कल सबसे बड़ा भ्रम है | हिंदी कविता | सुशील कुमार पाण्डेय ‘निर्वाक’ की कविता

'कल सबसे बड़ा भ्रम है' कविता में कवि सुशील कुमार पाण्डेय ‘निर्वाक’ बताते हैं कि सच्चा जीवन केवल आज में है। ध्यान, प्रेम और मुक्ति सब वर्तमान क्षण में निहित हैं - कल सिर्फ एक भ्रम है।

Oct 20, 2025 - 09:06
Oct 20, 2025 - 11:14
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कल सबसे बड़ा भ्रम है | हिंदी कविता | सुशील कुमार पाण्डेय ‘निर्वाक’ की कविता
कल सबसे बड़ा भ्रम है | हिंदी कविता | सुशील कुमार पाण्डेय ‘निर्वाक’

कल सबसे बड़ा भ्रम है

कल सबसे बड़ा भ्रम है,

समझो इस खेल को

मन हमेशा कहेगा 'कल',

और इसी धोखे में पूरा जीवन बीत जाएगा।

मृत्यु के समय हाथ खाली होंगे।

जो कल के पीछे भागा

उसने जीवन खो दिया।

जो आज को पकड़ पाया

उसने मृत्यु को भी जीत लिया।

 

प्रेम अब में है।

सुख भी अब में है।

पूर्णता भी अब में है।

आज ही द्वार है,

आज ही सत्य है,

आज ही परमात्मा है।

कल सबसे बड़ा भ्रम है,

सबसे बड़ी कैद है।

 

आओ,

आज में जीना सीखो।

फूल खिलेगा,

सुगंध बहेगी,

संगीत बजेगा।

और तब हँसी आएगी

कि जिसे जीवन भर खोजते रहे,

वह यहीं था,

तुम्हारी साँसों में,

तुम्हारे मौन में,

तुम्हारे बहुत करीब।

 

कल झूठ है।

आज ही जीवन है।

आज ही मुक्ति है।

 

सुशील कुमार पाण्डेय ‘निर्वाक’

संपर्क: 25-26, रोज मेरी लेन, हावड़ा - 711101, मो,: 88 20 40 60 80 / 9681 10 50 70

ई-मेल : aapkasusheel@gmail.com

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पूजा अग्रहरि पूजा अग्रहरि ने 2020 में दैनिक विश्वमित्र से पत्रकारिता की शुरुआत की। युवा शक्ति और जागो देश यूट्यूब चैनलों से जुड़ने के बाद, वर्तमान में पिछले 1 वर्ष से ‘जागो टीवी’ वेब पोर्टल में कंटेंट राइटर हैं। ‘कोई और राकेश श्रीमाल’ पुस्तक की सह-संपादक रही हैं। आपने महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय, कोलकाता केंद्र से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर किया है।