज में चार शस्त्र लाइसेंस हंडिया, घूरपुर और बारा के निरस्त | डीएम की सख्त कार्रवाई
जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा ने हंडिया, घूरपुर और बारा क्षेत्रों के चार शस्त्र लाइसेंस निरस्त किए। आरोप जानलेवा हमला, फर्जीवाड़ा और हवाई फायरिंग। इस वर्ष अब तक एक दर्जन लाइसेंस निरस्त।
प्रयागराज, 25 अक्तूबर 2025: जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा ने शुक्रवार को चार शस्त्र लाइसेंस निरस्त करने का आदेश जारी किया। यह कार्रवाई पुलिस और प्रशासन की विस्तृत जाँच रिपोर्टों के बाद हुई।
हंडिया के कुकुढ़ा गाँव का मामला:
पहला प्रकरण अरविंद मिश्रा पुत्र स्व. हरगोविंद मिश्रा, निवासी कुकुढ़ा, थाना हंडिया का है। अरविंद पर आरोप है कि उन्होंने अपनी लाइसेंसी एकनाली बंदूक अपने भाई शैलेंद्र मिश्रा को दे दी, जिन्होंने 19 नवंबर 2022 को दिनेश चंद्र पांडेय के भतीजे उज्जवल पर हमला किया था। अगले दिन शिकायत लेकर गए दिनेश चन्द्र पांडेय पर भी जानलेवा हमला किया था, जिसमें पीड़ित दिनेश चन्द्र पांडेय के सिर पर गहरी चोटें आई और पैर की हड्डियाँ टूट गईं। इस मामले में हंडिया थाने में मुकदमा दर्ज हुआ था। उसी मामले में दर्ज मुकदमे में तत्कालीन डीसीपी गंगानगर की 14 नवंबर 2023 की रिपोर्ट के आधार पर जिलाधिकारी न्यायालय ने अरविंद मिश्रा का शस्त्र लाइसेंस निरस्त कर दिया।
फर्जीवाड़ा कर दो लाइसेंस लेने का मामला:
दूसरा मामला घूरपुर के हथिगन गाँव निवासी दिनेश चंद्र त्रिपाठी, पुत्र स्व. रमाकांत त्रिपाठी (सेवानिवृत्त उपनिरीक्षक) का है। दिनेश चंद्र ने वर्ष 2008 में घूरपुर पते से सिंगल बैरल बंदूक और औद्योगिक क्षेत्र पते से रायफल के लाइसेंस लिए थे। जाँच में पाया गया कि दोनों लाइसेंस अलग-अलग पते से धोखे से प्राप्त किए गए। 14 जुलाई 2017 को तत्कालीन एसएसपी ने लाइसेंस निरस्तीकरण की संस्तुति की थी। जिलाधिकारी न्यायालय में वाद के बाद दोनों लाइसेंस निरस्त कर दिए गए और शस्त्र थाने के मालखाने में जमा करा दिए गए। दिनेश चंद्र का 28 मई 2015 को निधन हो चुका है।
बारा के बांकीपुर निवासी शिवकुमार मिश्र का मामला:
तीसरा मामला शिवकुमार मिश्र का है, जिन पर आरोप है कि उन्होंने छह वर्ष पूर्व अपनी लाइसेंसी बंदूक से हवाई फायरिंग की थी। इससे गाँव में दहशत फैल गई थी। पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर 3 जुलाई 2019 को उनकी बंदूक जब्त की थी। शर्तों का उल्लंघन सिद्ध होने पर जिलाधिकारी ने उनका लाइसेंस निरस्त कर दिया।
अन्य निरस्तीकरण:
इस वर्ष पूर्व विधायक विजय मिश्रा और बसपा नेता के रिश्तेदारों के भी शस्त्र लाइसेंस निरस्त किए जा चुके हैं। जनवरी से अब तक एक दर्जन से अधिक लाइसेंस निरस्त हुए हैं। पूर्व विधायक विजय मिश्रा की पत्नी रामलली मिश्रा (भदोही से जारी रिवॉल्वर लाइसेंस) और भतीजे सतीष मिश्र के प्रयागराज व भदोही से जारी पिस्टल लाइसेंस भी निरस्त किए जा चुके हैं।
प्रशासन की सख्ती:
जिलाधिकारी कार्यालय के सूत्रों के अनुसार, “जिन मामलों में शस्त्र अधिनियम की शर्तों का उल्लंघन हुआ है या हथियार का दुरुपयोग किया गया है, उनमें बिना किसी दबाव के निरस्तीकरण जारी रहेगा।” वर्तमान में चार अन्य मामलों की जाँच चल रही है। यह कार्रवाई प्रयागराज प्रशासन की सख्त नीति को दर्शाती है कि हथियार केवल आत्मरक्षा के लिए हैं, दुरुपयोग के लिए नहीं। डीएम कार्यालय ने स्पष्ट किया है कि भविष्य में भी शस्त्र अनुज्ञापत्रों की पुनरीक्षण प्रक्रिया नियमित रूप से चलेगी।
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