जौनपुर जिला कारागार में मोह. सुफियान की संदिग्ध मृत्यु, मजिस्ट्रियल जाँच और पोस्टमार्टम आदेशित

जौनपुर जेल में 24 वर्षीय मोहम्मद सुफियान का शव जनरेटर रूम में फंदे से लटका मिला। जिला प्रशासन ने पोस्टमार्टम व मजिस्ट्रियल जाँच के आदेश दिए; परिजन मौत को संदिग्ध बताते हुए निष्पक्ष जाँच की माँग कर रहे हैं।

Nov 22, 2025 - 11:32
Nov 25, 2025 - 08:06
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जौनपुर जिला कारागार में मोह. सुफियान की संदिग्ध मृत्यु, मजिस्ट्रियल जाँच और पोस्टमार्टम आदेशित
विलाप करते मृतक के परिजन

जौनपुर जिला कारागार में शुक्रवार तड़के एक विचाराधीन कैदी मोहम्मद सुफियान का शव जेल परिसर के जनरेटर रूम में लटका हुआ पाया गया। स्थानीय समाचार एजेंसियों के मुताबिक सुफियान को हाल ही में उसकी पत्नी हेना बानो की संदिग्ध मौत के संबंध में दर्ज रिपोर्ट के बाद दहेज़ हत्या के आरोप में हिरासत में लिया गया था; वह 27 अक्टूबर को कोर्ट में समर्पण कर कानूनी प्रक्रिया के बाद जेल भेजा गया था। जेल प्रशासन ने प्राथमिक जानकारी में कहा कि घटना के समय जेल अधिकारी घटना स्थल पर पहुँचकर आवश्यक कार्यवाही किए हैं और जिलाधिकारी/पुलिस भी मौके पर पहुँचे। जिलाधिकारी डॉ दिनेश चन्द्र “मजिस्ट्रियल जाँच के निर्देश दिए हैं और पोस्टमार्टम करवा दिया गया है।” जिला प्रशासन ने शव को पोस्टमार्टम के लिए मेडिकल कॉलेज भेजा और मजिस्ट्रियल जाँच के आदेश जारी किए, यह कदम आमतौर पर जेल में किसी भी अप्रत्याशित या संदिग्ध मृत्यु की स्वतंत्र सत्यापन के लिए लिया जाता है।

परिजन की माँग: “हमें पूरी जाँच चाहिए, जेल भेजे जाने के बाद क्या हुआ, यह साफ़ हो।”

परिवार के बयान: रिपोर्टों में परिजन खासकर मृतक की बहन ने जेल भेजे जाने के बाद की परिस्थितियों और सुरक्षा तंत्र पर सवाल उठाए हैं; उन्होंने कहा है कि सुफियान को जेल भेजे जाने के बाद क्या हुआ, इसकी पूरी और निष्पक्ष जाँच होनी चाहिए। स्थानीय मीडिया पर परिवार के वीडियो और बयान प्रसारित हुए हैं जिनमें उन्होंने मजिस्ट्रियल और पुलिस जाँच की माँग की है।

क्या कहा गया है और क्या जाँच होगी, क्या देखना आवश्यक है:

पोस्टमार्टम रिपोर्ट (मृत्यु का कारण) : घातक घाव/घावों का स्वरूप, शरीर पर चोटें, गले का निशान इत्यादि यह प्राथमिक और निर्णायक दस्तावेज़ होगा।

जेल सीसीटीवी, ड्यूटी रजिस्टर और जेल कर्मियों के बयानों का विश्लेषण : घटना से पहले-आखिर क्या हुआ, कौन-सी ड्यूटी पर कौन से आगंतुक या कर्मचारी थे, यह सामने आएगा।

पोस्टिंग/ट्रांज़िट रिकॉर्ड : सुफियान किस बैरक में बंद किया गया था, वह जनरेटर रूम तक कैसे पहुँचा या किसने जाने दिया।

किसी भी बाहरी या आंतरिक शारीरिक संघर्ष/दबाव के संकेत : शरीर पर चोटों का मिलान, जेल के भीतर विरोधी गुटों के प्रभाव की जाँच।

वर्तमान में उपलब्ध जानकारी बताती है कि सुफियान की मौत जेल के भीतर हुई और प्रशासन ने मजिस्ट्रियल जाँच व पोस्टमार्टम का आदेश दिया। परिजन की चिंताएँ सार्वजनिक रूप से उठी हैं, इसलिए इस तरह की घटनाओं में निष्पक्ष, स्वतंत्र और पारदर्शी जाँच की आवश्यकता और भी बढ़ जाती है। अंतिम रूप से निष्कर्ष डालने से पहले पोस्टमार्टम रिपोर्ट, जेल के सीसीटीवी/ड्यूटी-लॉग और मजिस्ट्रियल जाँच की पृष्ठ सत्यापित रिपोर्ट का आना अनिवार्य है।

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