झाड़ग्राम में ममता बनर्जी का चुनाव आयोग पर तीखा हमला, भाषा आंदोलन को लेकर कार्यकर्ताओं में जोश
टीएमसी सुप्रीमो व पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने झाड़ग्राम में भाषा आंदोलन की सभा में चुनाव आयोग और केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा। खड़गपुर और जंगल महल के विभिन्न हिस्सों से बड़ी संख्या में कार्यकर्ता रैली में शामिल हुए। ममता ने मतदाता सूची के विशेष पुनरीक्षण प्रक्रिया (एसआईआर) को लेकर केंद्र पर एनआरसी लागू करने की कोशिश का आरोप लगाया और कहा कि सरकारी कर्मचारियों को निलंबित कर डराया जा रहा है। उन्होंने बांग्ला भाषी लोगों के साथ देश के विभिन्न हिस्सों में हो रहे कथित भेदभाव पर भी नाराजगी जताई।

खड़गपुर, पश्चिम बंगाल। टीएमसी सुप्रीमो और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के जंगल महल दौरे को लेकर पार्टी कार्यकर्ताओं में भारी उत्साह देखने को मिला। जंगल महल के विभिन्न इलाकों के साथ ही रेल नगरी खड़गपुर से भी बड़ी संख्या में कार्यकर्ता रैली में भाग लेने के लिए झाड़ग्राम पहुंचे।
वरिष्ठ टीएमसी नेता एस. सूर्य प्रकाश राव (बाबजी) ने कहा कि इस कार्यक्रम से कार्यकर्ताओं में भाषा आंदोलन की समझ और मजबूत हुई है।
सभा में ममता बनर्जी ने चुनाव आयोग पर तीखा हमला बोलते हुए कहा- "सरकारी कर्मचारियों को धमकाया जा रहा है। कल भी एक ईआरओ को निलंबित किया गया। चुनाव में अभी आठ महीने बाकी हैं, तो किस कानून के तहत यह कार्रवाई हो रही है? क्या आप भाजपा की दलाली नहीं कर रहे?"
उन्होंने आरोप लगाया कि मतदाता सूची में संशोधन के नाम पर केंद्र सरकार एनआरसी को लागू करने की कोशिश कर रही है। ममता ने कहा- "चुनाव आठ-नौ महीने दूर हैं, और अभी से सस्पेंड कर रहे हैं। सब गुलाम हैं, भाजपा के बंधुआ मजदूर। गृह मंत्रालय की दलाली करते हैं… अमित शाह को लगता है कि जो वह कहेंगे, वही होगा।"
यह विवाद बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) से शुरू हुआ था और अब बंगाल में भी यह प्रक्रिया शुरू होने वाली है। राज्य सरकार ने पहले ही साफ कर दिया है कि वह किसी को निलंबित नहीं करेगी। ममता ने बीरभूम में हुई एक प्रशासनिक बैठक में बीएलओ को चेतावनी देते हुए कहा था कि वे राज्य सरकार के लिए काम करते हैं, इसलिए किसी को परेशान न करें।
गौरतलब है कि मंगलवार को बरुईपुर पूर्व के ईआरओ और मोयना विधानसभा के दो कर्मचारियों को चुनाव आयोग ने निलंबित कर दिया था। इसके अलावा एक डाटा एंट्री ऑपरेटर के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश भी दिया गया था, जिस पर मतदाता सूची में अवैध नाम जोड़ने का आरोप है।
सभा के दौरान ममता बनर्जी ने बांग्ला बोलने वालों के साथ देश के विभिन्न हिस्सों में हो रहे कथित भेदभाव और उत्पीड़न पर भी सख्त नाराजगी जताई।
What's Your Reaction?






