अपनी राह खुद चुनो | हिंदी कविता | सुशील कुमार पाण्डेय ‘निर्वाक’ की कविता’

जीवन के संघर्षों में खुद पर विश्वास रखो और अपनी राह खुद बनाओ। यह प्रेरक कविता आत्मसम्मान, मेहनत और आत्मबल की उजली मिसाल है। पढ़ें...

Oct 27, 2025 - 15:13
Oct 27, 2025 - 15:36
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अपनी राह खुद चुनो | हिंदी कविता | सुशील कुमार पाण्डेय ‘निर्वाक’ की कविता’
अपनी राह खुद चुनो | हिंदी कविता | सुशील कुमार पाण्डेय ‘निर्वाक’

अपनी राह खुद चुनो

 

तुम्हारी असली कीमत तुम्हारे भीतर है,

न किसी की नजर में,

न किसी की दुआओं के सहारे।

जो तुम्हें न समझे,

वह तुम्हारा नहीं,

जो तुम्हें नजरअंदाज करे,

वह सफर का हिस्सा नहीं।

 

अपनी राह खुद चुनो,

अपनी मेहनत पर गर्व करो,

सीमाएँ तय करो,

और अपने सपनों पर ध्यान धरो।

दुनिया को चिल्लाकर साबित मत करो,

बस चुपचाप चमको

और अपने काम से जगमग करो।

 

याद रखो-

भगवान बोझ तभी हटाता है राह से,

जब तुम्हें ऊँचाई पर ले जाना चाहता है।

जो तुम्हारी क़द्र न करे,

उसे जाने दो,

नफरत का बोझ नहीं,

बस सन्नाटा सौंप दो।

 

क्योंकि असली रिश्ते वही हैं,

जहाँ तुम्हारी मुस्कान किसी की खुशी बने,

तुम्हारा दर्द किसी की चिंता जगाए,

और तुम्हारी मेहनत किसी की सराह बन जाए।

  

सुशील कुमार पाण्डेय निर्वाक’

संपर्क: 25-26, रोज मेरी लेन, हावड़ा - 711101,

मो.: 88 20 40 60 80 / 9681 10 50 70

ई-मेल : aapkasusheel@gmail.com

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