उत्तर प्रदेश में छांगुर बाबा उर्फ जमालुद्दीन के धर्मांतरण रैकेट का भंडाफोड़
उत्तर प्रदेश के बलरामपुर में छांगुर बाबा उर्फ जमालुद्दीन के नेतृत्व में चल रहे एक बड़े धर्मांतरण रैकेट का पर्दाफाश हुआ है। इस रैकेट के माध्यम से सैकड़ों हिंदू नागरिकों को फर्जीवाड़े, लालच और दबाव के जरिए ईसाई और मुस्लिम धर्म में परिवर्तित कराया गया।

छांगुर बाबा धर्मांतरण रैकेट: विदेशी फंडिंग, जाली दस्तावेज़ और सैकड़ों लोगों का जबरन धर्म परिवर्तन
उत्तर प्रदेश के बलरामपुर में छांगुर बाबा उर्फ जमालुद्दीन के नेतृत्व में चल रहे एक बड़े धर्मांतरण रैकेट का पर्दाफाश हुआ है। इस रैकेट के माध्यम से सैकड़ों हिंदू नागरिकों को फर्जीवाड़े, लालच और दबाव के जरिए ईसाई और मुस्लिम धर्म में परिवर्तित कराया गया। जांच में विदेशी फंडिंग, जाली दस्तावेज़, करोड़ों की संपत्ति और संगठित नेटवर्क का खुलासा हुआ है। मामले में कई आरोपियों की गिरफ्तारी, संपत्ति जब्ती और मनी लॉन्ड्रिंग की जांच जारी है।
रैकेट का खुलासा और गिरफ्तारी
- उत्तर प्रदेश एटीएस ने छांगुर बाबा (असली नाम: जमालुद्दीन) और उसकी सहयोगी नीतू उर्फ नसरीन को गिरफ्तार किया।
- छांगुर बाबा पर आरोप है कि उसने बलरामपुर सहित कई जिलों में संगठित रूप से धर्मांतरण रैकेट चलाया।
सैकड़ों लोगों का फर्जी धर्म परिवर्तन
- जांच में सामने आया कि छांगुर बाबा ने लगभग 5000 हिंदुओं (जिनमें 1500 लड़कियां शामिल) का धर्म परिवर्तन कराया।
- धर्म परिवर्तन के लिए लालच, भय, जाली दस्तावेज़ और ब्लैकमेलिंग का सहारा लिया गया।
विदेशी फंडिंग और संपत्ति
- ईडी और एटीएस को छांगुर बाबा के 18 बैंक खातों में 68 करोड़ रुपये का लेन-देन मिला, जिसमें सिर्फ तीन महीनों में 7 करोड़ रुपये विदेशों से आए।
- कुल विदेशी फंडिंग का आंकड़ा 100 करोड़ से लेकर 500 करोड़ रुपये तक बताया जा रहा है, जिसमें पाकिस्तान, तुर्की, यूएई और सऊदी अरब जैसे देशों से पैसा आया।
- फंडिंग का इस्तेमाल प्रॉपर्टी खरीद, धर्मांतरण नेटवर्क और प्रचार-प्रसार में हुआ।
जाली दस्तावेज़ और नेटवर्क
- छांगुर बाबा के पास से विदेशी फंडिंग से जुड़े दस्तावेज़, लैपटॉप, जाली पहचान पत्र और अन्य आपत्तिजनक सामग्री जब्त की गई।
- गिरोह के 30-40 सदस्य अभी फरार हैं, जिनमें कई डॉक्टर, रसूखदार और अन्य सहयोगी शामिल हैं।
प्रशासनिक कार्रवाई
- योगी सरकार ने छांगुर बाबा की 100 करोड़ से अधिक की संपत्ति पर बुलडोजर चलाया।
- ईडी, इनकम टैक्स और खुफिया एजेंसियां मनी लॉन्ड्रिंग, विदेशी फंडिंग और नेटवर्क की जांच कर रही हैं।
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