जमीन विवाद में हिंसा, फायरिंग और पुलिस पर गंभीर आरोप

नैनी कोतवाली क्षेत्र के मामा-भांजा पुलिस चौकी गुरुवार को पंचायत के दौरान अचानक हिंसा भड़क गई । इस घटना ने न केवल प्रयागराज में कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं, बल्कि पुलिस प्रशासन की निष्पक्षता और पारदर्शिता पर भी गंभीर प्रश्नचिह्न लगा दिए हैं। अब देखना यह है कि पुलिस जाँच में कितनी निष्पक्षता बरती जाती है और दोषियों के खिलाफ क्या कार्रवाई होती है, खासकर तब जब खुद थाना प्रभारी पर इतने गंभीर आरोप हों।

May 15, 2025 - 19:36
May 17, 2025 - 20:28
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जमीन विवाद में हिंसा, फायरिंग और पुलिस पर गंभीर आरोप
नैनी कोतवाली के पुलिस अधिकारी

नैनी, प्रयागराज : नैनी कोतवाली क्षेत्र के मामा-भांजा पुलिस चौकी गुरुवार को उस वक्त रणक्षेत्र में तब्दील हो गई, जब विवादित जमीन को लेकर दो पक्षों के बीच पंचायत के दौरान अचानक हिंसा भड़क उठी। पंचायत की शुरुआत आरोप-प्रत्यारोप से हुई, लेकिन कुछ ही देर में दोनों पक्षों के बीच लाठी-डंडों से मारपीट शुरू हो गई। हालात तब और बिगड़ गए जब एक पक्ष की ओर से लाइसेंसी पिस्टल से फायरिंग कर दी गई, जिससे मौके पर मौजूद पुलिसकर्मी समेत छह लोग घायल हो गए। हालांकि डीसीपी विवेक चंद्र यादव ने पुलिसकर्मी के घायल होने की बात को नकारा है।

क्या हुआ घटनास्थल पर?

मामा-भांजा तालाब इलाके के धनुहा स्थित एक विवादित जमीन को लेकर एडीए कॉलोनी के अधिवक्ता और धनुहा के एक प्रॉपर्टी डीलर के बीच पहले से ही तनाव था। गुरुवार को राजस्व विभाग की टीम और पुलिस की मौजूदगी में पंचायत बुलाई गई थी, जिसमें दोनों पक्षों के लोग मामा-भांजा पुलिस चौकी पर एकत्र हुए। बातचीत के दौरान अचानक एक पक्ष के व्यक्ति ने दूसरे पक्ष के सदस्य को थप्पड़ मार दिया। इसके बाद मामला हिंसक हो गया और दोनों ओर से लाठी-डंडे चलने लगे। देखते ही देखते एक पक्ष ने लाइसेंसी पिस्टल से कई राउंड फायरिंग कर दी, जिससे कई लोग छर्रे लगने से घायल हो गए।

पुलिस की भूमिका और कार्रवाई

घटना के बाद पुलिस ने दोनों पक्षों को चौकी से थाने भेजा, लेकिन वहाँ भी मारपीट जारी रही। स्थिति को काबू में करने के लिए कई थानों की फोर्स मौके पर पहुँची और भीड़ को तितर-बितर किया गया। घायलों को तत्काल चाका सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया। पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए जाँच शुरू कर दी है। दोनों पक्षों की पहचान की जा रही है और यह भी पता लगाया जा रहा है कि गोली किसने चलाई और किसकी लाइसेंसी पिस्टल का इस्तेमाल हुआ।

थाना प्रभारी ब्रज किशोर गौतम पर गंभीर आरोप

इस घटना में नैनी थाना प्रभारी ब्रज किशोर गौतम की भूमिका भी सवालों के घेरे में है। ब्रज किशोर गौतम पर पहले भी भ्रष्टाचार, पीड़ितों के खिलाफ झूठे मुकदमे दर्ज कराने, और अपराधियों से मिलकर पीड़ित परिवार पर जानलेवा हमला करवाने के गंभीर आरोप लग चुके हैं। हंडिया थाना में उनकी पूर्व पोस्टिंग के दौरान उनके खिलाफ कई शिकायतें राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग और राष्ट्रीय महिला आयोग में लंबित हैं। वर्तमान में उन पर विभागीय जाँच भी चल रही है। आरोप है कि उन्होंने आरोपी पक्ष से सांठ-गांठ कर पीड़ित पक्ष पर न केवल झूठे केस दर्ज करवाए, बल्कि पीड़ित परिवार की हत्या और जानलेवा हमले की साजिश में भी उनकी संलिप्तता रही है।

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