नैहाटी में बहुभाषी कविता उत्सव | भारतीय भाषाओं की सहयात्रा का संगम
17 सितंबर को नैहाटी में सांस्कृतिक पुनर्निर्माण मिशन द्वारा बहुभाषी कविता उत्सव का आयोजन हुआ। हिंदी, बांग्ला और उर्दू कवियों ने काव्य पाठ कर भाषाई समरसता का संदेश दिया।

नैहाटी, 17 सितंबर। बंगाल की प्रतिष्ठित साहित्यिक एवं सांस्कृतिक संस्था सांस्कृतिक पुनर्निर्माण मिशन ने वंदे मातरम् के रचयिता बंकिमचंद्र चटर्जी की जन्मभूमि नैहाटी स्थित समरेश बसु सभागार में एक भव्य बहुभाषी कविता उत्सव का आयोजन किया।
कार्यक्रम का स्वागत वक्तव्य देते हुए संस्था के संयुक्त महासचिव डॉ. संजय जायसवाल ने कहा कि हिंदी दिवस का वास्तविक अर्थ भारतीय भाषा दिवस होना चाहिए, क्योंकि हिंदी सभी भारतीय भाषाओं के बीच एक सूत्र की तरह है। उन्होंने कहा, “हिंदी ने हमेशा भारतीय भाषाओं को अपना समझा है, और यह बहुभाषिक उत्सव सभी भाषाओं की स्वीकार्यता और सहयात्रा का प्रतीक है।”
नैहाटी नगरपालिका के सीआईसी पार्थप्रतिम दासगुप्ता ने कहा कि हिंदी, उर्दू और बांग्ला कवियों का संयुक्त काव्यपाठ समाज में फैल रहे भाषायी मतभेद को दूर करने की पहल है। वरिष्ठ साहित्यकार राजेंद्र गुप्ता ने कहा कि यह कार्यक्रम देश में हो रहे भाषायी विरोध के ख़िलाफ़ एक मुखर आवाज़ है।
मृत्युंजय श्रीवास्तव ने इसे मिशन की कोलकाता से आगे राष्ट्रीय स्तर तक विस्तार की पहल बताया, जबकि राजेश कुमार पांडेय ने कहा कि हिंदी दिवस पर बहुभाषी काव्यपाठ पूरे देश को दिशा देगा। रंगकर्मी प्लाबन बसु ने कविताओं को जीवन की कथा बताते हुए कहा कि रंगकर्मी इस कथा को अभिनय के जरिए समाज तक पहुँचाते हैं।
काव्य पाठ में भाग लेने वाले कवि
मंच पर अपनी कविताओं का पाठ करने वालों में प्रमुख रहे – मंजु श्रीवास्तव, राज्यवर्द्धन, शुभोदीप रॉय, बुलंद इकबाल, डॉ. वहिद्दुल हक, शिप्रा मिश्रा, आनंद गुप्ता, शकील अख़्तर, कलावती कुमारी, अंजु सिंह, नवोनीता दास, सुशील कांति, मुनव्वर हुसैन, राहुल शर्मा, मनीषा गुप्ता, सीता चौधरी, सिपाली गुप्ता, कार्तिक बासफोर, शिव प्रकाश दास, अजय पोद्दार, सूर्य देव रॉय, कंचन भगत, अपराजिता बाल्मीकि और फरहान।
कार्यक्रम का संचालन प्रो. एन. चंद्रा राव और रुपेश कुमार यादव ने किया जबकि अनीता राय ने धन्यवाद ज्ञापन दिया। पूरे आयोजन का संयोजन असित पांडेय ने किया।
साहित्यप्रेमियों की बड़ी मौजूदगी
इस अवसर पर भारी संख्या में साहित्यप्रेमी और सामाजिक कार्यकर्ता उपस्थित रहे, जिनमें मनोमणि सिंह, देवानंद साव, डॉ. संजय राय, राजेश प्रसाद, कन्हैया भगत, प्रो. मंटू दास, डॉ. विकास कुमार साव, सुबास साव, धीरज केशरी, अमरजीत पंडित, प्रभाकर साव, ज्योति चौरसिया, देवरतन भारती, संजय राम, राजकुमार साव, डॉ. रमाशंकर सिंह, अनुपमा वर्मा प्रमुख थे।
दुखद समाचार
कार्यक्रम के समापन के तुरंत बाद यह दुखद समाचार प्राप्त हुआ कि राज्यसभा सांसद और कलकत्ता विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग की पूर्व प्रोफेसर डॉ. चंद्रकला पांडेय का निधन हो गया है। मिशन के साथियों ने उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की और शोक व्यक्त किया।
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