खड़गपुर में सीताराम सत्संग प्रचार मंडल द्वारा अखंड रामायण पाठ का शुभारंभ, समाज के सभी वर्गों की उत्साहपूर्ण भागीदारी

पश्चिम मेदिनीपुर जिले के खड़गपुर स्थित खरीदा श्री हनुमान मंदिर में सीताराम सत्संग प्रचार मंडल के तत्वावधान में अखंड रामायण पाठ का शुभारंभ शुक्रवार को श्रद्धा और भक्ति के साथ किया गया। उद्घाटन सभासद देवाशीष चौधरी ने किया। आयोजन में अधिवक्ता ललित जायसवाल, संतोष जायसवाल सहित अनेक गणमान्य और श्रद्धालु उपस्थित रहे। यह आयोजन पिछले तीन दशक से श्रावण मास के तीसरे सप्ताह में परंपरागत रूप से होता आ रहा है।

Jul 26, 2025 - 21:29
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खड़गपुर में सीताराम सत्संग प्रचार मंडल द्वारा अखंड रामायण पाठ का शुभारंभ, समाज के सभी वर्गों की उत्साहपूर्ण भागीदारी
अखंड रामायण पाठ खड़गपुर, फोटो: अमितेश कुमार ओझा

पश्चिम मेदिनीपुर जिले की औद्योगिक एवं सांस्कृतिक नगरी खड़गपुर में एक बार फिर सांस्कृतिक और धार्मिक आस्था की गूंज सुनाई दे रही है। सीताराम सत्संग प्रचार मंडल के तत्वावधान में अखंड संपूर्ण रामायण पाठ का शुभारंभ शुक्रवार को खरीदा स्थित श्री हनुमान मंदिर में श्रद्धा, भक्ति और परंपरा के साथ किया गया। यह आयोजन न केवल धार्मिक बल्कि सामाजिक समरसता और सांस्कृतिक चेतना का प्रतीक बनकर उभरा है।

उद्घाटन समारोह में गरिमामयी उपस्थिति

इस पावन आयोजन का उद्घाटन खड़गपुर नगर निगम के लोकप्रिय सभासद श्री देवाशीष चौधरी ने दीप प्रज्वलन और श्रीराम दरबार के समक्ष पुष्प अर्पण कर किया। इस दौरान सीताराम सत्संग प्रचार मंडल के अध्यक्ष अधिवक्ता ललित जायसवाल, संयोजक संतोष जायसवाल, और अनेक स्थानीय गणमान्य नागरिक, समाजसेवी, महिलाएं एवं युवा वर्ग बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।

तीन दशकों से चली आ रही परंपरा

आयोजकों ने बताया कि यह अखंड रामायण पाठ पिछले तीन दशक से भी अधिक समय से खड़गपुर शहर में श्रावण मास के तीसरे सप्ताह में लगातार आयोजित किया जा रहा है। भारतीय परंपरा के अनुसार, श्रावण माह में भगवान शिव और राम की आराधना विशेष पुण्यदायी मानी जाती है।

सीताराम सत्संग प्रचार मंडल इस धार्मिक परंपरा को आगे बढ़ाते हुए प्रत्येक वर्ष इस आयोजन को और भव्य स्वरूप देता रहा है। आयोजन में श्रद्धालु पूरे भाव और श्रद्धा से भाग लेते हैं और रामचरितमानस के अखंड पाठ से घर-परिवार और समाज में सकारात्मक ऊर्जा के संचार का अनुभव करते हैं।

रामायण पाठ से मिलती है मानसिक शांति

संस्थान के पदाधिकारियों ने बताया कि रामायण पाठ का श्रवण और पाठ स्वयं में एक चमत्कारी साधना है। इसमें भाग लेने से मन को शांति मिलती है, पारिवारिक समस्याओं का समाधान होता है और समाज में सकारात्मकता एवं नैतिक मूल्यों की पुनः स्थापना होती है। यही कारण है कि इस आयोजन में हर वर्ग के लोग बच्चे, महिलाएं, बुज़ुर्ग और युवा उत्साह से भाग लेते हैं।

समापन पर कलश यात्रा और प्रसाद वितरण

इस धार्मिक आयोजन की पूर्णाहुति सोमवार को विधि-विधान से की जाएगी। मंगलवार को भव्य कलश यात्रा निकाली जाएगी, जिसमें सैकड़ों महिलाएं पारंपरिक वेशभूषा में सिर पर कलश लेकर भक्ति गीतों के साथ नगर भ्रमण करेंगी। इसके उपरांत भोग व प्रसाद वितरण किया जाएगा, जिसमें सभी श्रद्धालुओं को सम्मिलित होकर प्रसाद ग्रहण करने का निमंत्रण दिया गया है।

सामाजिक समरसता का अनोखा उदाहरण

इस कार्यक्रम ने खड़गपुर में धर्म, संस्कृति और समाज के सामूहिक भाव को पुनर्जीवित किया है। आयोजन में किसी एक समुदाय या वर्ग विशेष की नहीं, बल्कि संपूर्ण समाज की भागीदारी दिखाई दी। यही आयोजन की सबसे बड़ी विशेषता रही है- सबका साथ, सबका श्रद्धा।

आयोजकों की संकल्पना

मंडल अध्यक्ष अधिवक्ता ललित जायसवाल ने कहा, "हमारा उद्देश्य केवल एक धार्मिक परंपरा का निर्वाह करना नहीं, बल्कि इससे जुड़ी सामाजिक एकजुटता, नैतिकता और अध्यात्मिक चेतना को जन-जन तक पहुँचाना है। आने वाले वर्षों में भी हम इसे और व्यापक रूप में आगे बढ़ाते रहेंगे।"

 

 

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सुशील कुमार पाण्डेय मैं, अपने देश का एक जिम्मेदार नागरिक बनने की यात्रा पर हूँ, यही मेरी पहचान है I