फर्रुखाबाद पुलिस अधीक्षक आरती सिंह ने कायमगंज कोतवाल अनुराग मिश्रा को हाईकोर्ट की फटकार के बाद किया निलंबित

फर्रुखाबाद: इलाहाबाद हाईकोर्ट की फटकार के बाद एसपी आरती सिंह ने कायमगंज कोतवाल अनुराग मिश्रा को निलंबित कर दिया। कोर्ट ने दो लोगों को बिना जानकारी के हिरासत में रखने और याचिका वापस लेने के लिए दबाव बनाने का आरोप लगाया था। पुलिस विभाग में हड़कंप मचा हुआ है, विस्तृत जाँच जारी।

Oct 17, 2025 - 15:49
Oct 17, 2025 - 22:45
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फर्रुखाबाद पुलिस अधीक्षक आरती सिंह ने कायमगंज कोतवाल अनुराग मिश्रा को हाईकोर्ट की फटकार के बाद किया निलंबित
कायमगंज कोतवाल अनुराग मिश्रा निलंबित

17 अक्तूबर 2025 फर्रुखाबाद जिले के कायमगंज थाना क्षेत्र में चल रहे एक विवाद ने उत्तर प्रदेश पुलिस प्रशासन और इलाहाबाद हाईकोर्ट के मध्य महत्वपूर्ण घटनाक्रम को जन्म दिया है। मामला 8 सितंबर 2025 की है, जब थाना प्रभारी कायमगंज अनुराग मिश्रा, क्षेत्राधिकारी राजेश कुमार द्विवेदी और कुछ पुलिसकर्मियों ने फर्रुखाबाद निवासी प्रीति यादव के घर बिना किसी कानूनी प्रक्रिया के घुसकर दो परिवार के सदस्यों को हिरासत में ले लिया। आरोप है कि यह हिरासत करीब एक सप्ताह तक चली और पुलिस ने प्रीति यादव से दबाव बनाकर एक लिखित बयान भी लिया कि वे कोई शिकायत या याचिका दर्ज नहीं करेंगी।

इस कार्रवाई के खिलाफ प्रीति यादव ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर की जिसमें पुलिस अधीक्षक फर्रुखाबाद आरती सिंह, क्षेत्राधिकारी और कोतवाल को आरोपित किया गया। याचिका में आरोप था कि पुलिस ने बिना एफआईआर दर्ज किए दो व्यक्तियों को हिरासत में रखा और हाईकोर्ट के समक्ष इस वास्तविकता को झूठा साबित करने का प्रयास किया गया।

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इस पर कड़ी नाराजगी जताई और सुनवाई के दौरान पुलिस अधीक्षक आरती सिंह तथा अन्य अधिकारियों को अदालत में व्यक्तिगत रूप से हाजिर होने और स्पष्टीकरण देने का आदेश दिया। जस्टिस जे जे मुनिर और संजीव कुमार की खंडपीठ ने पुलिस अधीक्षक आरती सिंह को हिरासत में लेने तक का आदेश दिया, जो कि फिलहाल वकील की याचिका के कारण स्थगित है। अदालत ने पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिया कि याचिकाकर्ता से कोई संपर्क या धमकी न दी जाए।

पुलिस अधीक्षक आरती सिंह ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में पेश होकर हलफनामा दिया और माफी भी माँगी, साथ ही मामले की जांच कराने का आश्वासन दिया। फिर भी, कोर्ट ने इस मामले की गंभीरता को देखते हुए फैसला सुरक्षित रख लिया है। उच्च अधिकारियों की कथित जवाबदेही, अवैध पुलिस हिरासत, और याचिका वापस लेने के लिए दबाव जैसे आरोप पूरे मामले की संवेदनशीलता दर्शाते हैं।

इन घटनाओं के बाद पुलिस अधीक्षक आरती सिंह ने तत्काल प्रभाव से कायमगंज कोतवाल अनुराग मिश्रा को निलंबित किया है। यह कार्रवाई पुलिस विभाग में अनुशासन बनाए रखने और कोर्ट की टिप्पणियों का सम्मान करने के उद्देश्य से की गई है।

यह मामला उत्तर प्रदेश पुलिस प्रशासन के लिए एक चेतावनी के रूप में देखा जा रहा है, जिसमें पुलिसकर्मियों की कार्यप्रणाली पर कड़ी निगरानी और जवाबदेही की आवश्यकता जाहिर होती है। इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश और कार्रवाई ने सभी वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को सतर्क कर दिया है कि वे अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन कड़ाई से करें और किसी भी अवैध या अनुचित गतिविधि में शामिल न हों।

 मुख्य बिंदु

- 8 सितंबर को FIR के बिना दो व्यक्तियों की हिरासत और दबाव में याचिका वापस लेने का आरोप।

- इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गंभीर नाराजगी जताई, पुलिस अधीक्षक आरती सिंह सहित पुलिस अधिकारियों को कोर्ट में हाजिर होने का आदेश।

- कोर्ट ने पुलिस अधीक्षक आरती सिंह को हिरासत में लेने तक का आदेश दिया, लेकिन फिलहाल स्थगित।

- पुलिस अधीक्षक ने कोर्ट में माफी माँगी और जांच का आश्वासन दिया।

- तत्काल असर के तहत कायमगंज कोतवाल अनुराग मिश्रा को निलंबित किया गया है।

 

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