उत्तराखंड पंचायत चुनाव पर हाईकोर्ट की रोक बरकरार, आरक्षण नियमों पर अगली सुनवाई कल
उत्तराखंड में प्रस्तावित त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों पर नैनीताल हाईकोर्ट ने रोक बरकरार रखी है। कोर्ट ने यह रोक पंचायत चुनावों में आरक्षण रोटेशन की पारदर्शिता और नियमों की अधिसूचना में अस्पष्टता के चलते लगाई है। राज्य सरकार ने 9 जून को नई आरक्षण नियमावली बनाई थी, जिसका गजट नोटिफिकेशन 14 जून को हुआ, लेकिन इसे समय रहते कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत नहीं किया जा सका।

उत्तराखंड में प्रस्तावित त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों पर नैनीताल हाईकोर्ट ने रोक बरकरार रखी है। कोर्ट ने यह रोक पंचायत चुनावों में आरक्षण रोटेशन की पारदर्शिता और नियमों की अधिसूचना में अस्पष्टता के चलते लगाई है। राज्य सरकार ने 9 जून को नई आरक्षण नियमावली बनाई थी, जिसका गजट नोटिफिकेशन 14 जून को हुआ, लेकिन इसे समय रहते कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत नहीं किया जा सका। मंगलवार को सरकार ने नोटिफिकेशन कोर्ट में पेश किया, जिसके बाद मुख्य न्यायधीश की खंडपीठ ने सभी याचिकाओं की अगली सुनवाई के लिए 26 जून की तारीख तय की है। तब तक पंचायत चुनाव की प्रक्रिया पर रोक जारी रहेगी। चुनाव आयोग और राज्य सरकार कोर्ट के आदेश के बाद ही आगे की प्रक्रिया तय करेंगे।
मुख्य बिंदु :
नैनीताल हाईकोर्ट ने उत्तराखंड में पंचायत चुनाव प्रक्रिया पर रोक बरकरार रखी है, अगली सुनवाई 26 जून को होगी।
रोक का मुख्य कारण पंचायत चुनावों के लिए आरक्षण रोटेशन नियमों की अधिसूचना का समय पर कोर्ट में प्रस्तुत न होना और आरक्षण प्रक्रिया में पारदर्शिता की कमी है।
राज्य सरकार ने 9 जून को नई आरक्षण नियमावली बनाई और 14 जून को उसका गजट नोटिफिकेशन जारी किया, जो अब कोर्ट में प्रस्तुत हो चुका है।
कोर्ट ने सभी संबंधित याचिकाओं की अगली सुनवाई के लिए 26 जून दोपहर 2 बजे का समय निर्धारित किया है।
चुनाव आयोग ने भी अपनी अधिसूचना वापस ले ली है और कोर्ट के आदेश के बाद ही नया कार्यक्रम घोषित किया जाएगा।
आरक्षण रोटेशन पर कई याचिकाएं दायर हुई थीं, जिनमें आरोप था कि लगातार एक ही सीट आरक्षित रहने से कई उम्मीदवार चुनाव में भाग नहीं ले पा रहे हैं।
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