जौनपुर: मड़ियाहूं के तत्कालीन थानाध्यक्ष समेत 12 पर कोर्ट के आदेश से एफआईआर दर्ज

अधिवक्ता सुशील कुमार यादव की याचिका पर कोर्ट ने आदेश दिया। थानाध्यक्ष पर झूठी विवेचना और वादी को हत्या के फर्जी मामले में फँसाने का आरोप लगा। एफआईआर दर्ज कर न्यायालय में रिपोर्ट भेजी गई।

Oct 11, 2025 - 22:34
Oct 11, 2025 - 23:01
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जौनपुर: मड़ियाहूं के तत्कालीन थानाध्यक्ष समेत 12 पर कोर्ट के आदेश से एफआईआर दर्ज
कोर्ट ने मुकदमा दर्ज करने का दिया आदेश

जौनपुर। दीवानी न्यायालय जौनपुर के अधिवक्ता सुशील कुमार यादव की प्रार्थना पर अदालत के आदेश से मड़ियाहूं थाने में तत्कालीन थानाध्यक्ष विनोद मिश्र समेत 12 लोगों के खिलाफ विभिन्न गंभीर धाराओं में एफआईआर दर्ज की गई है।

आरोप है कि तत्कालीन थानाध्यक्ष ने झूठी विवेचना करते हुए वादी को फर्जी मुकदमे में फँसाने का प्रयास किया, जबकि अन्य आरोपितों पर संजय सिंह की हत्या कर वादी को दोषी ठहराने का आरोप है।

 मामले की पृष्ठभूमि

अधिवक्ता सुशील कुमार यादव, निवासी ऊंचनी कला, मड़ियाहूं, ने बताया कि 29 फरवरी 2024 को अजय सिंह व उनके सहयोगी सरकारी भूमि पर कब्जा कर रहे थे। उन्होंने 112 डायल कर पुलिस को सूचना दी, जिसके बाद कब्जा रुकवाया गया।

दोपहर में जब लेखपाल मौके पर पहुँचे तो अजय सिंह, प्रताप सिंह, रणजीत सिंह समेत अन्य लोगों ने वादी पर हमला कर दिया। इस घटना की एफआईआर उसी दिन थाने में दर्ज की गई थी।

हत्या और फर्जी फँसाने का आरोप

वादी के अनुसार, उसी दिन प्रताप सिंह ने थाने में धमकी दी कि “समझौता कर लो, नहीं तो पछताओगे।” इसके बाद चार मार्च 2024 को मड़ियाहूं पुलिस ने अधिवक्ता सुशील को घर से उठाकर थाने में लॉकअप में बंद कर दिया।

इसी बीच ऊंचनी निवासी संजय सिंह की हत्या हो गई और आरोपित पक्ष ने सुशील कुमार यादव व उनके परिजनों को ही हत्या के मामले में फँसवा दिया।

वादी का कहना है कि वह हत्या की घटना के समय अपने घर पर मौजूद था, जिसका मोबाइल लोकेशन और कॉल डिटेल्स से प्रमाण मिल सकता है। बावजूद इसके पुलिस ने उसकी बात नहीं सुनी और विवेचना को एकतरफा करते हुए आरोप पत्र न्यायालय में भेज दिया।

थानाध्यक्ष पर धमकी का आरोप

सुशील कुमार का आरोप है कि जब उन्होंने तत्कालीन थानाध्यक्ष विनोद मिश्र से निष्पक्ष जांच की मांग की, तो उन्हें गैंगस्टर एक्ट में फँसाने की धमकी दी गई।

इसके बाद उन्होंने 29 अप्रैल 2024 को पुलिस अधीक्षक जौनपुर को प्रार्थना पत्र दिया, लेकिन कार्रवाई न होने पर वे अदालत पहुँचे।

 कोर्ट का आदेश और एफआईआर दर्ज

अधिवक्ता की प्रार्थना पर सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (सीजेएम) श्वेता यादव ने 12 सितंबर 2025 को मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया।

कोर्ट के आदेश के अनुपालन में 1 अक्तूबर 2025 को मड़ियाहूं थाने में एफआईआर दर्ज कर ली गई और उसकी प्रति न्यायालय में प्रस्तुत की गई।

आरोपितों की सूची

एफआईआर में नामजद

थानाध्यक्ष विनोद मिश्र, पुलिसकर्मी पवन कुमार पांडेय, तथा ऊंचनी कला निवासी प्रताप सिंह, रविंद्र सिंह, अजय सिंह, रणजीत सिंह, कपिल देव सिंह, शुभम सिंह, सुनील यादव, आशीष गौड़, और कैलावार गांव के उमाशंकर यादव व भरत कुमार।

मुख्य बिंदु:

 कोर्ट के आदेश पर दर्ज हुआ मुकदमा

 तत्कालीन थानाध्यक्ष पर झूठी विवेचना का आरोप

 वादी को हत्या के फर्जी मुकदमे में फँसाने का दावा

 12 सितंबर को कोर्ट ने दिया आदेश, 1 अक्तूबर को दर्ज हुई रिपोर्ट

 

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