सावरकर मानहानि केस: राहुल गांधी ने शिकायतकर्ता सत्यकी सावरकर के खिलाफ कोर्ट की अवमानना की कार्यवाही की मांग की
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने पुणे अदालत में वीर सावरकर के पोते सत्यकी सावरकर के खिलाफ कोर्ट की अवमानना याचिका दायर की है। उन्होंने सत्यकी पर अदालती आदेशों की जानबूझकर अनदेखी, भाषण की मूल सीडी व प्रमाणित ट्रांसक्रिप्ट न देने और प्रक्रिया में बाधा डालने का आरोप लगाया है। बचाव पक्ष का दावा है कि सत्यकी ने खराब पेन ड्राइव दी, जो किसी डिवाइस में नहीं चलती। राहुल गांधी ने इसे न्यायिक प्रक्रिया में बाधा और राजनीतिक साजिश बताया है। अदालत ने शिकायतकर्ता से 13 अगस्त तक जवाब मांगा है।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और सांसद राहुल गांधी ने पुणे की अदालत में हिंदुत्व विचारक वीर सावरकर के पोते सत्यकी सावरकर के खिलाफ कोर्ट की अवमानना याचिका दायर की है। राहुल गांधी ने सत्यकी सावरकर पर जानबूझकर अदालती आदेशों की अनदेखी करने, जरूरी साक्ष्य जैसे कि भाषण की मूल सीडी और प्रमाणित ट्रांसक्रिप्ट न उपलब्ध कराने व प्रक्रिया में बाधा डालने का आरोप लगाया है। बचाव पक्ष के अनुसार, सत्यकी ने मूल सीडी व प्रमाणित ट्रांसक्रिप्ट के स्थान पर एक खराब पेन ड्राइव दी है, जो किसी भी डिवाइस में पढ़ी नहीं जा सकती। राहुल गांधी के वकील ने तर्क दिया कि यह न्यायिक प्रक्रिया में बाधा और अदालत की अवमानना के दायरे में आता है।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी और हिंदुत्व विचारक वीर सावरकर के पोते सत्यकी सावरकर के बीच चल रहे मानहानि केस में नया मोड़ आ गया है। राहुल गांधी ने पुणे कोर्ट में याचिका दाखिल करके शिकायतकर्ता सत्यकी सावरकर के खिलाफ अवमानना कारर्वाई की मांग की है। उनके अनुसार, सत्यकी ने अदालत के स्पष्ट निर्देशों के बावजूद न तो भाषण की मूल सीडी और न ही प्रमाणित ट्रांसक्रिप्ट अदालत को या बचाव पक्ष को सौंपा।
राहुल गांधी की लीगल टीम का कहना है कि बार-बार मांग और अदालत के आदेश के बावजूद सत्यकी सावरकर सबूतों को प्रशासनीय प्रारूप में प्रस्तुत नहीं कर रहे। मूल सीडी की जगह एक खराब पेन ड्राइव दी गई है, जो किसी भी इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस में नहीं चलती, जिससे बचाव पक्ष अपना पक्ष मजबूती से नहीं रख पा रहा है। यह अदालत की प्रक्रिया में बाधा है और अवमानना की श्रेणी में आता है।
गांधी ने अपने आवेदन में तर्क दिया है कि यह मामला राजनीतिक बदले की भावना और योजनाबद्ध उत्पीड़न का हिस्सा है, जिसमें हिंदुत्व समर्थक समूह झूठे और बेबुनियाद केसों के जरिए न्यायिक प्रक्रिया का दुरुपयोग कर रहे हैं। उन्होंने यह भी बताया कि ताकतवर नेताओं ने भी पूर्व कांग्रेस प्रधानमंत्रियों के खिलाफ अपमानजनक बयान दिए, लेकिन कांग्रेस ने कभी आपराधिक मामले दर्ज नहीं किए।
कोर्ट ने शिकायतकर्ता सत्यकी सावरकर से 13 अगस्त तक जवाब मांगा है और उसके बाद फैसले की उम्मीद है।
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