DGP राजीव कृष्णा ने वायरल वीडियो के बाद 11 पुलिसकर्मियों को किया निलंबित

उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक राजीव कृष्णा ने सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो के बाद चित्‍रकूट, बांदा व कौशाम्बी के 11 पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया है; वीडियो में अधिकारियों पर वाहन चालकों से अवैध वसूली करने के आरोप हैं और प्रदेश पुलिस ने तत्काल जाँच व कड़ी कार्रवाई का आश्वासन दिया है।

Oct 23, 2025 - 10:30
Oct 23, 2025 - 10:33
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DGP राजीव कृष्णा ने वायरल वीडियो के बाद 11 पुलिसकर्मियों को किया निलंबित
उत्तर प्रदेश DGP राजीव कृष्णा

क्या हुआ:

सोशल मीडिया पर एक स्टिंग वायरल वीडियो सामने आने के बाद उत्तर प्रदेश के DGP राजीव कृष्णा ने चित्रकूट, बांदा और कौशाम्बी जिलों के कुल 11 पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया है। वीडियो में पुलिसकर्मियों पर आरोप हैं कि वे ट्रक/वाहन चालकों से ‘एंट्री फी’/रिश्वत लेकर ओवरलोडेड वाहनों को गुजरने दे रहे थे, यानी चेकपॉइंट्स पर अवैध वसूली। यह कार्रवाई वायरल फुटेज के सार्वजनिक दबाव और प्रारम्भिक विभागीय जाँच के मद्देनजर की गई।

किन अधिकारियों पर कार्रवाई हुई:

कुल 11 अधिकारी के निलंबन में एक इंस्पेक्टर, लगभग चार-पांच सब-इंस्पेक्टर, जिसमें एक महिला सब-इंस्पेक्टर भी शामिल बताई गई है और पाँच कॉन्स्टेबल/सिपाही शामिल हैं। चित्रकूट में विशेष रूप से तीन थाना प्रभारी भरतकूप मनोज चौधरी, पहाड़ी अनुपम तिवारी, राजापुर पंकज तिवारी, एक सब-इंस्पेक्टर इमरान सिंह के नाम हैं और कुछ कॉन्स्टेबलों का उल्लेख समाचारों में आया है; बांदा व कौशाम्बी में भी संबंधित थाना प्रभारियों और कॉन्स्टेबलों के निलंबन की सूचना मिली है।

वीडियो में क्या दिखता है, प्राथमिक साक्ष्य का सार:

समाचार रिपोर्टों और स्थानीय स्टिंग वायरल फुटेज के विवरण के अनुसार, रिकॉर्डिंग में पुलिसकर्मी चेकपॉइंट पर ट्रक ड्राइवरों से नकद वसूलते दिखाई देते हैं और कागज़ी वैध कार्रवाई के बदले में ‘पास’ कराने की शर्त रखते हुए पैसे लेते दिखते हैं। कुछ रिपोर्टें बताती हैं कि विशेषकर ओवरलोडेड ट्रकों से यह वसूली की जा रही थी, यानी सार्वजनिक सुरक्षा मानकों की अनदेखी कर बहिष्कृत शुल्क। वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से फैलने के बाद अधिकारियों ने तुरंत जवाबी कार्रवाई शुरू की।

प्रशासन की प्रतिक्रिया और आगे की कार्रवाई:

उत्तर प्रदेश पुलिस महानिदेशक राजीव कृष्णा ने मामले को गंभीरता से लेते हुए रेंज, जिला अधिकारियों को त्वरित और सख्त कार्रवाई का निर्देश दिया। प्रांतीय मुख्यालय ने कहा कि ADG/DIG स्तर पर भी हाईवे व चेकपॉइंट पर ड्यूटी कर रहे कर्मियों की निगरानी बढ़ाई जाए तथा जो भी दोषी पाए गए उन्हें विभागीय व कानूनी क़दमों का सामना करना पड़ेगा। साथ ही एक वरिष्ठ IPS अधिकारी को सपष्ट जाँच का दायित्व सौंपा गया है, जिससे प्रारंभिक निलंबन के बाद विस्तृत विभागीय जाँच, संभावित FIR या अन्य विधिक कार्रवाई पर रिपोर्ट आएगी।

संदर्भ और विस्तार :

उत्तर प्रदेश में पिछले वर्षों में भी कई बार स्टिंग वायरल फुटेज के कारण पुलिसकर्मियों के निलंबन, अनुशासनात्मक कार्रवाइयों की घटनाएँ सामने आई हैं, ट्रैफिक/चेकपॉइंट पर वसूली से जुड़ी शिकायतें बार-बार उठती रही हैं। इसलिए, यह मामला सिर्फ़ व्यक्तिगत दोष का नहीं, बल्कि सिस्टम-लेवल निगरानी, पारदर्शिता और जवाबदेही के प्रश्न को भी उभारता है। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार जिम्मेदार अधिकारियों ने ‘जीरो टॉलरेंस’ का एलान किया है; जाँच के बाद यह देखना होगा कि क्या विभागीय सुधार निगरानी कैमरा, चेकपॉइंट ऑडिट, शीघ्र FIR, दैनिक रोटेशन इत्यादि की अनुशंसा की जाएगी।

जाँच-प्रोसीजर, जो हम फिलहाल जाँचेंगे:

  • वायरल वीडियो के मूल स्रोत/ऑरिजन की पुष्टि किसने शूट किया, कब/कहाँ, क्या वह sting था या आम नागरिक का फ़ोन फुटेज; यह chain-of-custody निर्धारित करेगा कि वीडियो को साक्ष्य के रूप में कितनी मजबूती से पेश किया जा सकता है।
  • स्थानीय SP/CO ने कौन-सी तात्कालिक कार्रवाइयाँ कीं जैसे गिरफ्तारियाँ, FIR, आंतरिक प्राथमिकी इनका विवरण माँगा जाएगा।
  • यदि जाँच में पता चलता है कि निलंबित कर्मियों के ऊपर पहले भी शिकायतें थीं, तो संबंधित अनुशासनात्मक रिकॉर्ड और पिछले भ्रष्टाचार-रिपोर्ट्स देखे जाएँगे।
    वायरल वीडियो के प्रकाश में DGP के नेतृत्व में की गई त्वरित निलंबन कार्रवाई दर्शाती है कि चुनावी/जन-चिंतित माहौल में प्रदेश पुलिस भ्रष्टाचार के आरोपों पर त्वरित कदम उठा रही है। पर रिपोर्टिंग के लिहाज़ से यह ज़रूरी है कि: (a) वीडियो के स्रोत और प्रमाणिकता की खुली रूप से पुष्टि हो, (b) विभागीय जाँच की समग्र रिपोर्ट सार्वजनिक की जाए ताकि कार्रवाई केवल निलंबन तक सीमित न रहे, बल्कि दोषी पाए जाने पर सख्त कानूनी परिणाम हों, और (c) सिस्टम-स्तर के सुधारों का ऐलान/दस्तावेज़ उपलब्ध कराए जाएँ, ताकि भविष्य में ऐसे मामलों की पुनरावृत्ति रोकी जा सके।

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पूजा अग्रहरि पूजा अग्रहरि ने 2020 में दैनिक विश्वमित्र से पत्रकारिता की शुरुआत की। युवा शक्ति और जागो देश यूट्यूब चैनलों से जुड़ने के बाद, वर्तमान में पिछले 1 वर्ष से ‘जागो टीवी’ वेब पोर्टल में कंटेंट राइटर हैं। ‘कोई और राकेश श्रीमाल’ पुस्तक की सह-संपादक रही हैं। आपने महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय, कोलकाता केंद्र से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर किया है।