मुखबिर बना दरोगा – कानपुर पुलिस की बड़ी किरकिरी, सीसीटीवी में हुआ खुलासा
कानपुर के एक बेहद संवेदनशील मामले में पुलिस की भूमिका पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। 11 जून 2025 को दीनू गैंग से जुड़े बदमाश अनूप शुक्ला के घर दबिश से पहले, दरोगा आदित्य बाजपेई खुद बाइक पर एक कांस्टेबल के साथ पहुँ चा और सीधे बदमाश को फरार होने की सलाह दे दी।

कानपुर के एक बेहद संवेदनशील मामले में पुलिस की भूमिका पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। 11 जून 2025 को दीनू गैंग से जुड़े बदमाश अनूप शुक्ला के घर दबिश से पहले, दरोगा आदित्य बाजपेई खुद बाइक पर एक कांस्टेबल के साथ पहुँ चा और सीधे बदमाश को फरार होने की सलाह दे दी। कुछ ही मिनट बाद वही दरोगा औपचारिक फोर्स के साथ नाटकीय अंदाज़ में छापा मारने पहुँचा, लेकिन तब तक अनूप शुक्ला फरार हो चुका था।
यह पूरी घटना सीसीटीवी में कैद हो गई, जो अब सार्वजनिक हो चुकी है। पुलिस कमिश्नर अखिल कुमार ने दरोगा व कांस्टेबल को तत्काल निलंबित कर एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए हैं। यह घटना पुलिस-बदमाश गठजोड़ की ओर इशारा करती है और यूपी पुलिस की छवि पर गंभीर प्रश्नचिन्ह लगाती है।
मुख्य तथ्य:
तारीख: 11 जून 2025
स्थान: कानपुर नगर
मुख्य आरोपी: दरोगा आदित्य बाजपेई, एक कॉन्स्टेबल (नाम उजागर नहीं)
बदमाश: अनूप शुक्ला (दीनू गैंग से संबद्ध)
सबूत: सीसीटीवी फुटेज में दरोगा द्वारा बदमाश को सूचना देना कैद
कार्रवाई: निलंबन + एफआईआर के आदेश (पुलिस कमिश्नर अखिल कुमार द्वारा)
प्रभाव और संदेश:
यह घटना दर्शाती है कि सिस्टम के भीतर से जब विश्वासघात होता है, तब कानून व्यवस्था की नींव तक हिल जाती है। यह सिर्फ व्यक्तिगत भ्रष्टाचार नहीं, बल्कि संगठित अपराध को प्रश्रय देने जैसा है। अब देखना होगा कि यह मामला पुलिस विभागीय सुधार के लिए उदाहरण बनता है या एक और लीपापोती की भेंट चढ़ता है।
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