पुलिस विभाग में बढ़ते अन्याय, उत्पीड़न और भ्रष्टाचार के विरुद्ध आज़ाद अधिकार सेना ने सौंपा ज्ञापन
उत्तर प्रदेश के पुलिस विभाग में बढ़ते भ्रष्टाचार, अन्याय व आम जनता के साथ अमानवीय व्यवहार के विरोध में आजाद अधिकार सेना ने 30 मई 2025 (शुक्रवार) को राज्य के प्रत्येक जिले में पुलिस अधीक्षक/एसएसपी/पुलिस कमिश्नर कार्यालयों के समक्ष शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन व ज्ञापन प्रस्तुति दे रही है।

सिद्धार्थनगर, 30 मई 2025 – आज़ाद अधिकार सेना द्वारा पुलिस विभाग में हो रहे निरंकुशता, भ्रष्टाचार, उत्पीड़न और आम नागरिकों पर हो रहे अत्याचार के विरुद्ध आज सिद्धार्थनगर में पुलिस अधीक्षक डॉ. अभिषेक महाजन को विस्तृत ज्ञापन सौंपा गया। यह ज्ञापन गोरखपुर ज़ोनल अध्यक्ष जितेन्द्र कुमार पाण्डेय के नेतृत्व में दिया गया, जिसमें संगठन के जिला प्रभारी उपेन्द्र चतुर्वेदी, महिला प्रकोष्ठ जिलाध्यक्ष कुसुम लोधी, रोहित दुबे, राहुल गौतम व अन्य पदाधिकारी मौजूद रहे।
ज्ञापन में पुलिस के गैरकानूनी कार्यकलापों, बेवजह आमजन को फंसाने, अवैध वसूली, सोशल मीडिया निगरानी के दुरुपयोग और राजनीतिक दवाब में काम करने जैसे गंभीर आरोप लगाए गए। संगठन ने मांग की है कि पीड़ितों की शिकायतें दर्ज की जाएं और दोषी पुलिसकर्मियों पर निष्पक्ष जांच कर सख्त कार्यवाही की जाए।
मुख्य बिंदु:
1. पुलिस की कार्यशैली पर सवाल: बिना ठोस सबूत आम नागरिकों को प्रताड़ित करने, झूठे मुकदमे दर्ज करने और धन उगाही के आरोप।
2. सोशल मीडिया पर निगरानी के नाम पर उत्पीड़न।
3. राजनीतिक और प्रशासनिक दबाव में काम करने का आरोप।
4. दोषियों पर FIR दर्ज कर निलंबन/बर्खास्तगी की मांग।
5. थानों में अलग से शिकायत कक्ष बनाने की मांग।
6. महिलाओं, छात्रों और गरीब तबकों के साथ भेदभाव और दुर्व्यवहार।
7. पुलिस की 'पहल' योजनाओं का केवल प्रचार तक सीमित रहना।
8. जनता में पुलिस के प्रति विश्वास बहाली के लिए सुधारात्मक कदम।
संगठन की मांगें:
* भ्रष्ट पुलिसकर्मियों को निलंबित किया जाए और उन पर विधिसम्मत कार्रवाई हो।
* थानों में स्वतंत्र शिकायत निवारण तंत्र स्थापित किया जाए।
* पीड़ितों को तत्काल न्याय और संरक्षण दिया जाए।
* पुलिस विभाग को राजनीतिक हस्तक्षेप से मुक्त किया जाए।
* गलत FIR और हिरासत में उत्पीड़न पर रोक लगे।
गोरखपुर ज़ोनल अध्यक्ष जितेन्द्र कुमार पाण्डेय ने कहा – "अगर पुलिस आम जनता की रक्षक नहीं बन सकती, तो अत्याचार और भ्रष्टाचार में संलिप्त अधिकारी पर कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित होनी चाहिए। हमारा अभियान तब तक जारी रहेगा, जब तक न्याय नहीं मिलता।"
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