सीड गर्ल हर्षिता प्रियदर्शिनी मोहंती: मिट्टी से जुड़ा सपना जिसने बदल दी ग्रामीण खेती की सोच

ओडिशा की 13 वर्षीय छात्रा हर्षिता प्रियदर्शिनी मोहंती ने देशी बीजों को संरक्षित कर पर्यावरण संरक्षण की नई मिसाल कायम की है। उनके बीज बैंक में 180 से अधिक चावल और 80 बाजरे की किस्में सुरक्षित हैं। जानिए इस 'सीड गर्ल' की प्रेरक कहानी जिसने मिट्टी से प्रेम को नया अर्थ दिया।

Oct 25, 2025 - 08:22
Oct 25, 2025 - 08:27
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सीड गर्ल हर्षिता प्रियदर्शिनी मोहंती: मिट्टी से जुड़ा सपना जिसने बदल दी ग्रामीण खेती की सोच
सीड गर्ल हर्षिता प्रियदर्शिनी मोहंती और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु

धरती माँ की बेटी: हर्षिता की बीजों से उपजी उम्मीद की कहानी

जहाँ ज़्यादातर बच्चे किताबों और मोबाइल में खोए रहते हैं, वहीं ओडिशा के कोरापुट जिले की आठवीं कक्षा की छात्रा हर्षिता प्रियदर्शिनी मोहंती ने धरती माँ को बचाने का सपना देखा।

पद्मश्री कमला पुजारी से प्रेरित होकर हर्षिता ने 2023 में देशी बीजों को एकत्रित करने का संकल्प लिया। महज़ दो साल में उन्होंने एक ‘सीड बैंक’ खड़ा कर दिया, जिसमें 180 से अधिक दुर्लभ चावल की किस्में जैसे कोरापुट कलजीरा, तुलसी भोग, रोगुसाई और 80 से अधिक बाजरे की प्रजातियाँ शामिल हैं।

हर्षिता का कहना है, “देशी बीज जलवायु-अनुकूल और पौष्टिक होते हैं। ये किसानों को आत्मनिर्भर बनाते हैं क्योंकि इन्हें हर सीजन खरीदा नहीं जाता, बल्कि बचाया जाता है।”

वह खेतों और हाट-बाज़ारों से बीज एकत्र करती हैं और उन्हें नीम आधारित प्राकृतिक तरीकों से सुरक्षित रखती हैं। बीजों की इस परंपरा को पुनर्जीवित करते हुए हर्षिता ने अब तक 50 से अधिक किसानों को मुफ्त में बीज वितरित किए हैं और पाँच गाँवों में जैविक खेती आंदोलन की शुरुआत की है।

इस छोटी उम्र में भी हर्षिता का सपना बड़ा है, एक कृषि वैज्ञानिक बनना और पूरे देश में देशी बीजों की विरासत को पुनर्जीवित करना। उनकी कहानी यह बताती है कि बदलाव की शुरुआत उम्र से नहीं, विचार और कर्म से होती है।

आज हर्षिता न सिर्फ़ ओडिशा बल्कि पूरे भारत के लिए प्रेरणा की प्रतीक बन चुकी हैं, एक सच्ची ‘युवा आइकॉन’ जो धरती, बीज और भविष्य तीनों को जोड़ रही हैं।

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पूजा अग्रहरि पूजा अग्रहरि ने 2020 में दैनिक विश्वमित्र से पत्रकारिता की शुरुआत की। युवा शक्ति और जागो देश यूट्यूब चैनलों से जुड़ने के बाद, वर्तमान में पिछले 1 वर्ष से ‘जागो टीवी’ वेब पोर्टल में कंटेंट राइटर हैं। ‘कोई और राकेश श्रीमाल’ पुस्तक की सह-संपादक रही हैं। आपने महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय, कोलकाता केंद्र से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर किया है।