हिरोशिमा दिवस पर विज्ञानकर्मियों का रक्तदान, शुश्रुत घोषाल के जन्मदिन को मिली नई पहचान

हिरोशिमा दिवस पर ‘क्षुद्र वैज्ञानिक’ शुश्रुत घोषाल के जन्मदिन के अवसर पर मिदनापुर मेडिकल कॉलेज में रक्तदान शिविर आयोजित हुआ, जिसमें 21 लोगों ने रक्तदान किया। 7 A+ रक्तदाता, 9 महिलाएँ, 6 प्रथम बार रक्तदाता और कई विज्ञानकर्मियों की सक्रिय भागीदारी रही। यह आयोजन वैज्ञानिक समुदाय की सामाजिक जिम्मेदारी का उदाहरण बना।

Aug 6, 2025 - 19:06
Aug 6, 2025 - 19:06
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हिरोशिमा दिवस पर विज्ञानकर्मियों का रक्तदान, शुश्रुत घोषाल के जन्मदिन को मिली नई पहचान
हिरोशिमा दिवस पर विज्ञानकर्मियों का रक्तदान

सामाजिक दायित्व को प्राथमिकता देते हुए क्षुद्र वैज्ञानिकशुश्रुत घोषाल के जन्मदिन के अवसर पर, उनके परिवार के प्रबंधन और संगठन की केंद्रीय विज्ञान सभा एवं पश्चिम मिदनापुर जिला समिति के सहयोग से, आज हिरोशिमा दिवस के दिन मिदनापुर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के ब्लड सेंटर में इन-हाउस रक्तदान शिविर आयोजित किया गया।

इस शिविर में कुल 21 लोगों ने रक्तदान किया, जिनमें 9 महिलाएँ और 12 पुरुष शामिल थे। इनमें से 6 लोग पहली बार रक्तदाता बने, जबकि 6 लोग स्वास्थ्य कारणों से रक्तदान नहीं कर सके। उल्लेखनीय है कि इस समय सबसे अधिक कमी वाले A+ रक्त समूह के 7 दाताओं ने इस शिविर में रक्तदान किया।

रक्तदाताओं को प्रोत्साहित करने हेतु उपस्थित थे - संगठन के जिला समिति के कार्यालय सचिव चंद्रशेखर दास, केंद्रीय विज्ञान सभा के सचिव अभिजीत दास गोस्वामी, अध्यक्ष कंचन भौमिक, मिदनापुर ग्रामीण पूर्व विज्ञान केंद्र के अध्यक्ष सुदीप कुमार खाड़ा, मिदनापुर ग्रामीण पश्चिम विज्ञान केंद्र के अध्यक्ष तरापदा गुच्छैत, संगठन के आजीवन सदस्य प्रो. डॉ. सुदीप चौधरी, विज्ञान सभा की सदस्य सुस्मिता बाग, मैिनाक राय, अशोक दास, एवं संगठन के शुभेच्छु चंद्रनाथ चट्टोपाध्याय सहित कई विज्ञानकर्मी।

विशेष रूप से, विज्ञान सभा के अध्यक्ष कंचन भौमिक ने स्वयं रक्तदान कर इस सामाजिक पहल का नेतृत्व किया। यह शिविर न केवल वैज्ञानिक समुदाय की सामाजिक संवेदनशीलता को दर्शाता है, बल्कि हिरोशिमा दिवस के संदेश-मानवता और जीवन बचाने की प्रेरणा को भी सशक्त करता है।

 

 

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तारकेश कुमार ओझा तारकेश कुमार ओझा पिछले तीन दशकों से पश्चिम बंगाल के खड़गपुर में सक्रिय पत्रकार हैं। कोलकाता से प्रकाशित दैनिक विश्वमित्र से पत्रकारिता की शुरुआत करने वाले ओझा पऱख, महानगर, चमकता आईना, प्रभात खबर और वर्तमान में दैनिक जागरण में वरिष्ठ उपसंपादक के रूप में कार्यरत हैं। आप समसामयिक विषयों, व्यंग्य, कविता और कहानियों के साथ-साथ ब्लॉग लेखन में भी सक्रिय हैं। माओवादी आंदोलन से लेकर महेंद्र सिंह धोनी के संघर्षपूर्ण दिनों तक, आपकी कई रिपोर्टें चर्चा में रही हैं। आपको मटुकधारी सिंह हिंदी पत्रकारिता पुरस्कार, लीलावती स्मृति सम्मान सहित कई बेस्ट ब्लॉगर अवार्ड प्राप्त हो चुके हैं।