पुलिस विभाग की निरंकुशता व भ्रष्टाचार के खिलाफ आज़ाद अधिकार सेना ने सौंपा ज्ञापन

उत्तर प्रदेश के पुलिस विभाग में बढ़ते भ्रष्टाचार, अन्याय व आम जनता के साथ अमानवीय व्यवहार के विरोध में आजाद अधिकार सेना ने 30 मई 2025 (शुक्रवार) को राज्य के प्रत्येक जिले में पुलिस अधीक्षक/एसएसपी/पुलिस कमिश्नर कार्यालयों के समक्ष शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन व ज्ञापन प्रस्तुति दे रही है।

May 30, 2025 - 15:14
May 30, 2025 - 15:19
 0
पुलिस विभाग की निरंकुशता व भ्रष्टाचार के खिलाफ आज़ाद अधिकार सेना ने सौंपा ज्ञापन
जिलाध्यक्ष ओमबीर के साथ अन्य पदाधिकारीगण

शामली : उत्तर प्रदेश के जनपद शामली में आज़ाद अधिकार सेना ने पुलिस विभाग की निरंकुशता, भ्रष्टाचार, आमजन पर अत्याचार तथा संवैधानिक मर्यादाओं की अनदेखी के खिलाफ एक विस्तृत ज्ञापन पुलिस क्षेत्रीय अधिकारी सदर शामली को सौंपा। संगठन के सदस्यों ने पुलिस के मनमाने व्यवहार, रिश्वतखोरी, राजनीतिक दखल और पीड़ितों के साथ अभद्रता को लेकर गहरी नाराज़गी जताई। साथ ही, त्वरित और ठोस सुधारात्मक कदमों की मांग की गई।

ज्ञापन के प्रमुख बिंदु:

शिकायत दर्ज करने में टालमटोल

पुलिस प्राथमिक स्तर पर पीड़ितों की शिकायतें दर्ज नहीं करती। महीनों की भागदौड़ के बाद एफआईआर होती है, वह भी रिश्वत लेकर।

राजनीतिक व प्रशासनिक दबाव

कई मामलों में पुलिस कार्यवाही में पक्षपात होता है, जिसमें राजनीतिक दबाव स्पष्ट रूप से देखा जाता है।

विवेचना में सौदेबाज़ी

पुलिस विवेचना को व्यापार जैसा बना चुकी है, जिसमें केस की दिशा और निष्कर्ष सौदे के अनुसार तय होते हैं।

गाली-गलौच और मारपीट

पुलिसकर्मी आम नागरिकों से अमर्यादित भाषा में बात करते हैं और कई बार बिना कारण मारपीट करते हैं।

व्यवहार में भेदभाव

व्यक्ति की सामाजिक/आर्थिक हैसियत के अनुसार पुलिस का रवैया बदलता है।

अदालती आदेशों की अवहेलना

पुलिस प्रायः न्यायालय के आदेशों का पालन नहीं करती।

रिश्वतखोरी में संवेदनहीनता

पुलिस अक्सर मामलों में घूस के लिए दबाव बनाती है और मानवता व संवेदनशीलता को भूल जाती है। 

मूलभूत माँगें:

पुलिस सेवा नियमावली में बदलाव

कार्यशैली को संविधान अनुरूप बनाए जाने की आवश्यकता है।

पुलिस भर्ती में चरित्र जांच अनिवार्य हो

अभ्यर्थियों के नैतिक व सामाजिक मूल्यांकन को शामिल किया जाए।

शिकायत निवारण हेतु स्वतंत्र प्राधिकरण

एक न्यायपालिका व अन्य विभागीय सदस्यों से युक्त स्वतंत्र समिति बनाई जाए।

गालीबाज़ व संविधान विरोधी कर्मियों को सेवा से हटाया जाए।

हर शिकायत का पारदर्शी निस्तारण

शिकायतकर्ता को हर चरण की जानकारी व अपनी बात रखने का अवसर दिया जाए।

ज्ञापन सौंपने वाले प्रमुख प्रतिनिधि:

ओमबीर (जिलाध्यक्ष)

यूनिस (जिलाध्यक्ष, मुस्लिम प्रकोष्ठ)

अंकित कश्यप (जिला महामंत्री)

विनोद कुमार (प्रदेश महासचिव)

अन्य संगठन कार्यकर्ता

सेना की अपील:

‘हम सब आज़ाद अधिकार के सैनिक’  के नारे के साथ सेना ने सरकार से अपील की है कि पुलिस सुधारों को प्राथमिकता देते हुए नागरिक अधिकारों की रक्षा की जाए।

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow

न्यूज डेस्क जगाना हमारा लक्ष्य है, जागना आपका कर्तव्य