प्रयागराज में पत्रकार की निर्मम हत्या, डॉ. अजय पाल शर्मा की अगुवाई में पुलिस ने आरोपी को मुठभेड़ में दबोचा
प्रयागराज में सिविल लाइंस के हर्ष होटल के पास पत्रकार लक्ष्मी नारायण सिंह पर 25 से अधिक वार किए गए। डॉ. अजय पाल शर्मा के नेतृत्व में पुलिस ने मुख्य आरोपी को मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार किया। जाँच जारी।
प्रयागराज, 23 अक्तूबर 2025। प्रयागराज के सिविल लाइंस इलाके में गुरुवार रात हुई एक वीभत्स वारदात ने शहर को दहला दिया। वरिष्ठ पत्रकार लक्ष्मी नारायण सिंह उर्फ़ पप्पू (54 वर्ष) की धारदार हथियार से निर्मम हत्या कर दी गई। चश्मदीदों के मुताबिक, उन पर लगातार 25 से अधिक बार चाकू से वार किए गए। गंभीर रूप से घायल पत्रकार को तत्काल स्वरूपरानी नेहरू अस्पताल (एसआरएन) ले जाया गया, जहाँ डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
घटना का सिलसिला: कहासुनी से शुरू होकर हत्या तक पहुँचा विवाद
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, गुरुवार रात लगभग 10:30 बजे लक्ष्मी नारायण सिंह किसी काम से जीएचएस रोड, हर्ष होटल के पास पहुँचे थे। वहीं उनकी साहिल नामक युवक से कहासुनी हो गई। बात बढ़ी तो साहिल के साथी विशाल और अन्य युवकों ने मिलकर उन पर ताबड़तोड़ हमला कर दिया। हमले में गंभीर रूप से घायल पत्रकार वहीं लहूलुहान होकर गिर पड़े। सूचना मिलते ही सिविल लाइंस पुलिस मौके पर पहुँची और उन्हें अस्पताल भेजा, जहाँ करीब दो घंटे इलाज के बाद उन्होंने दम तोड़ दिया।
डॉ. अजय पाल शर्मा की त्वरित कार्रवाई: दो घंटे में मुठभेड़ और गिरफ्तारी
हत्या की खबर मिलते ही अपर पुलिस आयुक्त (कानून एवं व्यवस्था) डॉ. अजय पाल शर्मा ने तत्काल विशेष टीम गठित की। उन्होंने स्वयं जाँच और कार्रवाई की कमान संभाली। टीम ने सीसीटीवी फुटेज और स्थानीय सूत्रों की मदद से मुख्य आरोपी विशाल की पहचान की। कुछ ही घंटों में मुखबिर से सूचना मिली कि आरोपी नेहरू पार्क क्षेत्र में छिपा है। पुलिस ने इलाके को घेर लिया। खुद को घिरा देख आरोपी ने फायरिंग शुरू कर दी। जवाबी कार्रवाई में पुलिस की गोली उसके दोनों पैरों में लगी। इसके बाद उसे पकड़कर एसआरएन अस्पताल में भर्ती कराया गया।
डॉ. शर्मा ने मीडिया को बताया, “मुख्य आरोपी विशाल को मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार किया गया है। उसके पास से हथियार बरामद हुए हैं। प्रारंभिक जाँच में पता चला है कि पत्रकार से पूर्व परिचय और विवाद के चलते यह वारदात की गई। आरोपी के स्वास्थ्य में सुधार होते ही उससे विस्तृत पूछताछ की जाएगी।”
पुलिस जाँच की दिशा: पुराने विवाद की कड़ी तलाश
प्रारंभिक जाँच में यह बात सामने आई है कि पत्रकार लक्ष्मी नारायण सिंह का आरोपियों से पहले भी किसी निजी विवाद या रंजिश को लेकर टकराव हुआ था। पुलिस अब इस पुराने विवाद की विस्तृत तहकीकात कर रही है। इसके साथ ही घटना स्थल के आसपास के सीसीटीवी फुटेज को खंगाला जा रहा है। साहिल और उसके अन्य साथियों की गिरफ्तारी के लिए दबिश जारी है।
पीड़ित की पहचान और सामाजिक पृष्ठभूमि
मृतक लक्ष्मी नारायण सिंह उर्फ़ पप्पू, प्रयागराज के एक स्थानीय पत्रकार थे। वे इलाहाबाद हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष अशोक सिंह के चचेरे भतीजे बताए जा रहे हैं। स्थानीय पत्रकार संगठनों ने घटना पर गहरा शोक व्यक्त किया है और पत्रकार सुरक्षा कानून की माँग को फिर से उठाया है।
प्रशासनिक प्रतिक्रिया और जाँच की निगरानी
पुलिस आयुक्तालय प्रयागराज ने मामले की निगरानी स्वयं अपर पुलिस आयुक्त (कानून एवं व्यवस्था) डॉ. अजय पाल शर्मा को सौंपी है। उन्होंने स्पष्ट किया कि “पत्रकार पर हमला एक जघन्य अपराध है। अपराधियों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा। हर पहलू से जाँच जारी है।”
पुलिस के अनुसार, आरोपी के एक साथी की तलाश तेज कर दी गई है और टीमों को संभावित ठिकानों पर भेजा गया है।
समाज में आक्रोश, प्रेस समुदाय ने की पारदर्शी जाँच की माँग
इस वीभत्स हत्या से मीडिया जगत में गहरा आक्रोश है। स्थानीय पत्रकार संगठनों ने प्रशासन से तेज़ और निष्पक्ष जाँच की माँग की है। सोशल मीडिया पर भी पत्रकार सुरक्षा कानून लागू करने की बहस एक बार फिर तेज़ हो गई है। प्रयागराज में पत्रकार की हत्या ने प्रदेश में पत्रकारों की सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। हालांकि, डॉ. अजय पाल शर्मा की नेतृत्व में पुलिस की त्वरित मुठभेड़ और गिरफ्तारी कार्रवाई ने प्रशासन की तत्परता को भी रेखांकित किया है। अब पूरा ध्यान इस बात पर केंद्रित है कि जाँच पारदर्शी ढंग से पूरी हो और सभी दोषियों को सख़्त सज़ा मिले।
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