पुलिस विभाग की कार्यशैली पर आज़ाद अधिकार सेना का बड़ा हमला, डीजीपी को सौंपा ज्ञापन
उत्तर प्रदेश के पुलिस विभाग में बढ़ते भ्रष्टाचार, अन्याय व आम जनता के साथ अमानवीय व्यवहार के विरोध में आजाद अधिकार सेना ने 30 मई 2025 (शुक्रवार) को राज्य के प्रत्येक जिले में पुलिस अधीक्षक/एसएसपी/पुलिस कमिश्नर कार्यालयों के समक्ष शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन व ज्ञापन प्रस्तुति दे रही है।

लखनऊ, 30 मई 2025 : आज़ाद अधिकार सेना के पदाधिकारियों ने आज पुलिस विभाग की कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़े करते हुए प्रदेश के पुलिस महानिदेशक को सहायक पुलिस आयुक्त हजरतगंज के माध्यम से एक ज्ञापन सौंपा। सेना का आरोप है कि उत्तर प्रदेश की पुलिस अब जन-सहयोगी नहीं रह गई है बल्कि उसका आचरण आपराधिक तत्वों जैसा हो गया है।
ज्ञापन में विस्तार से बताया गया कि पुलिस द्वारा प्राथमिक शिकायत दर्ज करने से लेकर विवेचना और न्यायालय के आदेशों के अनुपालन तक की प्रक्रिया में भारी लापरवाही, पक्षपात, भ्रष्टाचार और अमानवीय व्यवहार किया जाता है। आम नागरिकों की शिकायतों को या तो नजरअंदाज किया जाता है या उन्हें महीनों तक दौड़ाया जाता है।
ज्ञापन में लगाए गए प्रमुख आरोप इस प्रकार हैं:
पुलिस प्राथमिकी दर्ज करने में टालमटोल करती है।
शिकायत दर्ज करने के लिए पीड़ित को खर्च (रिश्वत) देनी पड़ती है।
विवेचना के दौरान सौदेबाजी कर मुकदमों से खिलवाड़ होता है।
पुलिसकर्मी अभद्र भाषा और मारपीट करते हैं।
पुलिस व्यवहार सामाजिक स्थिति देखकर तय होता है।
न्यायालय आदेशों की अनदेखी की जाती है।
अधिकतर मामलों में पुलिस रिश्वत लेने के लिए व्यक्ति को मजबूर करती है।
आज़ाद अधिकार सेना ने ज्ञापन में निम्न सुझाव प्रस्तुत किए:
पुलिस सेवा नियमावली में संविधान के अनुरूप बदलाव किए जाएं।
भर्ती प्रक्रिया में अभ्यर्थी के चरित्र और समाज में छवि की वास्तविक जांच हो।
पुलिस शिकायतों के निवारण हेतु न्यायपालिका और अन्य स्वतंत्र विभागों से युक्त स्वतंत्र प्राधिकरण का गठन हो।
दुराचार, गाली-गलौच, हिंसा और संविधान विरोधी कार्यों में लिप्त पुलिसकर्मियों को सेवा से हटाने के स्पष्ट प्रावधान हों।
प्रत्येक शिकायत का निष्पक्ष, पारदर्शी और समयबद्ध निस्तारण हो।
सेना के क्षेत्रीय अध्यक्ष एस.सी.अस्थाना ने ज्ञापन सौंपने के बाद कहा कि जनता की समस्याओं के समाधान में पुलिस की वर्तमान भूमिका संदेहास्पद बनती जा रही है और इसे बदलने के लिए ठोस कदम उठाना अब अनिवार्य हो गया है।
What's Your Reaction?






