हिंदी राष्ट्रीय अस्मिता को जोड़ने वाली भाषा है | पीएनबी, उत्तर 24 परगना

पंजाब नेशनल बैंक, मंडल कार्यालय बारासात में हिंदी दिवस माह समारोह का आयोजन। मुख्य अतिथि डॉ. संजय जायसवाल ने कहा कि हिंदी भारतीय भाषाओं के सम्मान और राष्ट्रीय गौरव का प्रतीक है।

Sep 15, 2025 - 20:26
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हिंदी राष्ट्रीय अस्मिता को जोड़ने वाली भाषा है | पीएनबी, उत्तर 24 परगना
दीप प्रज्ज्वलित करते पंजाब नेशनल बैंक के अधिकारी व अतिथिगण

बारासात, 15 सितंबर। पंजाब नेशनल बैंक, मंडल कार्यालय उत्तर 24 परगना, बारासात के मंथन सभागार में हिंदी दिवस माह का शुभारंभ बड़े ही उत्साह और गरिमा के साथ हुआ। इस अवसर पर मंडल प्रमुख पंकज कुमार, उप मंडल प्रमुख अभय कुमार सिन्हा, मुख्य प्रबंधक जे.एल. साहू तथा विभिन्न शाखाओं के अधिकारीगण एवं कर्मचारी बड़ी संख्या में उपस्थित रहे। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित थे डा. संजय जायसवाल, सह-प्राध्यापक, विद्यासागर विश्वविद्यालय, मेदिनीपुर।

हिंदी : संकल्प भी, समर्पण भी

इस वर्ष समारोह की थीम रही – ‘राजभाषा हिंदी : संकल्प भी, समर्पण भी’। इस संदर्भ में बैंक अधिकारियों ने कार्यस्थल पर हिंदी के प्रयोग, उसकी उपयोगिता और बैंकिंग सेवाओं में हिंदी के प्रसार पर विचार साझा किए। वक्ताओं ने कहा कि हिंदी केवल सरकारी कामकाज की भाषा नहीं बल्कि ग्राहकों से सीधा संवाद स्थापित करने का सशक्त माध्यम है।

भारतीय भाषाओं के बीच सृजनात्मक संवाद

मुख्य अतिथि डा. संजय जायसवाल ने अपने व्याख्यान में कहा कि हिंदी दिवस केवल औपचारिकता नहीं, बल्कि भारतीय भाषाई अस्मिता को पुनः स्थापित करने का अवसर है। उन्होंने स्पष्ट किया-

 हिंदी को राजभाषा भर न समझा जाए, बल्कि इसे राष्ट्रीय अस्मिता से जोड़कर देखा जाए। सभी भारतीय भाषाओं के बीच सृजनात्मक संवाद और परस्पर सहयोग से ही हिंदी का वास्तविक विकास संभव है।”

उन्होंने यह भी कहा कि जब हम हिंदी को मन से अपनाते हैं, तभी यह राष्ट्रीय गौरव और एकता की पहचान बन सकती है।

राजभाषा संकल्प का पाठ

इस अवसर पर कार्यालय की ओर से राजभाषा संकल्प का सामूहिक पाठ किया गया, जिसमें सभी कर्मचारियों ने हिंदी के अधिकाधिक प्रयोग और प्रसार का संकल्प लिया।

आयोजन की विशेषताएँ

कार्यक्रम का संचालन राजभाषा प्रबंधक श्री दिलीप ठाकुर ने किया। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि बैंक की राजभाषा नीति केवल नियमों तक सीमित नहीं है, बल्कि यह सांस्कृतिक जुड़ाव और ग्राहक संतुष्टि से सीधे जुड़ी है। अंत में मुख्य प्रबंधक श्री श्यामा प्रसाद कुलभी ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया और हिंदी के प्रयोग को कार्यालय संस्कृति का स्थायी हिस्सा बनाने की अपील की।

उत्साह और सहभागिता

पूरे समारोह में एक उत्सव जैसा माहौल रहा। शाखाओं से आए अधिकारी और कर्मचारियों ने सक्रिय भागीदारी निभाई। वक्ताओं और कर्मचारियों की साझा भावना यही रही कि हिंदी दिवस महज एक दिन का कार्यक्रम न रहकर, कार्यसंस्कृति का सतत अंग बने।

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सुशील कुमार पाण्डेय मैं, अपने देश का एक जिम्मेदार नागरिक बनने की यात्रा पर हूँ, यही मेरी पहचान है I